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जिसने सिंगूर प्लांट का किया था विरोध, आज उसी ममता ने टाटा के निधन पर जताया शोक

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जिसने सिंगूर में नहीं लगने दिया था टाटा मोटर्स का प्लांट, आज उसी ममता बनर्जी ने रतन टाटा के निधन पर जताया शोक

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जिसने सिंगूर में नहीं लगने दिया था टाटा मोटर्स का प्लांट, आज उसी ममता बनर्जी ने रतन टाटा के निधन पर जताया शोक

जिसने सिंगूर में नहीं लगने दिया था टाटा मोटर्स का प्लांट, आज उसी ममता बनर्जी ने रतन टाटा के निधन पर जताया शोक

नई दिल्ली. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उद्योगपति रतन टाटा के निधन पर शोक जाहिर किया है. उन्होंने रतन टाटा को “भारतीय उद्योगों के प्रमुख नेता और समाजसेवी” बताया. 86 वर्षीय उद्योगपति के निधन की खबर फैलते ही ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया पर लिखा, “रतन टाटा, टाटा संस के चेयरमैन एमेरिटस के निधन से दुखी हूं. टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन भारतीय उद्योगों के प्रमुख नेता और समाजसेवी थे. उनका निधन भारतीय व्यापार जगत और समाज के लिए अपूरणीय क्षति है. मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और सहयोगियों के साथ हैं.”

ममता बनर्जी का टाटा मोटर्स प्लांट के लिए भूमि अधिग्रहण के खिलाफ सिंगूर में आंदोलन ने टाटा समूह को इस प्रोजेक्ट को गुजरात के साणंद में ट्रांसफर करने के लिए मजबूर कर दिया था. उस समय, दिवंगत बुद्धदेव भट्टाचार्य के नेतृत्व में सीपीएम सरकार सत्ता में थी. सिंगूर आंदोलन उन प्रमुख कारणों में से एक था, जिस पर ममता बनर्जी ने तीन दशक लंबे वामपंथी शासन को चुनौती दी और अंततः 2011 के राज्य चुनावों में इसे समाप्त कर दिया. उनके प्रतिद्वंद्वियों का अक्सर दावा रहा है कि 2008 में टाटा के राज्य से बाहर जाने से बंगाल के उद्योग हब बनने की संभावनाओं को नुकसान पहुंचा.

अक्टूबर 2008 में एक प्रेस मीट में, रतन टाटा ने टाटा मोटर्स प्लांट को बंगाल से बाहर ट्रांसफर करने का निर्णय लिया. उन्होंने कहा था, “हमने नैनो प्रोजेक्ट को पश्चिम बंगाल से बाहर ले जाने का निर्णय लिया है. यह एक अत्यंत दर्दनाक फैसला है, लेकिन कोई और ऑप्शन नहीं था. हमें यह भी महसूस हो रहा है कि हम सही काम कर रहे हैं.” ममता बनर्जी के आंदोलन का हवाला देते हुए उन्होंने कहा था, “आप पुलिस सुरक्षा के साथ एक प्लांट नहीं चला सकते. हम टूटी दीवारों के साथ प्लांट नहीं चला सकते. हम बम फेंके जाने के साथ प्रोजेक्ट नहीं चला सकते. हम लोगों को डराकर प्लांट नहीं चला सकते.”

बाद के कोर्ट के फैसलों ने भूमि अधिग्रहण को अवैध ठहराया और भूमि को उसके मालिकों को वापस करने का आदेश दिया. पिछले साल, टाटा मोटर्स ने सिंगूर प्लांट मामले में ₹766 करोड़ का आर्बिट्रल अवॉर्ड हासिल किया, जो उन्हें कार निर्माण फैसिलिटि से संबंधित नुकसान के लिए मुआवजा के तौर पर मिला था.

Tags: Mamata Bannerjee, Ratan tata

FIRST PUBLISHED :

October 10, 2024, 04:09 IST

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