होमलाइफस्टाइलहेल्थक्या कमर दर्द से छुटकारा पाने का मिल गया है परमानेंट सॉल्यूशन? जानें ओपियोइड से जुड़ी खास बातें
क्या कमर दर्द से छुटकारा पाने का मिल गया है परमानेंट सॉल्यूशन? जानें ओपियोइड से जुड़ी खास बातें
रीढ़ की हड्डी की चोट (एससीआई) वाले अधिकांश लोगों को दर्द काफी दिनों या पूरी जिंदगी के लिए रह जाता है. ऐसे दर्द की रोकथाम के लिए ओपिओइड का इस्तेमाल किया जाता है. क्या यह सही है?
By : एबीपी लाइव | Edited By: Swati Raj Laxmi | Updated at : 22 May 2024 06:14 PM (IST)
रीढ़ की हड्डी की चोट ( Image Source :freepik )
रीढ़ की हड्डी की चोट (एससीआई) वाले अधिकांश लोगों को दर्द काफी दिनों या पूरी जिंदगी के लिए रह जाता है. ऐसे दर्द की रोकथाम के लिए ओपिओइड का इस्तेमाल किया जाता है. हालांकि, ओपिओइड के साइड इफेक्ट्स और फायदे दोनों के बारे में इस आर्टिकल में विस्तार से बात करेंगे. क्योंकि इन दिनों दुनिया भर में ओपिओइड संकट विकसित हुए हैं.
कमर दर्द एससीआई के बाद पुराने दर्द के इलाज के लिए ओपिओइड को अब क्यों नहीं निर्धारित किया जाना चाहिए? रीढ़ की हड्डी की चोट (एससीआई) में पुराना दर्द आम है, जिसमें लगभग पांच में से चार लोग लगातार दर्द की शिकायत करते हैं, जिनमें से लगभग आधे मस्कुलोस्केलेटल और आधे न्यूरोपैथिक होते हैं.
ओपियोइड कैसे करता है काम?
ओपियोइड दिमाग और रीढ़ की हड्डी में दर्द और संकतों को रोकने का काम ओपियोइड करती है. यह शरीर में एंडोफिर्न नाम का केमिकल रिलीज करता है. यह एक तरह का नेचुरल पेन रिलीवर है.
ओपियाइड का इस्तेमाल
गंभीर दर्द के इलाज के लिए ओपियोइड का इस्तेमाल किया जाता है. गंभीर सर्जरी के बाद, कैंसर का दर्द और पुरानी पीठ के दर्द में ओपियाइड का इस्तेमाल किया जाता है.
कुछ ओपियोइड का इस्तेमाल खांसी के इलाज में भी किया जाता है. जैसे कि कोडीन.
कई बार गंभीर रूप से दस्त और बैचेनी की प्रॉब्लम में ओपियाइड का इस्तेमाल किया जाता है.
पीठ के नीचले हिस्से में दर्द का इलाज
अगर किसी व्यक्ति के पीठ के नीचले हिस्से में काफी वक्त से दर्द है तो ऐसे व्यक्ति का इलाज ओपिओइड से करना चाहिए. अगर ओपिओइड का कम डोज दिया जा रहा है और फिर भी दर्द कम नहीं हो रहा है तो इसकी खुराक बढ़ा देनी चाहिए.
इन ‘स्पाइनल कॉर्ड इंजरी’ (SCI) से संबंधित 4 दर्द में ओपिओइड का इस्तेमाल किया जाता है. मस्कुलोस्केलेटल दर्द के लिए हो या न्यूरोपैथिक एससीआई दर्द में ओपिओइड का इस्तेमाल किया जाता है. अगर किसी व्यक्ति को पहले ओपिओइड का इस्तेमाल किया जा रहा है तो कोशिश करनी चाहिए कि इसकी मात्रा धीरे-धीरे कम करना शुरू कर देना चाहिए.
दर्द कम करने के लिए क्रोनिक ओपिओइड में कमी आई है. इससे सांस संबंधित बीमारी और जान का भी खतरा होता है. ओपिओइड ओवरडोज के जोखिम से बचना चाहिए. कब्ज, दिमाग सुस्त और हार्मोनल अवसाद जैसे ओपिओइड के साइडइफेक्ट्स से बचना चाहिए.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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Published at : 22 May 2024 06:12 PM (IST)
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