जिला पंचायत ऑफिस में आज हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला जब करीब एक दर्जन जिला पंचायत सदस्यों ने जिला पंचायत अध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगाए और हंगामा किया। इस दौरान जिला पंचायत अधिकारी नईम अख्तर ने चुप्पी साधे रखी। भाजपा नेता मनीष चौहान ने आरोप लगाया कि
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जिला पंचायत ऑफिस में आज पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष और भाजपा एमएलसी वीरेंद्र सिंह के बेटे भाजपा नेता मनीष चौहान के नेतृत्व में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जाना था। हालांकि, उन्हें प्रेस कांफ्रेंस आयोजित करने की अनुमति नहीं दी गई। इसके चलते मनीष चौहान और अन्य 11 जिला पंचायत सदस्यों ने जिला पंचायत अधिकारी के ऑफिस में जमकर हंगामा किया और कई गंभीर आरोप लगाए।
बाहरी लोगों को सरकारी कागजों की जानकारी दी जा रही
मनीष चौहान ने आरोप लगाया कि जिला पंचायत अध्यक्ष मधु गुर्जर द्वारा किसी भी मीटिंग का आयोजन नहीं किया गया है और विकास कार्यों के बिलों पर साइन नहीं हो रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सरकारी कागजों की प्राइवेसी लीक की जा रही है और बाहरी लोगों को सरकारी कागजों की जानकारी दी जा रही है। इसके अलावा, उन्होंने जिला पंचायत अध्यक्ष के प्रतिनिधि रवि चौहान पर ठेकेदारों को धमकी देने का भी आरोप लगाया।
सदस्यों ने लगाए आरोप
- मीटिंग का न होना: मनीष चौहान का कहना है कि दिसंबर 2023 में हुई आखिरी मीटिंग के बाद से कोई मीटिंग नहीं हुई है, जिससे विकास कार्य लंबित पड़े हैं।
- बिलों पर साइन न होना: ठेकेदारों के काम किए हुए बिलों पर भी साइन नहीं किए जा रहे हैं, जिससे विकास कार्य रुक गए हैं।
- प्राइवेसी लीक: सरकारी कागजों की जानकारी बाहरी लोगों तक पहुंचाई जा रही है, जो सरकारी प्रक्रिया के खिलाफ है।
- धमकी देने का आरोप: जिला पंचायत अध्यक्ष के प्रतिनिधि रवि चौहान पर ठेकेदारों को फोन करके जांच पड़ताल करने की धमकी देने का आरोप लगाया गया है।
जिला पंचायत अधिकारी की चुप्पी
मामले के दौरान जिला पंचायत अधिकारी नईम अख्तर ने चुप्पी साधे रखी और किसी भी आरोप पर प्रतिक्रिया नहीं दी। यह स्थिति यह दर्शाती है कि जिला पंचायत ऑफिस में आंतरिक विवाद और असंतोष की गहराई को समझना आवश्यक है। जिला पंचायत सदस्यों और भाजपा नेता मनीष चौहान द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद, यह स्पष्ट है कि जिला पंचायत ऑफिस में गंभीर प्रशासनिक और कार्यकारी समस्याएं चल रही हैं।