नई दिल्ली : दिल्ली की अदालतों में पार्किंग की समस्या ट्रैफिक जाम का भी एक बड़ा कारण बनती जा रही है। कुछ में तो पार्किंग की प्रॉपर व्यवस्था ही नहीं है और जहां है, वहां भी या तो जगह कम पड़ रही है या जगह होने के बावजूद लोग कोर्ट के बाहर सड़कों पर ही गाड़ियां पार्क कर रहे हैं। ऐसे में पीक आवर्स के अलावा नॉन पीक आवर्स में भी जाम लगता है।
वहीं अदालतों के बाहर होने वाली अवैध पार्किंग के खिलाफ एक्शन लेने से ट्रैफिक पुलिस भी बचती नजर आती है। एनबीटी संवाददाता प्रशांत सोनी और राजेश सरोहा ने दिल्ली की कुछ बड़ी अदालतों के बाहर हालात का जायजा लिया :
तीस हजारी : बाहर पूरे दिन रहता जाम
तीस हजारी कोर्ट में पार्किंग की कोई प्रॉपर व्यवस्था ही नहीं है। कोर्ट बिल्डिंग के अंदर कोर्ट स्टाफ, वकीलों और जजों की गाड़ियां खड़ी होने के बाद बाकी वकीलों और कोर्ट आने वाले दूसरे लोगों के लिए अंदर जगह नहीं बचती है। मजबूरन उन्हें अपनी गाड़ियां कोर्ट बिल्डिंग के बाहर सड़क के दोनों तरफ किनारे खड़ी करनी पड़ती है। ऐसे में ट्रैफिक के लिए बहुत कम जगह बचती है।
ऐसे में सड़क पर खड़ी गाड़ियों के कारण आईएसबीटी से रानी झांसी रोड फ्लाईओवर के बीच दिनभर कंजेशन की स्थिति रहती है। साथ ही सुबह के समय जब जज कोर्ट पहुंचते हैं, तो एंट्री गेट पर तैनात पुलिस वाले ट्रैफिक को रोक देते हैं, जिससे कुछ ही देर में सड़क पर जाम लग जाता है।
कड़कड़डूमा कोर्ट : छोटी पड़ती मल्टी स्टोरी पार्किंग
कड़कड़डूमा कोर्ट में भी पार्किंग की भारी दिक्कत है, वो भी तब जब कोर्ट परिसर में एक मल्टीस्टोरी पार्किंग है। हालांकि इसमें मुश्किल से 150-200 गाड़ियां ही खड़ी हो पाती हैं। यहां रजिस्टर्ड वकीलों की संख्या ही 12 से 15 हजार के करीब है। इसके अलावा हर रोजाना बाहर से भी सैंकड़ों वकील आते है। फिर दूसरे लोगों का भी आना होता है।
ऐसे में ज्यादातर लोगों को कोर्ट बिल्डिंग के फ्रंट साइड में बने मेन रोड, कड़कड़डूमा मेट्रो स्टेशन के नीचे और कोर्ट बिल्डिंग के दोनों तरफ बनी सड़क के किनारे ही गाड़ियां खड़ी करनी पड़ती है। सबसे ज्यादा दिक्कत फ्रंट साइड में ही होती है, क्योंकि इस रोड पर दिनभर ट्रैफिक ज्यादा रहता है।
पटियाला हाउस : कम स्पेस, बाहर हो रही पार्किंग
इंडिया गेट सर्कल पर लगने वाले जाम की एक बड़ी वजह पटियाला हाउस कोर्ट के बाहर होने वाली अवैध पार्किंग है। कोर्ट में कम स्पेस के चलते वकीलों और मुविक्कलों से लेकर पुलिस वालों तक को अपनी गाड़ियां बाहर सड़क किनारे खड़ी करनी पड़ती है। सबसे ज्यादा दिक्कत पुराना किला रोड पर होती है। इसी रोड पर कोर्ट के पास प्रगति मैदान टनल रोड का मेन एंट्री-एग्जिट पॉइंट भी है, यहां ज्यादा ट्रैफिक रहता है।
सड़क के दोनों तरफ दो लेन में गाड़ियां खड़ी रहती हैं, ऐसे में इंडिया गेट पर तिलक मार्ग से लेकर पुराना किला रोड के बीच जाम की स्थिति रहती है। नो पार्किंग में भी गाड़ियां खड़ी रहती हैं। कोस्ट गार्ड हेडक्वॉर्टर के बाहर होने वाली अवैध पार्किंग के चलते पूरे इलाके में ट्रैफिक कंजेशन की स्थिति बनी रहती है।
दिल्ली हाई कोर्ट : अंडरग्राउंड पार्किंग खाली, रोड पर दो लेन फुल
दिल्ली हाई कोर्ट परिसर के ठीक अपोजिट बनाई गई मल्टीलेवल पार्किंग में 1500 से अधिक गाड़ियों की पार्किंग की सुविधा है। बावजूद आज भी मथुरा रोड और इंडिया गेट के बीच शेरशाह रोड पर हाई कोर्ट के दोनों तरफ दिनभर ट्रैफिक कंजेशन बना रहता है, क्योंकि हजारों गाड़ियां सड़क पर ही पार्क रहती हैं। रियलिटी चेक के दौरान अंडरग्राउंड पार्किंग में 770 गाड़ियों की जगह खाली थी, वहीं सैकड़ों गाड़ियां कोर्ट परिसर के बाहर ही सड़क किनारे खड़ी हुई थीं।
यहां जगह-जगह बोर्ड लगे हुए थे कि ‘केवल ही लेन में गाड़ियां पार्क करें’, लेकिन डबल लेन में भी गाड़ियां खड़ी मिलीं। पहले यहां ट्रैफिक पुलिस ने कई जगह ‘नो पार्किंग’ के अपने बोर्ड लगा रखे थे, लेकिन अब उन्हें हटाकर दिल्ली हाई कोर्ट बार असोसिएशन के बोर्ड लगा दिए गए हैं।