Tuesday, February 25, 2025
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Home डेढ़ साल का बच्चा मां-पापा, दादी-दादा को ढूंढ़ रहा:मथुरा में मुंडन के बाद गांव को दावत का था प्लान; लखनऊ में एक साथ उठीं 6 अर्थियां

डेढ़ साल का बच्चा मां-पापा, दादी-दादा को ढूंढ़ रहा:मथुरा में मुंडन के बाद गांव को दावत का था प्लान; लखनऊ में एक साथ उठीं 6 अर्थियां

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लखनऊ का एक परिवार हंसी-खुशी बच्चे का मुंडन कराने मथुरा जाता है। मुंडन के बाद सभी बांके बिहारी मंदिर में दर्शन करते हैं। वे वापस अपने घर के लिए निकलते हैं, लेकिन लखनऊ से करीब 250 किलोमीटर पहले सड़क हादसा हो जाता है। इसमें परिवार 6 लोगों की मौत हो गई।

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हादसे में हंसता-खेलता पूरा परिवार उजड़ गया। मुंडन कराने वाला मासूम बच्चा सिद्धार्थ जो कुछ घंटे पहले तक पापा और दादा की गोद में वीडियो बनवा रहा था, उसकी आंखों में सिर्फ आंसू हैं। वह समझ नहीं पा रहा कि ऐसा कैसे हो गया? सिद्धार्थ रोते हुए पापा, दादा-दादी को ढूंढता रहा। उसकी मां का इलाज चल रहा है।

दैनिक भास्कर टीम मृतक के गांव पहुंची और वहां के हालात देखे। सबकी आंखें नम थीं, पूरा गांव रो रहा था। गांव वालों ने कहा कि संदीप ने वापस लौटकर सबको दावत देने की प्लानिंग की थी। हमें क्या पता कि इतना बड़ा हादसा हो जाएगा।

डेढ़ साल का मासूम सिद्धार्थ हादसे के बाद अपने पिता-मां, दादा-दादी को ढूंढ रहा है।

डेढ़ साल का मासूम सिद्धार्थ हादसे के बाद अपने पिता-मां, दादा-दादी को ढूंढ रहा है।

गांव में उमड़ी हजारों की भीड़ शनिवार को शाम करीब 7 बजे संदीप व उसके माता-पिता का शव गांव काकोरी के मोहिद्दीनपुर पहुंचा। वहीं महादेव का शव यादव चौराहा सैरपुर स्थित कठईया उनके घर पहुंचाया गया। जबकि मृतक संदीप की बहन काजल और भांजे प्रियांशु का शव उनके निवास कनौसी पहुंचाया गया।

पूरे घर का खर्च अकेले चलाता था संदीप परिवार के लोगों ने दैनिक भास्कर को बताया कि संदीप पहले मैकेनिक का काम करता था। उसी पूरे परिवार का खर्च चलाता था, लेकिन मुश्किल होती थी। संयुक्त परिवार होने की वजह से जिम्मेदारी ज्यादा थी। संदीप के दो चाचा सज्जन और मुन्नालाल हैं। मुन्नालाल दिव्यांग हैं, इसलिए संदीप ही उनकी देखरेख करता था।

मैकेनिक का काम करने के दौरान ही उसने प्रॉपर्टी का काम शुरू किया। धीरे-धीरे प्रॉपर्टी के काम में अपनी पकड़ बना ली और अच्छी कमाई होने लगी। पूरे परिवार की जिम्मेदारी अकेले ही उठा ली। शनिवार को शव जब घर पहुंचा, तो चाचा बस यहीं कह रहे थे, कि अब मुझे कौन देखेगा?

