खरगोन की रिटायर्ड प्रिंसिपल को बर्थडे पर मिले चॉकलेट गिफ्ट में नकली दांत निकलने का मामला सामने आया है। चॉकलेट न खाने की हिदायत सब देते हैं। लेकिन यहां मामला अलग है। बैंक कॉलोनी निवासी रिटायर्ड प्राचार्या मायादेवी गुप्ता का कहना है कॉफी फ्लेवर चॉकलेट
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चॉकलेट चबाने पर कड़क लगी। पहले लगा चॉकलेट का क्रंची हिस्सा होगा। दोबारा चबाकर देखा तो दांत हिल गए। मुंह से वापस बाहर निकालकर देखा तो चॉकलेट मटेरियल के साथ चार नकली दांतों का सेट दिखाई दिया। इसमें दो दांतों में गेप थी जिसकी बनावट हुबहू मानवों को लगाने के लिए इस्तेमाल होने वाली केप जैसी थी। फिलहाल उन्होंने अभी कहीं शिकायत नहीं की है। चॉकलेट तो चबाने पर कड़क लगी। पहले लगा चॉकलेट का क्रंची हिस्सा होगा।
दोबारा चबाकर देखा तो दांत हिल गए। मुंह से वापस बाहर निकालकर देखा तो चॉकलेट मटेरियल के साथ चार नकली दांतों का सेट दिखाई दिया। इसमें दो दांतों में गेप थी, जिसकी बनावट हुबहू मानवों को लगाने के लिए इस्तेमाल होने वाली केप जैसी थी। फिलहाल शिक्षिका ने चॉकलेट के अंदर निकले दांतों को संभालकर रखा है।
प्राचार्या ने कहा कि चबाने पर मुझे कड़क लगी तो सोचा क्रंची हिस्सा होगा, लेकिन मुंह से बाहर निकाल कर देखा तो दांतों का सेट निकला।
संस्था में पहुंचते हैं कई प्रतिनिधि
रिटायर्ड प्राचार्या आस्थाग्राम ट्रस्ट में फ्री सेवाएं दे रही हैं। वे यहां आवासीय बच्चों को पढ़ाती हैं। बच्चों के साथ जन्मदिन मनाने कई समाजसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि आते हैं। पिछले दिन ऐसे ही एक जन्मदिन पर उन्हें भी चॉकलेट मिली थीं। उन्हें यह पता नहीं की गिफ्ट किनके माध्यम से आया था।
रिटायर्ड प्राचार्या आस्थाग्राम ट्रस्ट में आवासीय बच्चों को मुफ्त पढ़ाती हैं।
नामी कम्पनी की चॉकलेट में यह लापरवाही गंभीर
प्राचार्या का मानना है नामी कम्पनियों की चॉकलेट में इस तरह की लापरवाही गंभीर है। शासन, प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए। आमजन को चाहिए किसी भी खाद्य सामग्री को ध्यान से उपभोग करें। यह सेहत से जुड़ा मामला है। शरीर को नुकसान पहुंचाने वाली किसी सामग्री से स्वास्थ्य का नुकसान हो सकता है।