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कौन हैं गुरजाड अप्पाराव? जिनकी पंक्तियों का वित्‍त मंत्री ने किया जिक्र

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कौन हैं लेखक गुरजाड अप्पाराव? जिनकी पंक्तियां आज बजट सत्र में छा गई, वित्‍त मंत्री सीतारमण ने किया जिक्र

Agency:आईएएनएस

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Budget 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में बजट पेश किया, जिसमें टैक्‍स स्‍लैब 12 लाख तक बढ़ाया गया. उन्होंने गुरजाड अप्पाराव का उल्लेख किया, जो तेलुगु साहित्य के ज्ञाता थे. उनकी उत्कृष्ट कृति ‘कन्य…और पढ़ें

कौन हैं गुरजाड अप्पाराव? जिनकी पंक्तियों का वित्‍त मंत्री ने किया जिक्र

वित्‍त मंत्री ने संसद में जिक्र किया. (Sansad TV)

हाइलाइट्स

  • वित्त मंत्री ने बजट में टैक्स स्लैब 12 लाख तक बढ़ाया.
  • गुरजाड अप्पाराव की पंक्तियों का बजट भाषण में उल्लेख हुआ.
  • उनके जीवन पर ‘कन्याशुल्कम’ नाम से 1955 में फिल्म बनी थी.

Budget 2025: आज लोकसभा में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश किया तो हर कोई खुशी से झूम उठा. ऐसा होना लाजमी भी था क्‍योंकि वित्‍त मंत्री ने टैक्‍स स्‍लैब को बढ़ाकर 12 लाख कर दिया. यानी अब एक लाख रुपये महीना कमाने वाले व्‍यक्ति को भी कोई टैक्‍स नहीं देना होगा. निर्मला सीतारमण ने आज बजट भाषण में “देशमांते मट्टी कादोई, देशमांते मनुशुलोई” (एक देश सिर्फ जमीन नहीं है, बल्कि उसके लोग हैं) का उल्लेख किया. यह पंक्ति प्रख्यात लेखक और आजादी से पहले के युग के दौरान माहूर तेलुगु साहित्य के ज्ञाता गुरजाड अप्पाराव की है.

वर्ष 1862 में आंध्र प्रदेश में जन्मे गुरजाड अप्पाराव ने प्रसिद्ध नाटक ‘कन्या सुल्कम’ लिखा, जो उन दिनों बाल विवाह की बुरी परंपराओं पर एक उल्लेखनीय नाटक था. उन्होंने विजयनगरम के एम.आर. कॉलेज में व्याख्याता के रूप में काम किया. उनकी उत्कृष्ट कृति ‘कन्याशुल्कम’ पर 1955 में एक फिल्म बनाई गई थी, जिसमें आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन टी रामा राव ने मुख्य भूमिका निभाई थी. विजयनगरम जिले की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, उनकी मृत्यु 30 नवंबर, 1915 को हुई थी और जिस घर में वे रहते थे वह विजयनगरम किले के बगल में स्थित है.

किसानों के लिए लागू की 6 योजनाएं
कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के मकसद से वित्‍त मंत्री ने छह नई योजनाओं की घोषणा किया और सब्सिडी वाले किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) से ऋण प्राप्त करने की सीमा को तीन लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दिया. वित्त मंत्री ने कहा कि उनका लक्ष्य देश भर में बेरोजगारी से लेकर फसल उत्पादकता बढ़ाने तक हर चीज को बढ़ावा देना है. संसद में अपना आठवां बजट पेश करते हुए सीतारमण ने कृषि को ‘विकास का पहला इंजन’ बताया और प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना का प्रस्ताव किया. यह सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है, जिसका लक्ष्य कम उत्पादकता, कम फसल लेने वाले क्षेत्र (जिन स्थानों पर दो या तीन की जगह कम या केवल एक ही फसल ली जाती हो) और ऋण लेने के औसत मापदंडों से कम ऋण लेने वाले 100 कृषि-जिलों को लक्षित करना है.

First Published :

February 01, 2025, 15:02 IST

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