जिले के पाल खेड़ी स्थित पीएम श्री स्कूल के प्राचार्य का कलेक्टर ने सोमवार को ट्रांसफर किया और उसके बाद फिर मंगलवार को अपना आदेश वापस ले लिया। इस घटना के बाद बुधवार को गांव में प्राचार्य को घोड़ी पर बैठाकर दूल्हे की तरह जुलूस निकाला गया और ग्रामीणों न
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प्राचार्य केसी मालवीय ने इसके बाद अपना तबादला करने वाले कलेक्टर राघवेंद्र सिंह को लेकर कहा कि उन्हें नियमों की जानकारी ही नहीं है। मुझे लगता है कि वे निश्चित ही ईमानदारी से आईएएस नहीं बने। नीट घोटाले की तरह बने हैं। शासन को देखना चाहिए।
गांव के लोगों ने फूलों के हार से प्राचार्य का स्वागत किया।
यहां से शुरू हुआ पूरा विवाद
दरअसल पिछले सप्ताह आगर मालवा जिले के पालखेडी स्थित पीएम श्री स्कूल के प्राचार्य के सी मालवीय का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था जिसमें वे स्कूल के बच्चो को पीने का पानी उपलब्ध नहीं कराने के लिए गांव के सरपंच पर FIR दर्ज कराने की बात कहते दिख रहे थे।
इस मामले में राजनीतिक हस्तक्षेप आने के बाद कलेक्टर राघवेंद्र सिंह ने प्राचार्य के सी मालवीय का तबादला सोमवार को स्कूल से करीब अस्सी किलोमीटर दूर सोयतखुर्द के सरकारी हाईस्कूल में कर दिया था। मंगलवार को मामले को लेकर गहमागहमी रही। उसके बाद कलेक्टर ने अपने जारी आदेश को निरस्त करने का पत्र जारी कर दिया।
कलेक्टर ने पहले पत्र में व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए तबादले की बात लिखी तो दूसरे पत्र में आदेश निरस्त करने का कोई कारण नहीं बताया है।
ट्रांसफर आदेश निरस्त होने के बाद प्राचार्य के सी मालवीय बुधवार को जब वापस स्कूल पहुंचे तो ग्रामीणों और छात्र-छात्राओं ने प्राचार्य मालवीय का दूल्हे की तरह घोड़ी पर बैठा कर स्वागत किया और जमकर आतिशबाजी की।
प्राचार्य ने कहा- यह सच्चाई की जीत है
प्राचार्य के सी मालवीय का कहना है की यह सच्चाई की जीत है और छात्र-छात्राएं खुशी जाहिर कर रहे हैं। केसी मालवीय ने कहा कि कलेक्टर को नियम नहीं पता कि मैं एक राजपत्रित अधिकारी हूं मेरे खिलाफ कोई कार्यवाई करने या मेरा स्थानांतरण करने का उन्हें अधिकार नहीं है।
कलेक्टर राघवेंद्र सिंह ने मामले में सरपंच संघ की शिकायत पर कार्रवाई की है।
कलेक्टर बोले- निलंबन का प्रस्ताव भेजा है
कलेक्टर राघवेंद्र सिंह का कहना है की शासन के निर्देशानुसार उनका आसंजन(ट्रांसफर) मेरे स्तर से नही किया जा सकता था। कमिश्नर लेवल से हो सकता है। पालखेड़ी गांव के सरपंच को स्कूल बुलाकर उन्हें अपमानित करने और उसका वीडियो बनाकर वायरल करने के मामले में सरपंच संघ की ओर से शिकायत मिली थी, इनके निलंबन का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया है।