‘पहले मेरे और पोते के साथ थाने में मारपीट की गई। इसके बाद टीआई मैडम पोते को एनकेजे चौकी ले गई। जहां रात दो बजे तक उसे उल्टा लटकाकर मारा। सुबह जब उसे छोड़ा तो वह चलने की हालत में नहीं था। वह पांच दिन तक अस्पताल में भर्ती रहा।’
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ये कहना है 55 साल की उस पीड़िता का जिसके साथ जीआरपी थाने की निलंबित टीआई अरुणा वाहने ने थाने में बेरहमी से पीटा है। बताया जाता है कि एनकेजे चौकी टीआई अरुणा का टॉचर्र रूम था। यहां वह अक्सर आरोपियों की बर्बर तरीके से पिटाई करती थी।
जीआरपी थाने में पिटाई का वीडियो वायरल होने के बाद एसपी जीआरपी ने टीआई अरुणा वाहने सहित 6 लोगों को पहले लाइन अटैच किया और फिर सभी को निलंबित कर दिया। इस मुद्दे पर सूबे की राजनीति भी गर्मा गई। कांग्रेस ने दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर की मांग करते हुए थाने पर प्रदर्शन किया। देर रात को एफआईआर भी दर्ज कर ली गई।
इस वीडियो के सामने आने के बाद सवाल ये खड़ा हुआ है कि पुलिस ने दादी और पोते को पूछताछ के लिए थाने बुलाया था, फिर उनकी पिटाई क्यों की गई? वहीं पिटाई का वीडियो एक साल पुराना बताया जा रहा है। एक साल बाद ये बाहर कैसे आया? भास्कर ने इसकी पड़ताल की। पढ़िए इस वायरल वीडियो की पूरी कहानी
पीड़िता बोली- पूछताछ के लिए थाने बुलाया था और टीआई पीटने लगी
भास्कर से बात करते हुए 55 साल की पीड़िता ने बताया कि 29 अक्टूबर 2023 को जीआरपी के पुलिसकर्मी मेरे घर आए और मुझसे बेटे दीपक के बारे में पूछताछ करने लगे। मैंने कहा कि मुझे नहीं पता कि दीपक कहां है। उसके बाद उन्होंने मुझे और पोते को कहा कि थाने चलो, बड़े साहब ने बुलाया है।
जब मैं और पोता थाने पहुंचे तो टीआई पूछताछ के बहाने अपने कमरे में ले गईं। उन्होंने भी मुझसे बेटे दीपक के बारे में पूछा, मैंने कहा कि मुझे नहीं पता कि वह कहां है। उसके बाद टीआई ने दरवाजे- खिड़की बंद किए और प्लास्टिक के डंडे से बेरहमी से पिटाई की।
इसके बाद कुछ और पुलिस वाले कमरे में दाखिल हुए उन्होंने मेरे पोते को पकड़ा और फिर उसकी भी जमकर पिटाई की। मैं पुलिस वालों के आगे हाथ जोड़ती रही लेकिन उन्होंने कोई रहम नहीं दिखाया।
55 साल की बुजुर्ग दादी को पीटते जीआरपी की निलंबित टीआई अरुणा वाहने। ये वीडियो 29 अक्टूबर 2023 का है।
थाने में पिटाई के बाद पोते को दूसरी जगह ले गए
पीड़िता ने बताया कि थाने में कई घंटे तक पिटाई करने के बाद पुलिस वाले उसके पोते को एनकेजे चौकी ले गए। वहां उसे भूखा रखकर और उल्टा लटकाकर लगातार पीटा गया। रात दो बजे तक उसकी पिटाई करते रहे। दूसरे दिन सुबह उसे छोड़ा तो वह चलने फिरने की हालत में नहीं था।
पीड़िता ने बताया कि मैं उसे सिविल अस्पताल लेकर गई। वहां डॉक्टरों ने केवल बोतल चढ़ाई, कोई गोली नहीं दी और अस्पताल से छुट्टी कर दी। पीड़िता ने कहा कि उसने जीआरपी टीआई अरुणा वाहने के खिलाफ शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। यहां तक कि उस पर शिकायत वापस लेने का दबाव भी बनाया गया। ये भी धमकी दी गई कि पूरे परिवार को गांजा और आर्म्स एक्ट में जेल भिजवा दिया जाएगा।
कौन है पीड़िता का बेटा दीपक वंशकार
