Thursday, November 28, 2024
Thursday, November 28, 2024
Home देश ‘खुद को अनाथ न समझो’, PM मोदी ने पोलैंड पहुंच याद दिलाई 80 साल पुरानी घटना

‘खुद को अनाथ न समझो’, PM मोदी ने पोलैंड पहुंच याद दिलाई 80 साल पुरानी घटना

by
0 comment

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को पोलैंड पहुंच गए. एयरपोर्ट पर पोलैंड के डिप्‍टी पीएम उनकी अगवानी के ल‍िए खड़े थे. जैसे ही पीएम मोदी वारसॉ के एक होटल पहुंचे, वहां मौजूद सैकड़ों भारतीयों ने उनका स्‍वागत क‍िया. सम्‍मान में भारत माता की जय के नारे लगाए. कुछ ही देर बाद वे नवानगर के जाम साहब स्मारक पहुंच गए. ये वो जगह है, जिसका गुजरात से खास कनेक्‍शन है. यह स्‍मारक ज‍िस भारतीय महाराजा के नाम पर बना है, उन्‍होंने पोलैंड के 1000 अनाथ बच्‍चों को पेरेंट्स की तरह पाला था. तब उन्‍होंने बच्‍चों से कहा था, ‘खुद को अनाथ मत समझो, मैं तुम्‍हारा पिता हूं.’ पीएम मोदी ने उस जगह जाकर 80 साल पुरानी घटना याद दिला दी. इसके बारे में जानकर आप भी गर्व से भर उठेंगे.

वारसॉ के नवानगर में बना जाम साहब स्मारक गुजरात के नवानगर (अब जामनगर) के पूर्व महाराजा जाम साहब दिग्विजयसिंहजी रणजीतसिंहजी जाडेजा को समर्पित है. वारसॉ के लोग उन्‍हें बेहद सम्‍मान की नजर से देखते हैं. यहां उन्‍हें ‘सबसे अच्‍छे महाराजा’ (Good Maharaja Square) के नाम से जाना जाता है. इसके पीछे एक जबरदस्‍त कहानी है, जो बताती है क‍ि भारतीय कहीं भी रहें, अपने मानवीय मूल्‍य और छाप छोड़कर ही आते हैं.

जाम साहब कौन थे?
जाम साहब का जन्‍म 1895 में सरोदा में हुआ था. उन्‍होंने राजकुमार कॉलेज, मालवर्न कॉलेज और यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन से पढ़ाई की. 1919 में उन्‍हें ब्रिटिश सेना में सेकेंड लेफ्ट‍िनेंट बना दिया गया. करीब 20 साल तक उन्‍होंने सेना में सेवाएं दी. राजपूताना राइफल्स से जुड़े और लेफ्टिनेंट-जनरल बने. अपने चाचा और प्रसिद्ध क्रिकेटर केएस रणजीत सिंहजी की मौत के बाद जाम साहब 1933 से 1948 तक नवानगर के महाराजा रहे. राजकुमार कॉलेज राजकोट की गवर्निंग काउंसिल के सबसे लंबे वक्‍त तक अध्‍यक्ष रहे.

पोलैंड से कैसे बना रिश्ता?
कहानी तकरीबन 80 साल पुरानी है. सेकेंड वर्ल्‍ड वॉर के दौरान अनाथ हुए पोलैंड के लगभग 1000 यहूदी बच्‍चों को जाम साहब साइबेर‍िया से भारत लेकर आए. उनके ल‍िए महल के दरवाजे खोल दिए. इन बच्‍चों की अभ‍िभावक के रूप में सेवा की. इन बच्‍चों को पोलैंड से सोवियत यूनियन ने साइबेर‍िया के रिफ्यूजी कैंप में डाल दिया था. जाम साहब ने बच्‍चों को देखा तो करुणा के भाव से भर गए. उनके ल‍िए सबकुछ करने का संकल्‍प ल‍िया. आज के जामनगर में एक कैंप लगाया. इसमें स्‍कूल, अस्‍पताल, लाइब्रेरी और बहुत सारी सुविधाएं मुहैया कराई. महाराज खुद भी बच्‍चों से मिलने जाते थे. उनके लिए आर्ट स्‍टूडियो, थिएटर ग्रुप्‍स और कल्‍चरल सेंटर तक बनवाया. इतना ही नहीं, ऐसे उन्‍होंने 5000 और बच्‍चों की मदद की.