यह तस्वीर मथुरा में मुंडन के बाद बांके बिहारी मंदिर में दर्शन के बाद की है।

यह तस्वीर मथुरा में मुंडन के बाद बांके बिहारी मंदिर में दर्शन के बाद की है।

तीन शव गुजरे तो मचा कोहराम गांव में देर शाम 7 बजे तीनों शव पहुंचे। 15 मिनट घर पर रोकने के बाद शव को अंतिम संस्कार के लिए निकाला गया। इस दौरान गांव व परिवार में कोहराम मचा रहा। चीख-पुकार से पूरे गांव की आंखें नम हो गईं। सबकी जुबान पर बस संदीप के व्यवहार की चर्चा थी।

लोगों का कहना था कि आज तक ऐसी घटना सिर्फ सुनी थी। आज हमारे गांव में ऐसा हो गया। संदीप के साथ उसके पिता भी दूसरों के सुख-दुख में साथ खड़े होने वाले व्यक्ति थे। अच्छे इंसान की हर जगह मांग होती है, शायद इसीलिए भगवान ने उन्हें अपने पास बुला लिया।

शनिवार को एक ही परिवार के तीन लोगों का शव गांव पहुंचा तो कोहराम मच गया।

शनिवार को एक ही परिवार के तीन लोगों का शव गांव पहुंचा तो कोहराम मच गया।

मुंडन के बाद मंदिर के दर्शन का संदीप ने बनाया वीडियो संदीप ने बेटे के मुंडन संस्कार के बाद बांके बिहारी मंदिर में दर्शन किया। इस दौरान का वीडियो भी सामने आया है। वीडियो में संदीप जयकारा लगाते दिख रहे हैं। वहीं एक तस्वीर में दादा-दादी व पोते एक साथ हैं। पूरा परिवार काफी खुश नजर आ रहा था।

स्थानीय लोगों ने बताया कि गांव आने के बाद संदीप ने पूरे गांव को दावत देने का प्लान बनाया था। इसके लिए कई लोगों से बातचीत की थी। गांव के लोगों ने बताया कि वह बोलकर गया था, जो लोग मेरे साथ नहीं जा पा रहे हैं, उन्हें लौटने के बाद दावत दूंगा।

शनिवार शाम को तीन शव काकोरी के गांव पहुंचे।

शनिवार शाम को तीन शव काकोरी के गांव पहुंचे।

प्रियांशु के पिता को पता ही नहीं की बेटे की मौत हो गई संदीप के अंतिम संस्कार के दौरान घायल बहनोई सुशील घर के किनारे गुमसुम बैठे थे। सुशील उस घटना के बारे कुछ बोल नहीं पा रहे थे। तभी किसी ने कहा कि प्रियांशु का शव कहां है? इस एकदम चौंक गए और बोलने लगे वह तो अभी एडमिट है। इसके बाद लोगों ने मौत की जानकारी न देते हुए बताया कि हां अभी इलाज चल रहा है।

सुशील की आंख में गहरी चोट लगी है, वहीं दूसरे बेटे सक्षम के सिर में भी चोट आई है। हालांकि प्राथमिक उपचार के बाद सभी को लखनऊ के लिए रेफर कर दिया। पत्नी नीतू सहित अन्य घायलों का इलाज लखनऊ के करियर अस्पताल में चल रहा है।

बहनोई सुशील व उनका छोटा बेटा सक्षम भी घायल हैं।

बहनोई सुशील व उनका छोटा बेटा सक्षम भी घायल हैं।

रात 10.30 बजे हादसा, 6 मौतें, 19 घायल लखनऊ के मोहिद्दीनपुर के रहने वाले संदीप लोधी के 3 साल के बेटे सिद्धार्थ का मुंडन था। गुरुवार को ट्रैवलर से पूरा परिवार मथुरा गया था। शुक्रवार को रात में बच्चे का मुंडन कराकर परिवार लौट रहा था। तभी आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर रात साढ़े 10ः30 बजे नसीरपुर के पास हुआ। टक्कर इतनी जोरदार थी कि ट्रैवलर का अगला हिस्सा बुरी तरह से डैमेज हो गया।

हादसे बच्चे के पिता संदीप, दादा पप्पू और दादी बिटारा की मौके पर मौत हो गई। जबकि बहन काजल, साढ़ू महादेव और भांजे प्रियांशु ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। संदीप की पत्नी सहित कुल 19 घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

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