नई दिल्ली. दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में दिल्ली पुलिस ने बिभव कुमार की 7 दिनों की रिमांड की मांग की है, जिस पर कोर्ट में बहस हुई. बिभव कुमार के वकील राजीव मोहन ने कहा कि 13 तारीख की घटना है, FIR 16 मई को दर्ज की गई, इसका कोई क्लेरिफिकेशन नहीं दिया गया. 13 तारीख से पहले स्वाति मालीवाल कब मुख्यमंत्री के आवास पर गई, इसका कोई रिकॉर्ड नहीं दिया गया है. बिभव कुमार के वकील राजीव मोहन ने कहा कि मालीवाल अपनी मर्जी से मुख्यमंत्री के आवास पर गईं, किसी के बुलाने पर नहीं गईं. 13 तारीख को सीएम के घर जाने का मकसद क्या था? इसके बारे में भी नहीं बताया गया है.
बिभव कुमार के वकील राजीव मोहन ने कहा दिल्ली पुलिस तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर पेश कर रही है. राजीव मोहन ने कहा 112 की कॉल पर दिल्ली पुलिस तुरंत रिस्पॉन्स करती है. दिल्ली पुलिस को कॉल पर जो बताया उसपर तुरंत FIR नहीं दर्ज कराई. राजीव मोहन ने कहा अगर किसी को चोट लगी होती है, तो तुरंत पुलिस से मेडिकल हेल्प मांगता है और उसको अस्पताल लेजाया जाता है. यहां पर पुलिस के आने का इंतजार नहीं किया गया. बिभव कुमार के वकील राजीव मोहन ने कहा ऐसा हो ही नहीं सकता है कि सिविल लाइन के एरिया में 112 की कॉल पर कोई रिस्पांस नहीं किया जाए. क्योंकि वहां पर मुख्यमंत्री का आवास है, LG का आफिस है.
112 की हर कॉल रिकॉर्ड होती है
बिभव कुमार के वकील राजीव मोहन ने कहा 112 की जो कॉल होती है उसको रिकॉर्ड किया जाता है. जो अधिकारी उसको अटेंड करने जाता है उसका भी रिकॉर्ड होता है. PCR कॉल की रिकॉर्ड में दिल्ली पुलिस एक-एक चीज साफ रूप से रिकॉर्ड की जाती है. अगर किसी को चोट लगी होती है तो उसका मेडिकल रिकॉर्ड दर्ज किया जाता है. अगर कोई चोट होती है तो उसको मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए अस्पताल भेजा जाता है. बिभव कुमार के वकील राजीव मोहन ने कहा वह SHO से मिलीं. लेकिन अगर कोई उनके शरीर पर गहरी चोट थी तो SHO ने कोई मेडिकल शीट क्यों नहीं बनाई.
मालीवाल सियासत कर रहीं
बिभव कुमार के वकील राजीव मोहन ने आरोप लगाया कि स्वाति मालीवाल इस मसले पर सियासत कर रही हैं. बिभव कुमार के वकिल राजीव मोहन ने कहा कि जिसको इतना मारा गया कि उसकी मौत हो सकती थी, वह कोई मेडिकल ट्रीटमेंट नहीं लेती है ऐसा कैसे हो सकता है? बिभव कुमार के वकील राजीव मोहन ने कहा CM ऑफिस का CCTV कैमरा दिल्ली पुलिस के अधीन है, जबकि दिल्ली पुलिस ने वकील आपत्ति जताते हुए कहा कि CCTV कैमरा PWD के अधीन है.
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मोबाइल फार्मेट की बात सही भी है, तो…
बिभव कुमार के वकील राजीव मोहन ने कहा मोबाइल को फार्मेट की बात सही भी है, तो भी मोबाइल को फार्मेट करने का मामले से कोई लेना देना नही है. क्योंकि शिकायत में कहीं यह नहीं कहा गया कि बिभव व्हाट्सएप या कॉल करके बुलाता था या धमकी देता था. बिभव कुमार के वकील राजीव मोहन ने कहा अगर गिरफ्तरी ही जस्टिफाई नहीं है तो फिर पुलिस हिरासत का सवाल ही नहीं उठता. वहीं दिल्ली पुलिस ने कहा कि बिभव पर आरोप लगाने वाली उनकी ही पार्टी की एक राज्यसभा सांसद है, जो उनकी करीबी हैं. जिस तरह से उनकी पिटाई हुई, उससे वह शॉक में थीं. जिससे उनको उबरने में तीन दिन का समय लग गया, यह बात FIR में कही गई है.
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FIRST PUBLISHED :
May 18, 2024, 23:46 IST