दरअसल, दीपक वंशकार जीआरपी थाने का हिस्ट्रीशीटर है। साल 2016 से वह ट्रेन में चोरी और लूट की वारदातों को अंजाम दे रहा है। जीआरपी में उसके खिलाफ 13 मामले दर्ज है। इसके अलावा कटनी जिले के माधव नगर में एक, रंगनाथ नगर में 2 और कोतवानी थाने में तीन मामले दर्ज है।
चोरी के मामले में फरार होने के चलते एसपी जीआरपी ने उस पर 10 हजार रु. इनाम का ऐलान किया किया था। मां और बेटे की पिटाई के बाद पुलिस ने दीपक को गिरफ्तार किया और अप्रैल में उसे जिला बदर किया गया।
पुलिस का दावा है कि दीपक की गिरफ्तारी के बाद उससे पूछताछ के आधार पर 20 ग्राम की दो सोने की चूड़ियां, 3 ग्राम के टॉप, 10 ग्राम का हार जब्त किया गया था। वहीं उसने दो मंगलसूत्र कटनी निवासी पंकज सोनी को बेच दिए। पंकज से पुलिस ने 7.88 ग्राम और 6.3 ग्राम के दोनों मंगलसूत्र जब्त किए थे।
अब जानते हैं कि 1 साल पुराना वीडियो कैसे वायरल हुआ ?
कटनी जीआरपी थाने में टीआई अरुणा वाहने सहित 85 पुलिसकर्मियों का स्टाफ तैनात है। जो वीडियो वायरल हुआ है वो टीआई के कमरे का है। इसी कमरे की छत पर सीसीटीवी कैमरा लगा है। कैमरे का डीवीआर भी टीआई के ही कमरे में ही है। इसकी एक चाबी टीआई और दूसरी टेक्निकल स्टाफ के पास रहती है।
अब सवाल है कि एक साल पुराना ये वीडियो वायरल कैसे हुआ? इसकी पड़ताल के दौरान दो पहलू सामने आए हैं। पहला टीआई को लेकर थाने के स्टाफ में मतभेद था। एक गुट टीआई को किसी भी तरह से यहां से रवाना करना चाहता था।
खुद टीआई अरुणा वाहने ने 28 अगस्त को जबलपुर में जीआरपी एसपी की मौजूदगी में आयोजित क्राइम मीटिंग में बताया था कि उन्हें स्टाफ सहयोग नहीं कर रहा है।
पीड़ितों ने इस मामले की शिकायत राष्ट्रपति, गृहमंत्री और हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को भी की थी।
टीआई बोलीं- कुछ दिनों से मुझे ब्लैकमेल किया जा रहा था
दैनिक भास्कर ने टीआई से बात कर जानने की कोशिश की कि आखिर दादी और पोते को पूछताछ के लिए बुलाया था फिर पिटाई की क्या वजह रही। टीआई अरुणा वाहने ने बताया कि दीपक वंशकार ट्रेन से सामान चुराने के बाद उसे अपनी मां व बेटे के पास छोड़कर फरार हो जाता था। दोनों चोरी का माल बेचते थे। उन्हें इसी सिलसिले में पूछताछ के लिए बुलाया था।
टीआई ने कहा कि इस मामले की पहले भी दो बार शिकायत हो चुकी थी और दोनों बार जांच भी हो चुकी है। अब नए सिरे से मामले को तूल दिया जा रहा है। वहीं उनसे पूछा कि थाने के सीसीटीवी का वीडियो कैसे वायरल हुआ तो बोलीं- इसके पीछे कुछ लोगों का हाथ हैं। वे पिछले कुछ दिनों से ब्लैकमेल कर 5 लाख रु. मांग रहे थे। पैसे नहीं दिए तो ये वीडियो वायरल किया गया।
टीआई ने कहा कि स्थानीय पत्रकार दिनेश प्रजापति कुछ दिनों से इस वीडियो का जिक्र कर रहा था। उसने बताया कि वीडियो आरोपी दीपक वंशकार के वकील लीलाधर जाटव के पास हैं। लीलाधर जाटव का भाई राजेश जाटव कांग्रेस का पूर्व पार्षद रह चुका है।
वह आपकी शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों से कर रहा है। दिनेश ने प्रस्ताव दिया था कि उसे 5 लाख रुपए दे दो, जिससे वह अपने किडनी के स्टोन का इलाज कर लें। इसके बाद वह वीडियो डिलीट कर देगा। ये भी बता देगा कि ये वीडियो कहां से और किसने दिया है? इसमें जीआरपी थाना कटनी के कौन कौन पुलिसकर्मी शामिल हैं।
