बाजुओं में फड़कन, प्राणों में चेतना, रक्त में उबाल पैदा करने वाली 12वीं शताब्दी की बुंदेलों की शौर्यगाथा आज भले ही क्षीण हो चली है, लेकिन ग्रामीणांचल में आज भी महोबा के चंदेल काल के दो वीर योद्धाओं आल्हा और ऊदल की शौर्य गाथा के गीतों पर लोग झूम उठते ह
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आल्हा गायन की प्रस्तुति
रविवार को निगोहां के दखिना टोल प्लाजा पर आल्हा कार्यक्रम का आयोजन समाजसेवी नवीन मिश्रा द्वारा किया गया। टीवी और रेडियो की प्रसिद्व आल्हा सम्राट काजल सिंह ने अपने साथियों के साथ आल्हा गायन की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में मौजूद सभी अतिथि और ग्रामीण मंत्रमुग्ध हो गए। आल्हा सम्राट काजल सिंह और उनकी टीम ने नैनागढ़ की लड़ाई और ऊदल का विवाह गायन कर लोगों में ऊर्जा का संचार किया।
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खट-खट तेगा बोलै, बोलै छपक-छपक तलवार।
वीर रस का वर्णन करते हुए युद्ध भूमि का चित्रण करते हुए कहा खट-खट तेगा बोलै, बोलै छपक-छपक तलवार। तीन घरी लै गोला छुटै, धरती मागै धरम दुआर पर लोगों की भुजायें फड़क उठीं।आयोजक समाजसेवी नवीन मिश्रा ने कार्यक्रम में आये अतिथियो को फूल माला पहनाकर व पुष्प गुच्छ भेटकर स्वागत किया।
इस मौके पर भाजपा मीडिया प्रकोष्ठ के जिला संयोजक अशोक तिवारी,भाजपा नेता नागेश्वर द्विवेदी,भाजपा मंडल अध्यक्ष आशुतोष शुक्ला,प्रधान प्रतिनिधि प्रदीप द्विवेदी, प्रधान अभय दीक्षित,प्रधान सूर्य कुमार द्विवेदी,भाजपा नेता शिव नारायण बाजपेयी,वरिष्ठ पत्रकार अनुपम मिश्रा,आयुष दीक्षित, हर्षित बाजपेई,अवनीश अवस्थी,बल्लू बाजपेई,अतुल तिवारी, संदीप मिश्रा,आलोक मिश्रा,रमाकांत द्विवेदी,दुर्गेश द्विवेदी समेत काफी संख्या में लोग मौजूद रहें।