गोवा: कुछ सोशल मीडिया पोस्ट्स में गोवा के फेमस बीचेज को सुनसान बताया जा रहा है और ट्रैवलर्स को साउथ-ईस्ट एशिया जाने की सलाह दी जा रही है, लेकिन सरकार और टूरिज़्म प्रोफेशनल्स इन दावों को सच्चाई से भटक (deviated from reality) कर दिखाए गए मानते हैं. गोवा में अब भी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय टूरिस्ट्स की steady फ्लो जारी है, जो राज्य की अर्थव्यवस्था में योगदान दे रहे हैं. हालांकि, कुछ चैलेंजेस जैसे होटल और फ्लाइट्स की हाई प्राइसिंग अभी भी मौजूद हैं. एक और फैक्टर जो चर्चा में है वो है लोगों का गोवा में दूसरा घर खरीदने का ट्रेंड.
क्या है हकीकत?
दरअसल, राज्य के टूरिज़्म मिनिस्टर रोहन खांटे ने कहा, “गोवा का टूरिज़्म पिछले साल के मुकाबले इस साल बेहतर है.” उन्होंने सोशल मीडिया पर राज्य की छवि खराब करने के आरोप कुछ “पेड” सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स पर लगाए. खांटे ने इन ‘गैर जिम्मेदार’ कार्यों की निंदा की और गोवा के असली हकीकत को दिखाने वाले गोवा के इंफ्लुएंसर्स की तारीफ की. उन्होंने कहा, “हम इन इंफ्लुएंसर्स को बेनकाब करने की योजना बना रहे हैं. गोवा का टूरिज़्म प्रभावित नहीं हुआ है. हम सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ मिलकर इस मुद्दे पर काम कर रहे हैं.”
बता दें कि खांटे ने गोवा की सुंदरता और क्रिएटिविटी को थाईलैंड और अन्य डेस्टिनेशंस से अलग बताते हुए कहा, “हम चाहते हैं कि गोवा गोवा बना रहे, किसी और जगह की नकल न करे. वर्तमान सीजन अच्छा रहा है और हम उम्मीद करते हैं कि अगला साल और भी बेहतर होगा.”
टूरिज़्म में ट्रेंड चेंज
वेरुन हेगड़े, जो एक experiential ट्रैवल कंपनी के फाउंडर हैं, ने कहा कि पिछले दो सालों में एक्सपीरिएंशियल टूरिज़्म की डिमांड में इजाफा हुआ है. उन्होंने बताया, “अब लोग बीच और पार्टी से आगे की चीजें एक्सप्लोर करना चाहते हैं, जैसे कि लोकल कल्चर, रीजनल फूड्स और यूनिक एक्टिविटीज़,” वे कहते हैं कि 2024 अब तक का सबसे सफल साल रहा है.
कैसे बदला है पैटर्न
वहीं, टीटीएजी के प्रेज़िडेंट जैक सुखीजा का मानना है कि गोवा में टूरिस्ट्स की संख्या कम नहीं हुई है, बल्कि पैटर्न में बदलाव आया है. उन्होंने कहा, “पिछले दो साल टूरिज़्म के लिए शानदार रहे हैं, लेकिन अब होटल और फ्लाइट्स की कीमतें ज्यादा हैं, जिससे कुछ लोग गोवा के बारे में सोचते हैं.”
लक्सरी होटल्स और सेकंड होम्स का असर
सुखीजा ने यह भी बताया कि बहुत सारे अमीर भारतीय गोवा में सेकंड या थर्ड होम्स खरीद रहे हैं, जो होटल्स की ऑक्यूपेंसी को प्रभावित कर रहे हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि टूरिज़्म में कमी आई है.
गोवा का अनकहा सच
लेखक और गोवा आर्ट्स एंड लिटरेचर फेस्टिवल के को-फाउंडर विवेक मेनेज़ेस, ने कहा कि गोवा की टूरिज़्म को साउथ-ईस्ट एशियाई देशों की बढ़ती मांग से फर्क पड़ा है, लेकिन उन्होंने इसको गोवा की कीमत पर नहीं माना. उन्होंने कहा, “गोवा अब भी हर ट्रैवलर की लिस्ट में है. यहां की हस्पिटैलिटी और रिस्पेक्टेबल वैल्यू फॉर मनी बहुत अच्छी है.”
गोवा की असली पहचान खो रही है?
गोवा के सांस्कृतिक और धरोहर प्रेमी तेजस पंडित का मानना है कि गोवा को अपनी असली पहचान को बनाए रखने की जरूरत है. उन्होंने कहा, “जो गोवा हमारे पूर्वजों ने छोड़ा था, वो अब खोता जा रहा है. आजकल गोवा में स्थानीय व्यवसायों में बहुत कम लोकल्स हैं. गोवा जो टूरिस्ट्स को दिखा रहा है, वो गोवा नहीं है, जो हमारे पूर्वजों ने छोड़ा था. संस्कृति और अवसरों को समझने के लिए लोग गोवा में और भी चीजें एक्सप्लोर कर सकते हैं.”
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FIRST PUBLISHED :
January 3, 2025, 16:53 IST