झंझारपुर लोकसभा सीट पर खास वोट बैंक बड़ा फैक्टर, जिधर झुके उसकी जीत पक्की, जानिये सियासी समीकरण
हाइलाइट्स
झंझारपुर लोकसभा सीट पर तिकोना मुकाबला, किसके सिर बंधेगा ताज? जानिये क्या है झंझारपुर संसदीय सीट का सियासी-जातीय समीकरण. यादव-मुस्लिम और ब्राह्मण बहुल क्षेत्र में इस वोट बैंक पर सबकी नजर.
मधुबनी. तीसरे चरण के चुनाव में झंझारपुर सीट पर लड़ाई बेहद दिलचस्प हो गई है और मामला तब त्रिकोणीय हो गया है. दरअसल, यहां से गुलाब यादव बसपा के टिकट पर मैदान में उतर आए हैं. पिछड़ा व अतिपिछड़ा बाहुल्य वाली सीट झंझारपुर से फिलहाल जदयू के सीटिंग सांसद रामप्रीत मंडल हैं. इस कब्जे को बरकरार करने के लिए जदयू सहित एनडीए ने पूरी ताकत झोंक रखी है, जिन्हें VIP उम्मीदवार सुमन कुमार महासेठ कड़ी टक्कर दे रहे हैं. बता दें कि यहां वैश्य बाहुल्य सीट पर अमित शाह भी रैली कर चुके हैं.
बता दें कि जदयू सांसद रामप्रीत मंडल ने राजनीति की शुरुआत ब्लॉक प्रमुख से की थी और राजनीति में कोई बहुत बड़ा नाम नहीं थे. लेकिन, 2019 में नीतीश कुमार के नजर में आए और सीधे सीएम नीतीश ने उन्हें जेडीयू का उम्मीदवार बना दिया. खास बात यह रही कि पीएम नरेंद्र मोदी की लहर में रामप्रीत मंडल को सांसद का चुनाव जीतने में कोई दिक्कत नहीं हुई. लेकिन, इस बार समीकरण थोड़े बदले हुए हैं.
दरअसल, रामप्रीत मंडल को टक्कर सुमन कुमार महासेठ दे रहे हैं जो वैश्य समाज से आते हैं. वहीं, आरजेडी के समीकरण MY जुड़ने से एनडीए उम्मीदवार को कड़ी टक्कर मिल रही है. पिछली बार रामप्रीत मंडल को राजद के टिकट पर गुलाब यादव ने चुनौती दी थी, लेकिन तब उनको करारी हार का सामना करना पड़ा था.
झंझारपुर सीट पर सियासी-जातीय समीकरण
झंझारपुर के जातीय समीकरण की बात करें तो संख्या बल के हिसाब से ये लोकसभा क्षेत्र ब्राह्मण, यादव और अति पिछड़ा बहुल है. यहां यादव लगभग 20 प्रतिशत और ब्राह्मण भी लगभग 15 से प्रतिशत के आसपास है. वहीं सबसे निर्णायक भूमिका में अति पिछड़ा वोटर हैं जिनकी संख्या लगभग 35 प्रतिशत के आसपास है. इसके साथ ही मुस्लिम वोटर 15 प्रतिशत के आसपास हैं, जबकि वैश्य समाज समेत अन्य पिछड़ी जातियों का वोट प्रतिशत 12 से 15 प्रतिशत के आसपास है.
झंझारपुर लोकसभा सीट पर तिकोना मुकाबला
झंझारपुर में एनडीए उम्मीदवार को मोदी नीतीश की जोड़ी पर भरोसा है. साथ ही जातीय समीकरण में अति पिछड़ा और सवर्ण वोटर के साथ साथ गैर यादव पिछड़ी जातियों के वोट पर नजर है. वहीं, VIP उम्मीदवार को आरजेडी के कोर वोटर के साथ-साथ वैश्य वोटर पर आस टिकी हुई है. दूसरी ओर गुलाब यादव के बसपा के टिकट पर मैदान में उतरने से यादवों वोट के टूटने के आसार अगर बने तो इसका खामियाजा VIP उम्मीदवार को हो सकता है.
.
Tags: Bihar politics, Loksabha Election 2024, Loksabha Elections, Madhubani news
FIRST PUBLISHED :
May 2, 2024, 10:05 IST