ढाका: बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी छात्र आंदोलन के चलते भड़की हिंसा के बाद ढाका में मौजूद भारतीय उच्चायोग ने अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की है। एडवाइजरी में बांग्लादेश में मौजूद भारतीय नागरिकों को ‘यात्रा से बचने’ और ‘अपने आवासीय परिसर के बाहर अपनी गतिविधियां सीमित’ करने को कहा गया है। बांग्लादेश में नौकरियों में कोटे के खिलाफ छात्र उग्र प्रदर्शन कर रहे हैं। गुरुवार को प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश बंद का आह्वान किया है।
भारतीय दूतावास ने कहा, ‘बांग्लादेश में चल रही स्थिति को देखते हुए बांग्लादेश में चल रही स्थिति को देखते हुए, बांग्लादेश में रहने वाले भारतीय समुदाय के सदस्यों और छात्रों को यात्रा से बचने और अपने आवासीय परिसर से बाहर कम से कम आने-जाने की सलाह दी जाती है।’ दूतावास ने किसी भी सहायता के लिए 24 घंटे जारी रहने वाला आपातकालीन नंबर भी दिए हैं। भारतीय नागरिक उच्चायोग ढाका के नंबर +880-1937400591 और भारतीय सहायक उच्चायोग, चटगांव +880-1814654797 / +880-1814654799 पर संपर्क कर सकते हैं।
नौकरियों में आरक्षण को समाप्त करने की मांग
बांग्लादेश में छात्र प्रदर्शनकारी सरकारी नौकरियों में कोटे को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं और इस सप्ताह हुई घातक झड़पों के बाद देशव्यापी बंद का आह्वान किया है। हिंसक प्रदर्शनों में जिसके परिणामस्वरूप छह लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। 17 करोड़ की आबादी वाले बांग्लादेश में बेरोजगारी की दर बहुत ज्यादा है। बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत सीटें 1971 के स्वतंत्रता संग्राम में लड़ने वाले सेनानियों के लिए आरक्षित हैं, जिसे लेकर युवाओं में भारी गुस्सा है और इसे समाप्त करने की मांग कर रहे हैं।
आरक्षण पर सुनवाई करेगा उच्चतम न्यायालय
बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार के लिए पहली बड़ी चुनौती है। उन्होंने जनवरी में विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) द्वारा बहिष्कार किए गए चुनाव में लगातार चौथी बार जीत हासिल की थी। बुधवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में हसीना ने वादा किया कि उनकी सरकार प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस द्वारा गोलियां और आंसू गैस छोड़े जाने के बाद हुई मौतों की जांच के लिए एक न्यायिक पैनल का गठन करेगी। उन्होंने कहा कि 7 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट उच्च न्यायालय के उस फैसले के खिलाफ सरकार की अपील पर सुनवाई करेगा, जिसमें 1971 में पाकिस्तान से स्वतंत्रता के लिए लड़ने वाले लोगों के परिवारों के लिए 30% आरक्षण को बहाल करने का आदेश दिया गया था। हसीना ने छात्रों से फैसला आने तक धैर्य रखने को कहा।