हिंदी न्यूज़बिजनेसतेजी से घट रहा है भारत का विदेशी मुद्रा भंडार, क्या है इसके पीछे की वजह, देश पर कैसा होगा असर
तेजी से घट रहा है भारत का विदेशी मुद्रा भंडार, क्या है इसके पीछे की वजह, देश पर कैसा होगा असर
India’s Forex Reserves: भारत का विदेशी मुद्रा भंडार तीन जनवरी को समाप्त हुए सप्ताह में 5.69 अरब डॉलर से घटकर 634.58 अरब डॉलर तक पहुंच गया. जबकि इस दौरान गोल्ड रिजर्व बढ़ा है.
By : एबीपी बिजनेस डेस्क | Edited By: Arijita Sen | Updated at : 10 Jan 2025 08:03 PM (IST)
देश का फॉरेक्स रिजर्व घट रहा है
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India’s Forex Reserves: देश का विदेशी मुद्रा भंडार घट रहा है. भारत का विदेशी मुद्रा भंडार तीन जनवरी को समाप्त हुए सप्ताह में 5.69 अरब डॉलर घटकर 634.58 अरब डॉलर तक पहुंच गया है. भारतीय रिजर्व बैंक ने इसकी जानकारी दी है. RBI ने शुक्रवार को कहा कि इससे पिछले सप्ताह में यह 4.112 बिलियन डॉलर घटकर 640.279 बिलियन डॉलर रह गया था.
पिछले कुछ हफ्तों से आ रही यह गिरावट
देश के विदेशी मुद्रा भंडार में पिछले कुछ हफ्तों से गिरावट आ रही है. इसका पीछे वजह डॉलर के मुकाबले कमजोर हो रहे भारतीय मुद्रा को संभालने की रिजर्व बैंक की कोशिश है. इसके लिए रिजर्व बैंक विदेशी मुद्रा भंडार में हस्तक्षेप करता है और इसका रिवैल्यूएशन भी करता है.
विदेशी मुद्रा भंडार को फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व (Foreign Exchange Reserves) या फॉरेक्स रिजर्व भी कहा जाता है. बीते साल सितंबर के अंत में देश का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 704.885 बिलियन डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था.
शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, तीन जनवरी को खत्म हुए हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार का प्रमुख हिस्सा विदेशी मुद्रा आस्तियां 6.44 अरब डॉलर घटकर 545.48 अरब डॉलर तक पहुंच गईं. विदेशी मुद्रा आस्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में उतार-चढ़ाव का प्रभाव भी शामिल है.
देश का गोल्ड रिजर्व बढ़ा
रिजर्व बैंक ने यह भी जानकारी दी कि इसी हफ्ते के दौरान देश का गोल्ड रिजर्व 824 मिलियन डॉलर बढ़कर 67.092 बिलियन डॉलर हो गया. आरबीआई ने विशेष आहरण अधिकार (SDR) के भी 58 मिलियन डॉलर घटकर 17.815 बिलियन डॉलर होने की जानकारी दी. रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, तीन जनवरी को समाप्त हुए सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के पास भारत का आरक्षित भंडार घटकर 4.199 अरब डॉलर हो गया है.
क्यों विदेशी मुद्रा भंडार भरा रहना है जरूरी
गौरतलब है कि देश की आर्थिक सेहत का मीटर कहा जाने वाला विदेशी मुद्रा भंडार का हमेशा भरा रहना जरूरी है. इसके कम होने से देश को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है. वस्तुओं और सेवाओं के आयात का बिल चुकाने में परेशानी आती है, विदेशों से लिए गए कर्ज के भुगतान में समस्या होती है. इसके कम होने से देश की मुद्रा में भी गिरावट आने लगती है. वैसे तो विदेशी मुद्रा भंडार में कई देशों की मुद्राएं शामिल होती हैं, लेकिन इसमें डॉलर सबसे ज्यादा होता है क्योंकि दुनिया में अधिकांश व्यापार अमेरिकी डॉलर में ही होता है.
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Published at : 10 Jan 2025 08:02 PM (IST)
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