Humanity and compassion are vital foundations of a just and peaceful world. The Jam Saheb of Nawanagar Memorial in Warsaw highlights the humanitarian contribution of Jam Saheb Digvijaysinhji Ranjitsinhji Jadeja, who ensured shelter as well as care to Polish children left homeless… pic.twitter.com/v4XrcCFipG

— Narendra Modi (@narendramodi) August 21, 2024

‘मैं तुम्‍हारा पिता, अपने आप को अनाथ मत समझो’
जाम साहब तब बच्‍चों से कहते थे, अपने आप को अनाथ मत समझो. अब तक नवानगरवासी हो गए हो और मैं तुम्‍हारा बा‍पू. नवानगर के सभी लोगों का पिता हूं, इसल‍िए तुम्‍हारा भी पिता हूं. उनकी ये बातें पोलैंड के लोग आज तक नहीं भूले हैं. उनकी यादों को सहेजने के ल‍िए मार्च 2016 में पोलैंड की संसद ने नवानगर में जाम साहब स्‍मारक बनाने का फैसला क‍िया. पोलैंड के वारसॉ में एक स्‍कूल भी जाम साहब के नाम पर खोला गया है. जाम साहब ने जामनगर में जो कैंप खोला था वो 1945 तक चला और बाद में बंद कर दिया गया. क्‍योंक‍ि सभी बच्‍चों को कोल्‍हापुर में भेज दिया गया. आज वहां 300 एकड़ में एक सैनिक स्‍कूल है, जो उन बच्‍चों की याद में बना है.

कोल्‍हापुर मेमोर‍ियल भी गए
पीएम मोदी उस कोल्हापुर मेमोरियल भी गए. यह मेमोर‍ियल कोल्हापुर के उस गांव की याद में बनाया गया है, जहां पोलैंड के बच्चों को शरण दी गई थी. इन सभी को नवानगर के जाम साहब ने रखा था. बच्चों को 1945 में कोल्हापुर के वलीवडे में ले जाया गया था. वलीवडे को इसल‍िए चुना गया था क्‍योंक‍ि यहां की जलवायु पोलैंड के बच्‍चों को सूट करती थी. यह जगह मुंबई शहर से लगभग 500 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है. कोल्हापुर में एक कब्रिस्तान भी है, जिसे 2014 में खोला गया. यह उन पोलिश लोगों को श्रद्धांजलि देता है, जिनकी मृत्यु भारत में रहते हुए हुई थी. पीएम मोदी मोंटे कैसिनो मेमोरियल भी गए. 1944 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान मोंटे कैसिनो की लड़ाई में द्वितीय पोलिश कोर के सैनिकों की जीत की याद दिलाता है. द्वितीय पोलिश कोर ने पहाड़ी और उस पर स्थित मठ पर विजय प्राप्त की थी. इस लड़ाई में 900 से अधिक पोलिश सैनिक मारे गए थे.

Tags: Narendra modi

FIRST PUBLISHED :

August 21, 2024, 23:43 IST

You may also like

Leave a Comment

About Us

Welcome to janashakti.news/hi, your trusted source for breaking news, insightful analysis, and captivating stories from around the globe. Whether you’re seeking updates on politics, technology, sports, entertainment, or beyond, we deliver timely and reliable coverage to keep you informed and engaged.

@2024 – All Right Reserved – janashakti.news/hi

Adblock Detected

Please support us by disabling your AdBlocker extension from your browsers for our website.