छोड़ ना यार, ये तो रोज होता है…हर दिन ‘ईव टीजिंग’ की शिकार हो रहीं लड़कियां और महिलाएं, जागरूक बनाइये

हाइलाइट्स
कोतवाली थाना क्षेत्र में छात्राओं के साथ छेड़खानी मामले में रांची पुलिस सख्त.मामले में कोतवाली थाना प्रभारी और महिला थाना प्रभारी को किया गया सस्पेंड. महिला थाना प्रभारी पिंकी साव कोतवाली थाना प्रभारी रंजीत कुमार हुए निलंबित. एसएसपी रांची ने डीआईजी से की अनुशंसा, पहले ही 4 पुलिसवाले हुए हैं सस्पेंड.
रांची. ईव टीजिंग (Eve teasing) के मामले को लेकर रांची पुलिस प्रशासन गंभीर है. हाल के दिनों में जिस तरह से छेड़खानी के मामले सामने आए हैं उससे महिला सुरक्षा को लेकर सावला जरूर उठ खड़े हुए हैं. वहीं, इसे लेकर अब पुलिसकर्मी स्कूल कॉलेजों में जाकर क्यूआर कोड के बारे में जानकारी दे रहे हैं. इसके साथ ही छात्राओं से जानकारी भी हासिल की जा रही है, ताकि छेड़खानी की घटना पर त्वरित कार्रवाई पुलिस के तरफ से की जा सके. इस कड़ी में रांची पुलिस ने मंगलवार को कई स्कूलों और कॉलेजों में जाकर छात्र छात्राओं को इसे लेकर मुखर होकर बताने की अपील की. रांची पुलिस ने कहा कि अगर कहीं भी कोई छेड़छाड़ जैसी घटनाएं होती हैं तो इसकी जानकारी तुरंत पुलिस को दें. डायल 112 के साथ पुलिस थाने के नंबर भी पुलिस के द्वारा छात्राओं को प्रोवाइड कराया गया.
बता दें कि पिछले दिनों कोतवाली थाना क्षेत्र में छेड़खानी का मामला सामने आया था, जिसके बाद मामले में आरोपी को तो गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन शुरुआत में थाना स्तर से कुछ गड़बड़ियां सामने आई थीं. इसे लेकर 4 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया है. इसके साथ ही महिला थाना प्रभारी पिंकी साव और कोतवाली थाना प्रभारी रंजीत कुमार को निलंबित और विभागीय कार्रवाई की अनुसंशा डीआईजी से की गई है. इनपर कार्य में संवेदनशीलता नहीं बरतने का आरोप लगा है. बहरहाल, हम आगे हम जानते हैं कि ईव टीजिंग है क्या जो एक महिलाओं के लिए बहुत ही पीड़ादायक है और इस पर सख्त कानून भी नहीं है. हालांकि, अब ये प्रावधान आए हैं जिसमें सजा के साथ जुर्माना भी है.
क्या होता है ईव टीजिंग?
ईव टीजिंग (Eve teasing) का सीधा अर्थ है महिलाओं-लड़कियों से छेड़छाड़. पुरुषों द्वारा महिलाओं के सार्वजनिक यौन उत्पीड़न या यौन हमला. हाल के वर्षों में, ईव टीजिंग समाज के हर कोने में फैल गई है और एक राष्ट्रीय समस्या बन गई है. ईव टीजिंग को अत्याचार नहीं माना जाता, इसलिए इसका मुकाबला करने के लिए मजबूत कानून नहीं बनाए गए हैं. ऐसे मामलों में लड़कियों को परेशान किया जाता है और डराया-धमकाया जाता है ताकि यौन तृप्ति के उद्देश्य सध सके. ईव टीजिंग एक व्यापक शब्द है जिसका प्रयोग उन लड़कियों के प्रति यौन उत्पीड़न, यौन हमला या अन्य प्रकार की हिंसा को बताने के लिए किया जाता है जिनके पति या संरक्षक नहीं होते.
कानून के बारे में जान लीजिये
इसको और स्पष्ट तरीके से समझें, अगर कोई व्यक्ति किसी महिला की बेइज्जती के इरादे से कोई शब्द कहता है, आवाज निकालता है या कोई चीज दिखाकर महिला की निजता (प्राइवेसी) भंग करने की कोशिश करता है, तो ये अपराध आईपीसी की धारा 509 के तहत दंडनीय है. किसी भी महिला या लड़की के प्रति अश्लील इशारे, अभद्र शारीरिक भाषा और नकारात्मक टिप्पणी आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 2013 ने भारतीय दंड संहिता में बदलाव किए, जिससे यौन उत्पीड़न को धारा 354 ए के तहत एक व्यक्त अपराध बना दिया गया है. इसमें दोषी पाए जाने पर तीन साल तक की कैद और या जुर्माना हो सकता है.
क्यों छेड़छाड़ सहती हैं महिलाएं?
छेड़छाड़ के अधिकतर मामले दर्ज क्यों नहीं होते? इस बारे में वरिष्ठ वकील क्रांति कुमार कहते हैं, अधिकतर मामलों में महिलाएं स्वयं ही इग्नोर कर देती हैं. उनका… छोड़ ना यार, ये तो रोज ही होता है, वाला रवैया उन्हें इसके खिलाफ कदम उठाने से रोकता है. इससे ईव टीजिंग करने वालों का हौसला बढ़ जाता है और बढ़ता ही जाता है. दूसरा पहलू यह भी है कि कोई महिला यदि पुलिस के पास शिकायत करने जाती भी है, तो शिकायत दर्ज करने के पहले पुलिस उससे बेकार के इतने सवाल करने लगती है कि वो दोबारा छेड़छाड़ तो सह लेती हैं, लेकिन पुलिस में रिपोर्ट करने की हिम्मत नहीं जुटा पातीं. क्रांति कुमार कहते हैं, आज की आधुनिक महिलाओं को लगता है कि छेड़छाड़ उनके जीवन का हिस्सा बन चुका है. आज इसने छेड़खानी की है, तो कल कोई और करेगा. इसी सोच की वजह से वो इस गंभीर सामाजिक समस्या को हल्के में लेती हैं.
Tags: Crime Against woman, Jharkhand Police, Ranchi Police
FIRST PUBLISHED :
December 18, 2024, 07:14 IST