इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खण्डपीठ में एक जनहित याचिका दाखिल की गई। इस याचिका के माध्यम से याची ने आरोप लगाया है कि लक्ष्मण टीला स्थित टीले वाली मस्जिद के विकास के नाम पर अवैध निर्माण के जरिये मस्जिद को विस्तार दे दिया गया है। याची ने न्यायालय के समक्
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जनहित याचिका के माध्यम से अवैध निर्माण हटाने की की गई है मांग
याचिका पर सुनवाई के बाद न्यायालय ने एएसआई व राज्य सरकार के साथ साथ जिलाधिकारी लखनऊ को भी जवाबी शपथपत्र दाखिल करने का आदेश दिया है। न्यायालय ने साथ ही साथ अपने आदेश में यह भी स्पष्ट कर दिया है कि वर्तमान याचिका के न्यायालय में लम्बित होने से अवैध निर्माण हटाने सम्बंधी एएसआई के आदेश पर कोई असर नहीं होगा।
यह आदेश न्यायमूर्ति राजन रॉय व न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने रिषी कुमार त्रिवेदी व अन्य की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई के पश्चात पारित किया है। सुनवाई के समय याचियों की ओर से उपस्थित अधिवक्ता हरी शंकर जैन ने न्यायालय को बताया कि 20 सितंबर 2016 को एएसआई ने उक्त अवैध निर्माण के ध्वस्तीकरण का आदेश पारित कर रखा था, जिसका अनुपालन नहीं किया गया था।
इसके बाद पुनः 6 दिसम्बर 2023 को एएसआई ने आदेश जारी किया, हालांकि इसका भी अनुपालन अभी तक नही किया जा सका। याचिका के माध्यम से न्यायालय से एएसआई के आदेश का अनुपालन कराने की मांग की गई है।
वहीं राज्य सरकार की ओर से उपस्थित अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया कि एएसआई के आदेश के अनुपालन की जिम्मेदारी जिलाधिकारी, लखनऊ की है, हालांकि इस सम्बंध में कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है। इस पर न्यायालय ने विपक्षी पक्षकारों को जवाबी शपथपत्र दाखिल करने का आदेश दिया और साथ ही एएसआई से मस्जिद के मौलाना फजलुल मन्नान राहमानी को नोटिस तामीला सम्बंधी साक्ष्य भी देने का आदेश दिया है।