गिर्राज तलहटी में भगवान गोवर्धन नाथ को गाय के घी से बने 21 हजार किलो व्यंजन के बीच विराजमान किया गया
मथुरा के गोवर्धन में स्थित गिर्राज तलहटी में भगवान गोवर्धन नाथ को गाय के घी से बने 21 हजार किलो व्यंजन के बीच विराजमान किया गया। अनंत चतुर्दशी की शाम को अलौकिक 56 भोग दर्शन की ऐसी आभा बिखरी कि श्रद्धालु सुध बुध खो प्रभु को एक टक निहारते रह गए।
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चांदी से बने रथ में हुए विराजमान
अनंत चतुर्दशी की शाम को गोवर्धन परिक्रमा मार्ग में अद्भुत 56 भोग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। धवल चंद्रमा की रोशनी में भगवान गोवर्धन नाथ को 21 हजार किलो व्यंजन के 56 भोग अर्पित किए गए। सप्त रत्न और चांदी से बने चंद्र यान रथ में विराजमान भगवान के दर्शनों के लिए देर रात तक श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता रहा।
सप्त रत्न और चांदी से बने चंद्र यान रथ में विराजमान भगवान के दर्शनों के लिए देर रात तक श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता रहा
प्रभु के दर्शन को आतुर दिखे श्रद्धालु
असली हीरा,पन्ना,पुखराज,मोती,नीलम जैसे बेशकीमती रत्नों से जड़ित श्रृंगार धारण किए भगवान गोवर्धन नाथ की छवि अद्वतीय लग रही थी। हर कोई अपने प्रभु के दिव्य दर्शन को आतुर था। प्रभु प्रेम की दिवानगी ऐसी कि उनसे नजर ही नहीं हट रही थी। भक्ति भाव में विभोर श्रद्धालु नाच गा रहे थे। शहनाई की धुन और रासलीला का मंचन भक्ति मय माहौल में चार चांद लगा रहा था।
शहनाई की धुन और रासलीला का मंचन भक्ति मय माहौल में चार चांद लगा रहा था
देर रात तक उमड़ते रहे श्रद्धालु
भगवान शहनाई की धुन और रासलीला का मंचन भक्ति मय माहौल में चार चांद लगा रहा था। छप्पन भोग दर्शन से पहले आयोजन समिति के पदाधिकारियों ने भगवान की महा आरती की। भगवान के दर्शनों के लिए पहुंचे श्रद्धालु इस क्षण को अपने मोबाइल में कैद करते हुए नजर आए।
शहनाई की धुन और रासलीला का मंचन भक्ति मय माहौल में चार चांद लगा रहा था