सत्य और धर्म की विजय के प्रतीक विजयादशमी पर हिंदू अपने अस्त्र-शस्त्र की पूजा पूरे विधि विधान से करते हैं। हालांकि, ये जरूरी नहीं कि अस्त्र-शस्त्र के तौर पर बंदूक, तमंचे या फिर तीर, तलवारों की ही पूजा की जाए। मंडला के स्टेडियम में खिलाड़ी विजयादशमी पर्
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दरअसल विजयादशमी पर्व पर आमतौर पर शस्त्र पूजा की परंपरा है। हालांकि, मंडला के स्टेडियम में विजय दशमी पर खिलाड़ी प्रतिवर्ष खेल के मैदान और अपनी खेल सामग्री की पूजा करते हैं। शनिवार को विजया-दशमी पर्व पर भी सेव स्टेडियम ग्रुप के तत्वावधान आयोजित मैदान और खेल सामग्री के पूजन कार्यक्रम में अनेक खेलों के खिलाड़ी एकत्र हुए और पूजन कार्यक्रम में शामिल हुए।
श्रद्धा-भक्ति और विधि-विधान से हुई इस पूजा में पुजारी के मंत्रोच्चार के साथ खिलाड़ियों ने अपने बल्ले, बॉल, फुटबाल, पहलवानों ने अपने गदा, बैडमिंटन प्लेयर ने अपने रैकेट, खेल की किट सहित अन्य की पूजा कर मां शक्ति से आशीर्वाद मांगा कि जिले की खेल प्रतिभाएं आगे बढ़कर किसी सितारे की तरह देश और दुनिया में चमकें।
पूरी श्रद्धा भक्ति से पूजन करते खिलाड़ियों से भरा मैदान अपने आप में न केवल अनूठा है बल्कि इससे एक खिलाड़ी के लिए खेल सामग्री और मैदान का महत्व झलकता हैं। सेव स्टेडियम ग्रुप के तत्वावधान में यह पूजन कार्यक्रम विगत 5 वर्षों से आयोजित किया जा रहा है। इस दौरान ग्रुप के सदस्य, जिले भर से आये खिलाड़ी और गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।