Maharashtra Election: ठाकरे-कांग्रेस की लड़ाई में शरद पवार के हाथ लगा जैकपॉट, घाटे में रह गई कांग्रेस?
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए महाविकास अघाड़ी में सीटों पर सहमति बनती नजर आ रही है. हालांकि, अभी तक ऐलान नहीं हुआ है. विदर्भ और मुंबई की कुछ सीटों को लेकर कांग्रेस और उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना के बीच विवाद है. लेकिन इस झगड़े में शरद पवार की पार्टी एनसीपी (SP) के हाथ जैकपॉट लगता दिख रहा है. सबसे घाटे में राहुल गांधी की पार्टी कांग्रेस रहेगी. इस मामले को सुलझाने के लिए कांग्रेस आलाकमान ने दिल्ली में बैठक की. सूत्रों के मुताबिक, विदर्भ की सीटें उद्धव गुट को देने से राहुल गांधी इतने नाराज हो गए कि बीच में ही सीईसी की मीटिंग छोड़कर चले गए.
विधानसभा चुनाव में नामांकन करने के लिए केवल चार दिन बचे हैं, लेकिन अभी भी बहुत सारी सीटों पर कैंडिडेट तय नहीं हो पाए हैं. उद्धव ठाकरे की शिवसेना के आक्रामक रुख के बाद कांग्रेस आलाकमान ने मामले को सुलझाने की जिम्मेदारी जिम्मेदारी बालासाहेब थोराट को सौंपी. ये भी कहा कि शरद पवार से बातचीत कर मसले को हल करें. पहले कांग्रेस को 105-110 सीटें, उद्धव ठाकरे की शिवसेना को 95-100 सीटें और शरद पवार को 80 सीटें देने की बात हो रही थी, लेकिन जैसे ही मामला शरद पवार के पास पहुंचा, पूरा खेल बदल गया.
कैसे बदलते गए समीकरण
23 अक्टूबर को महाविकास अघाड़ी के नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की, लेकिन सिर्फ इतना बताया कि तीनों पार्टियां 85-85-85 सीटों पर लड़ेंगी. 18 सीटें छोटे सहयोगियों के पास जाएंगी. लेकिन मामला नहीं सुलझा तो महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता भागकर दिल्ली पहुंचे. शुक्रवार को दिनभर सीईसी की बहस चलती रही. बाद में कहा गया कि महाविकास अघाड़ी का 90-90-90 सीटों का बंटवारा सुलझ गया है. इससे लगा कि तीनों ही पार्टियां 90-90 सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही हैं. मगर रात होते-होते मामला फिर पलटा. देर रात एक नई खबर आई कि कांग्रेस 105 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. अभी भी यह फाइनल आंकड़ा नहीं है, क्योंकि उद्धव ठाकरे अपनी सीटें छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं.
आज क्या बदल गया?
जब महा विकास अघाड़ी पर चर्चा हो रही थी तो कहा जा रहा था कि शरद पवार की पार्टी 80 सीटों तक लड़ेगी, लेकिन कांग्रेस और ठाकरे के बीच विवाद के बाद कहा गया कि तीनों पार्टियां 85-85 सीटों पर लड़ेंगी, लेकिन आज यह आंकड़ा सामने आया है तो सीटें 90 हो गईं. इससे साफ है कि कांग्रेस और ठाकरे की लड़ाई का सबसे ज्यादा फायदा शरद पवार की पार्टी को हुआ. उनकी 10 सीटें बढ़ गईं.
2019 का समीकरण क्या था?
उधर, कांग्रेस सबसे घाटे में है. क्योंकि 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 147 सीटों पर लड़ी थी. जबकि एनसीपी (शरद गुट+अजित गुट) ने 124 सीटों पर कैंडिडेट उतारे थे. बीजेपी के साथ लड़ी शिवसेना (ठाकरे+शिंदे गुट) 124 सीटों पर चुनावी मैदान में थी. इस लिहाज से देखें तो शिवसेना और एनसीपी में दो फाड़ हो गई है. लेकिन सीटों के मामले में उसकी ताकत अभी भी बनी हुई है. सबसे ज्यादा फायदा शरद पवार गुट को होता नजर आ रहा है.
सपा का सुबह अल्टीमेटम, शाम को मारी पलटी
समाजवादी पार्टी ने सुबह महाविकास अघाड़ी को अल्टीमेटम दिया. सपा नेता अबु आजमी ने कहा, हमने 5 उम्मीदवार के नाम घोषित किए हैं. जो लोग एमवीए सरकार बनाने की बात कर रहे हैं. वो अभी तक टिकट बंटवारा नहीं कर पाए हैं. अगर हमें 5 सीट नहीं मिलती तो मैं कल (शनिवार) तक इंतजार करूंगा और फिर नहीं किया तो 25-30 निर्दलीय उम्मीदवार लड़ाऊंगा. हालांकि, शाम होते होते वे अपनी बात से पलट गए. कहा कि इंडिया अलायंस पहले ही बन चुका है, फिर इसमें भ्रम की स्थिति क्या है? समाजवादी पार्टी भी गठबंधन में है लेकिन सीटों पर कोई चर्चा नहीं हुई है… मैंने 5 सीटों की घोषणा की है. उन्हें ये 5 सीटें मुझे देनी चाहिए. मैं इंतजार करूंगा क्योंकि मुझे वोटों का विभाजन नहीं चाहिए. वोटों के खातिर हम एमवीए में दरार पैदा नहीं करना चाहते.
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FIRST PUBLISHED :
October 25, 2024, 23:09 IST