चाइना बॉर्डर से आई बड़ी खुशखबरी, लद्दाख में LAC को लेकर भारत का बड़ा फैसला, पलक झपकते दिया जाएगा माकूल जवाब
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चाइना बॉर्डर से आई बड़ी खुशखबरी, लद्दाख में LAC को लेकर भारत का बड़ा फैसला, पलक झपकते दिया जाएगा माकूल जवाब
नई दिल्ली. भारत और चीन के बीच सीमा विवाद नई बात नहीं है. पड़ोसी देश की ओर से उकसावे वाली कार्रवाई का मुंहतोड़ जवाब दिया जाता रहा है. कुछ साल पहले लद्दाख रीजन में चीन की हरकत को पूरी दुनिया ने देखा था. सीमा पार बॉर्डर इलाके में इंफ्रास्ट्रक्चर को लगातार दुरुस्त किया जा रहा है. चीन सरकार और PLA सीमाई क्षेत्र में लगातार ऑल वेदर रोड बना रही है. दुश्मनों के मंसूबों को भापते हुए भारत ने भी बॉर्डर एरिया में इंफ्रास्ट्रक्चर को दुरुस्त करने में जुट गया है. इस दिशा में बड़ी सफलता मिली है. नेशनल बोर्ड फॉर वाइल्डलाइफ (NBWL) ने 5 सड़क के निर्माण को हरी झंडी दे दी है. अब दुनिया में सबसे ऊंचाई (17,000 फीट) पर स्थित एयरस्ट्रिप तक चमचमाती सड़क का निर्माण संभव हो सकेगा. यह फैसला सामरिक तौर पर काफी महत्वपूर्ण है. यह इलाका चीन के बॉर्डर के समीप है. स्थानीय लोगों के साथ ही एयरफोर्स और इंडियन आर्मी के लिए यह काफी मददगार साबित होने वाला है.
दरअसल, NBWL ने 5 रोड स्ट्रेच के निर्माण को हरी झंडी दे दी है. इनमें दौलत बेग ओल्डी एयरपोर्ट से काराकोरम दर्रा (Karakoram Pass) तक जाने वाली 14 किलोमीटर लंबी सड़क भी शामिल है. यह चीन से लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के काफी समीप है. अब दुनिया में सबसे ज्यादा ऊंचाई पर स्थित एयरपोर्ट से LAC तक पहुंचना काफी आसान हो जाएगा. बता दें कि 17,000 फीट की ऊंचाई पर दौलत बेग ओल्डी हवाई पट्टी दुनिया का सबसे ऊंचा एयर फील्ड है. LAC के पास चुनौतीपूर्ण ऊंचाई वाले वातावरण में सैनिकों, सप्लाई और सैन्य साजो-सामान को तेजी से मौके पर पहुंचाना आसान होगा. देश की सुरक्षा के लिए यह काफी महत्वपूर्ण है.
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रक्षा मंत्रालय की दलील से सहमत NBWL
दरअसल, डिफेंस मिनिस्ट्री ने NBWL के समक्ष सभी 5 रोड प्रोजेक्ट को लेकर प्रस्ताव रखा था. रक्षा मंत्रालय ने दौलत बेग ओल्डी एयरपोर्ट से काराकोरम पास तक सड़क बनाने की मंजूरी देने को लेकर पेश प्रस्ताव में कहा था, ‘दौलत बेग ओल्डी एयरस्ट्रिप से काराकोरम बेस तक रोड कनेक्टिविटी तैयार करना उचित और जरूरी है. सड़क संपर्क बहाल होने पर इस इलाके में क्विक रिएक्शन टीम तत्काल कार्रवाई कर सकेगी. साथ ही गश्ती करने में भी आसानी होगी. इसके अलावा टकराव की स्थिति में जवानों की तैनाती और साजो-सामान को वहां तक पहुंचाने में भी काफी आसानी होगी.’ अब NBWL ने रक्षा मंत्रालय के इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है.
लेह-चालुंका रोड पर भी बड़ा निर्णय
डिफेंस मिनिस्ट्री ने लेह-चालुंका रोड को लेकर भी NBWL के सामने एक प्रस्ताव रखा था. रक्ष मंत्रालय इस रोड को अपग्रेड कर उसे और दुरुस्त करना चाहता है, ताकि इसका इस्तेमाल सभी मौसम में सभी तरह के वाहनों के लिए किया जा सके. 13 किलोमीटर लंबी यह सड़क सिंधु घाटी को श्योक घाटी से जोड़ती है. इससे नुब्रा घाटी और श्योक घाटी के लोगों को काफी सुविधा होगी. आवागमन में सुधार से आर्थिक गतिविधियां भी रफ्तार पकड़ेंगी. NBWL ने इस प्रस्ताव को भी स्वीकार कर लिया है.
Tags: India china border news, Ladakh Border Dispute, National News
FIRST PUBLISHED :
October 17, 2024, 22:35 IST