वकील ने कहा- सीडी कूरियर से मिली थी
टीआई के इन आरोपों को लेकर दैनिक भास्कर ने पीड़िता के वकील लीलाधर जाटव से बात की। उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले दीपक की मां के घर कूरियर से किसी ने गुमनाम सीडी भेजी थी। वह ये सीडी लेकर मेरे पास आई थी।
जब मैंने सीडी देखा तो उसमें टीआई मारपीट करती दिख रही थीं। इसकी शिकायत मैंने सुप्रीम कोर्ट से लेकर पुलिस अधिकारियों तक कई स्तर पर की। जब कहीं से कोई कार्रवाई नहीं हुई तो इसे सोशल मीडिया पर डाल दिया था।
पत्रकार ने कहा- पैसे मांगने की बात झूठी
वहीं दिनेश प्रजापति ने बताया कि मेरे पास 10 दिन पहले ये वीडियो आया था। खबर के संबंध में टीआई से बात की, तो उन्होंने 28 अगस्त को थाने के बाहर मिलने बुलाया था। वहां चार और मीडिया वाले मौजूद थे। वो मीडिया वाले ही बोलने लगे कि ये पुराना वीडियो है, इसमें कोई दम नहीं है।
दिनेश ने कहा कि टीआई खबर चलाने के बाद इस तरह के आरोप लगा रही हैं। मेरी बीमारी 25 दिन पहले ही ठीक हो चुकी है। मेरी पत्नी खुद नर्स है। पैसे मांगने का आरोप बेबुनियाद है। वह मामले को डायवर्ट करने इस तरह के आरोप लगा रही हैं।
वकील का दावा है कि ये वीडियो सीडी के जरिए पीड़िता तक पहुंचा था। इसकी शिकायत उन्होंने
वीडियो के वायरल होने के बाद गरमाई राजनीति
पुलिस कस्टडी में एक महिला और नाबालिग बच्चे की बर्बरतापूर्ण पिटाई के इस वीडियो के वायरल होने पर सूबे की राजनीति गरमा गई। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, पूर्व सीएम कमलनाथ और भीम आर्मी के चंद्रशेखर ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर इसकी कड़ी निंदा की।
पीसीसी अध्यक्ष जीतू पटवारी 29 अगस्त को खुद कटनी इस महिला के मिलने पहुंच गए। इसके बाद महिला को लेकर रंगनाथ थाने पहुंचे। जहां जीआरपी टीआई रहीं अरुणा वाहने सहित सभी 6 पुलिस कर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की। वे केस दर्ज करने की मांग को लेकर करीब 4 घंटे तक थाने में ही बैठे रहे।
इसके बाद पुलिस ने गुरुवार रात को रोजनामचा में पीड़ित परिवार की सूचना दर्ज कर ली है। जीतू पटवारी ने एफआईआर दर्ज होने का दावा करते हुए कहा- कोई कमी रहेगी तो विवेक तन्खा जी से बात हुई है हम हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़कर बहन को न्याय दिलाएंगे।
दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग को लेकर पटवारी 4 घंटे तक थाने में बैठे रहे। इसके बाद पुलिस ने सूचना दर्ज की।
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कटनी में जीआरपी थाना प्रभारी के ऑफिस में नाबालिग लड़के और उसकी दादी की पिटाई के मामले में पुलिस ने गुरुवार रात को रोजनामचा में पीड़ित परिवार की सूचना दर्ज कर ली है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी पीड़ित परिवार के साथ कटनी के रंगनाथ नगर थाना पहुंचे। वे केस दर्ज करने की मांग को लेकर करीब 4 घंटे तक थाने में ही बैठे रहे। जिसके बाद पुलिस ने सूचना दर्ज की। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें