Tuesday, January 7, 2025
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जब आपका नया MP जब दिल्ली जाता है तो कौन कटाता है टिकट, कौन सा कागज जरूरी

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चुनाव परिणामों के बाद सभी 543 सीटों पर नए सांसद चुने जा चुके हैं. चुने जाने के बाद चुना गया नया सांसद कैसे निर्वाचन क्षेत्र से दिल्ली आएगा और यहां उसकी सारी व्यवस्थाएं होंगी. उसका पंजीकरण होगा. इसके लिए लोकसभा का पूरा तंत्र उसी दिन सक्रिय हो जाता है, जिस दिन काउंटिग अंतिम दौर में चल रही होती है. हम आपको बताएंगे कि नए सांसद के जीत की घोषणा होने के बाद उसे किन दस्तावेजों की जरूरत होती है और कैसे दिल्ली में उसकी व्यवस्था होती है.

सवाल – चुनाव में जीतते ही नए सांसद के लिए सबसे जरूरी दस्तावेज क्या होता है?
– जीत के बाद जिला अधिकारी सांसद को एक सर्टिफिकेट जारी करता है, जिसमें उसकी जीत को सत्यापित करते हुए उसे जीता हुआ घोषित किया जाता है. इस प्रमाण पत्र में कलेक्टर यानि जिला चुनाव अधिकारी के हस्ताक्षर के साथ जीतने वाले प्रत्याशी का भी साइन होता है. ये दस्तावेज सबसे ज्यादा जरूरी होता है, जिसे लेकर ही जीते हुए नए सांसद को दिल्ली आना होता है.

सवाल – नए सांसद को चुनाव में जीत का सर्टिफिकेट जिलाधिकारी किसको भेजता है?
– इस सर्टिफिकेट की एक कॉपी जिलाधिकारी अपने पास रखता है तो एक चुनाव आयोग को भेजा जाता है. चुनाव आयोग इसी के आधार पर सभी सांसदों की सूची बनाकर लोकसभा सचिवालय को भेजता है.

सवाल – नए सांसदों को कब तक दिल्ली आना होता है?
– आमतौर पर नए सांसद को अगले दो तीन दिनों में दिल्ली लोकसभा परिसर में पहुंचकर पंजीकरण कराना होता है. बगैर उसके वह शपथ लेने का पात्र नहीं माना जाता. हालांकि प्रत्याशी की जीत के साथ ही उसके पास लोकसभा सचिवालय से संबंधित कमेटी संपर्क करती है और उसके लिए सारी व्यवस्थाएं करती है, ताकि वो दिल्ली में आ सके और उसकी दस्तावेजी औपचारिकताएं पूरी हो सकें.

सवाल – क्या लोकसभा सचिवालय नए सांसदों के पंजीकरण और अन्य सुविधाओं के लिए कोई टीम बनाता है?
– हां ये काम लोकसभा चुनावों के बाद काउंटिंग के पहले ही दिल्ली लोकसभा सचिवालय में शुरू हो जाता है. एक पूरी टीम इसके लिए ट्रेंड की जाती है, जो नए सांसदों के स्वागत से लेकर उनके हर जरूरत के जिम्मे को संभालती है. ये टीम आमतौर पर उसी दिन से काम करना शुरू कर देती है, जिस दिन वोटों की काउंटिंग हो रही होती .
प्रत्याशी की जीत के साथ इसका काम शुरू हो जाता है. अमूमन ये टीम अलग अलग राज्यों के हिसाब से बांट दी जाती है.

सवाल – ये टीम क्या क्या करती है?
– सबसे पहले ये टीम नए सांसद के दिल्ली यात्रा की व्यवस्था करती है. फोन से संपर्क करके ये पता लगाती है कि वो कैसे दिल्ली आना चाहते हैं. उनके रेल रिजर्वेशन से लेकर फ्लाइट बुक कराने में ये मदद करती है. आमतौर पर नए सांसदों से कहा जाता है वो दिल्ली आ जाएं, उसके बाद उनके रहने, खाने और पंजीकरण का जिम्मा इस टीम का होता है. आमतौर पर नए सांसद अपने खर्च से ही दिल्ली आते हैं. उनके इस खर्च को रिम्बर्स कर दिया जाता है. कई मामलों में लोकसभा की स्वागत टीम खुद ये व्यवस्था भी कर देती हैं

सवाल – इस बार कब से दिल्ली के एयरपोर्ट से लेकर रेलवे स्टेशन तक स्वागत रिसेप्शन शुरू किए गए?
– दिल्ली एयरपोर्ट के तीनों टर्मिनल और रेलवे स्टेशनों पर गाइड पोस्ट 04 जून से शुरू हो चुकी है जो 09 जून तक काम करती रहेगी. ये वहां आने वाले सांसद के साथ तालमेल करके उन्हें होटलों और उपलब्ध कराए गए ट्रांजिशन आवास तक पहुंचाएंगे. उनके खानपान की व्यवस्था का काम भी यही टीम संभालेगी.

सवाल – नए सांसदों को दिल्ली आने के बाद आमतौर पर कहां ठहराया जाता है?
– नए सांसदों को वेस्टर्न कोर्ट, राज्य से संबंधित भवनों या अशोक होटल में रुकाया जाता है. उनके खानपान की व्यवस्था भी यही रहती है. यही उनका तब तक का ट्रांजिशन आवास होता है, जब तक वह शपथ ग्रहण समारोह तक दिल्ली में रहते हैं. फिर इसके बाद उन्हें सरकारी आवास एलाट करने की प्रक्रिया शुरू की जाती है. हालांकि इस प्रक्रिया में एक महीने का समय लग जाता है.

सवाल – दिल्ली पहुंचने के बाद नए सांसदों का पंजीकरण क्यों जरूरी है?
– इस बार नए सांसदों का पंजीकरण नए संसद भवन के सौंध में होगा, जहां एक रिसेप्शन टीम लगातार 24 घंटे काम कर रही है. वह कोशिश करेगी कि नए सांसदों का पंजीकरण बिना किसी बाधा के हो जाए. इसके बाद वह शपथ ग्रहण के लिए पात्र हो जाते हैं. पंजीकरण के लिए जिन दस्तावेजों की जरूरत होती है, उसको पहले फोन के जरिए निर्वाचित सांसदों को बता दिया जाता है. इसमें सबसे जरूरी दो दस्तावेज होते हैं. एक निर्वाचन प्रमाणपत्र और दूसरा आधार.

सवाल – क्या संसद सचिवालय के पंजीकरण से पहले सांसद शपथ ग्रहण में शामिल हो सकता है?
– नहीं, इसके लिए उसे पहले पंजीकरण कराना ही होता है, तभी उसकी आगे की प्रक्रिया शुरू होती है.

सवाल – शपथग्रहण के बाद सांसदों को और क्या सुविधाएं या पात्रताएं हासिल हो जाती हैं?
– इसके बाद उन्हें परिचय पत्र और वो सारे दस्तावेज दिए जाते हैं, जो उन्हें निर्वाचन से आने जाने, आफिस बनाने, स्टाफ नियुक्त करने, बैंक खाता खोलने और आवास हासिल करने में काम आती है. शपथ ग्रहण के बाद ही बैंक में उनके खाते खोल दिए जाते हैं, ताकि उनका वेतन उसमें भेजा जाए. शपथ ग्रहण के दिन से उनका कार्यकाल शुरू माना जाता है.

Tags: Indian Parliament, Loksabha Election 2024, Member of parliament, Parliament house

FIRST PUBLISHED :

June 6, 2024, 21:11 IST

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