Monday, February 24, 2025
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दिल्ली को मिलेगी कूड़े के पहाड़ों से मुक्ति, अब गाजीपुर लैंडफिल साइट पर भी कचरा ठिकाने लगाने का काम शुरू

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नई दिल्ली : एमसीडी ने गाजीपुर लैंडफिल साइट पर बने कूड़े के पहाड़ को ठिकाने लगाने का काम दयाचरण एंड कंपनी को सौंप दिया है। एमसीडी भलस्वा और ओखला लैंडफिल साइट पर बने कूड़े के पहाड़ को ठिकाने लगाने का काम पहले ही अल्फा नामक कंपनी को सौंप चुकी है। एमसीडी अधिकारियों का कहना है कि इन दोनों साइटों पर कंपनी ने काम भी शुरू कर दिया है। गाजीपुर लैंडफिल साइट पर कूड़ा प्रोसेस करने का काम भी जल्द शुरू हो जाएगा।

एमसीडी ने तीनों लैंडफिल साइटों के लिए मांगे टेंडर

एमसीडी ने तीनों लैंडफिल साइटों के लिए अलग-अलग टेंडर मांगे थे। एक लैंडफिल साइट पर 5-6 कंपनियों ने दावा ठोका था। एमसीडी अधिकारियों का कहना है कि तीनों लैंडफिल साइटों पर इस समय 160 लाख मीट्रिक टन कूड़ा बचा हुआ है। भलस्वा और ओखला लैंडफिल साइट पर कूड़े की बायोमाइनिंग का काम जिन कंपनियों को सौंपा गया था, उन्होंने अपना टारगेट पूरा कर दिया। इस वजह से पिछले कई महीने से इन दोनों पर बायोमाइनिंग का काम बंद पड़ा हुआ था। इसलिए एमसीडी ने दूसरे चरण की बायोमाइनिंग के लिए नई कंपनियों की तलाश के लिए टेंडर आमंत्रित किए थे। टेंडर में तीनों लैंडफिल साइटों के लिए कंपनियों ने अलग अलग रेट कोट किए। जिसमें भलस्वा लैंडफिल साइट के लिए 423 प्रति टन, ओखला लैंडफिल साइट के लिए 405 रुपये प्रति टन और गाजीपुर लैंडफिल साइट के लिए 493 रुपये प्रतिटन के हिसाब से रेट कोट किए थे।

ओखला और भलस्वा लैंडफिल के लिए कंपनी को काम सौंप दिया

एमसीडी ने ओखला और भलस्वा लैंडफिल साइट के लिए टेंडर डालने वाली कंपनी को काम सौंप दिया, लेकिन एमसीडी कमिश्नर ने गाजीपुर लैंडफिल साइट के रेट अधिक होने के कारण दोबारा टेंडर करने का आदेश दिया। इसके बाद दोबारा टेंडर प्रक्रिया शुरू की गई। इस बार दो कंपनियों ने 395 रुपये प्रति टन की दर से कूड़ा प्रोसेस करने के रेट कोट किए। एमसीडी अधिकारियों ने बताया कि दो कंपनियों के एक जैसे रेट होने पर दोनों कंपनियों से रेट कम करने को लेकर बातचीत की गई। सूत्रों ने बताया कि एक कंपनी ने मात्र 50 पैसे की दर से रेट घटाया तो दूसरी कंपनी प्रतिटन एक रुपया घटाने के लिए तैयार हो गई। लिहाजा कंपनी ने दयाचरण एंड कंपनी को 394 रुपये प्रतिटन के हिसाब से गाजीपुर लैंडफिल साइट के कूड़े को ठिकाने लगाने के लिए एलओआई जारी कर दिया।

क्यों आ रही थी नए टेंडर करने में अड़चन?

बता दें कि एमसीडी में स्टैंडिंग कमिटी का गठन न होने से तीनों लैंडफिल साइट के लिए नए टेंडर करने में अड़चन आ रही थी। तब एलजी के आदेश पर सितंबर 2024 में लैंडफिल साइटों पर कूड़े की बायोमाइनिंग, सीएंडडी वेस्ट और वेस्ट टू एनर्जी प्लांट से जुड़े काम शुरू करने के लिए एमसीडी कमिश्नर की फाइनेंशल पावर बढ़ाई गई। पावर बढ़ते ही एमसीडी ने टेंडर प्रक्रिया पूरी करने पर तेजी से काम शुरू कर दिया।

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