Sunday, January 12, 2025
Home देश दिल्‍ली में भयावह हुए हालात, 56 दिनों में 474 लोगों ने तड़पकर दे दी जान

दिल्‍ली में भयावह हुए हालात, 56 दिनों में 474 लोगों ने तड़पकर दे दी जान

by
0 comment

Last Updated:

Delhi News: दिल्‍ली और आसपास के इलाकों में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है. इससे वे लोग सबसे ज्‍यादा प्रभावित हो रहे हैं, जिनके सिर पर कोई छत नहीं है. NGO की रिपोर्ट में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है.

नई दिल्‍ली. देश की राजधानी दिल्‍ली समेत पूरा उत्‍तर और पूर्वी भारत इन दिनों कड़ाके की ठंड का सामनाकर रहा है. गिरते तापमान और कोहरे ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है. नेशनल कैपिटल में तो और बुरा हाल है. दिल्‍ली में इन दिनों चुनावी माहौल है. सरकार के साथ ही पूरा अमला चुनाव तैयारियों में व्‍यस्‍त है. सरकार और विपक्ष के स्‍टार प्रचारक धुआंधार तरीके से चुनाव प्रचार कर रहे हैं. जनता के हित में कदम उठाने के ताबड़तोड़ वादे किए जा रहे हैं. इस बीच, दिल्‍ली का दूसरा चेहरा भी सामने आया है. होमलेस या निराश्रितों को सर्दी के मौसम में सुरक्ष‍ित आश्रय स्‍थल या नाइट कैंप मुहैया कराने को लेकर बड़े-बड़े वादे किए गए थे, पर हकीकत इसके उलट है. एक गैर सरकारी संस्‍था की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्‍ली में नवंबर से अभी तक कुल 474 लोगों की मौत हो गई है. इनकी मौत की वजह ठंड की चपेट में आना बताया गया है.

एक NGO ने शनिवार को दावा किया कि 15 नवंबर 2024 से 10 जनवरी 2025 के बीच दिल्ली में कम से कम 474 बेघर लोगों की ठंड की चपेट में आने से मौत हो गई है. हालांकि, बेघरों के कल्याण के लिए काम करने वाले गैर सरकारी संगठन सेंटर फॉर होलिस्टिक डेवलपमेंट (सीएचडी) द्वारा किए गए दावे की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है. दिल्ली के मुख्य सचिव धर्मेंद्र और दिल्‍ली अर्बन इंप्रूवमेंट बोर्ड के CEO अधिकारी रवि धवन को लिखे एक पत्र में सीएचडी ने पुलिस आंकड़ों का हवाला देते हुए संकेत दिया कि शहर में 80 प्रतिशत अज्ञात शव बेघर व्यक्तियों के माने जाते हैं.

महिला के शरीर पर कहीं भी चोट का निशान नहीं, जेब में था बंद मोबाइल फोन, स्विच ऑन करते ही खुला खौफनाक राज

खतरनाक स्थिति
एनजीओ ने दावा किया कि 15 नवंबर 2024 से 10 जनवरी 2025 के बीच दिल्ली में ठंड की चपेट में आने से 474 बेघर लोगों की मौत हो गई. इनलोगों के पास ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े, कंबल और शेल्‍टर जैसी बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्‍ध नहीं थीं. एनजीओ सीएचडी ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि सड़कों पर रहने वाले लोगों को सांस लेने में इंफेक्‍शन, स्किन डिजिज, गठिया और बिगड़ते मानसिक स्वास्थ्य सहित कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. एनजीओ ने कहा कि पुरानी बीमारियां जैसे अस्थमा, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) और हार्ट संबंधी बीमारियां ठंड के मौसम में विकराल हो जाती हैं. इस वजह से समस्‍याएं बढ़ती हैं और मौत भी हो जाती है.

पत्र में और क्‍या लिखा?
NGO ने दिल्‍ली के मुख्‍य सचिव को लिखे पत्र में कई गंभीर बातों के बारे में जानकारी दी. पत्र में लिखा कि शहर में कई आश्रय स्थल मांग को पूरा करने में असमर्थ हैं. जो नाइट शेल्‍टर उपलब्ध हैं, उनमें अक्सर हीटिंग और गर्म पानी जैसी आवश्यक सुविधाओं का अभाव होता है, जिससे व्यक्तियों को ठंड का सामना करना पड़ता है. एनजीओ ने अधिकारियों से शेल्‍टर होम की क्षमता बढ़ाने, गर्म पानी और गर्म कपड़े जैसी आवश्यक सेवाएं प्रदान करने और समावेशी आवास नीतियों और व्यापक सहायता सेवाओं के माध्यम से बेघर होने की वजहों का समाधान करने का आग्रह किया.

You may also like

Leave a Comment

About Us

Welcome to janashakti.news/hi, your trusted source for breaking news, insightful analysis, and captivating stories from around the globe. Whether you’re seeking updates on politics, technology, sports, entertainment, or beyond, we deliver timely and reliable coverage to keep you informed and engaged.

@2024 – All Right Reserved – janashakti.news/hi

Adblock Detected

Please support us by disabling your AdBlocker extension from your browsers for our website.