कोर्ट सर्वे का आदेश दे रहा, तो हम कानून कहां तोड़ रहे हैं? गिरिराज सिंह ने रखीं बेबाक राय, जानें क्या-क्या कहा..
नई दिल्ली/पटना : केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह ने सनातन से लेकर, संभल हिंसा, मस्जिदों के सर्वे, बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हिंसा सरीखे मुद्दों पर अपनी बेबाक राय रखी. उन्होंने कहा कि ‘हम तो कानून की बातें करते हैं. कानून के पास जाते हैं और अगर मस्जिदों में सर्वे का आदेश दे रहा है तो कोर्ट ही दे रहा है ना.. कोर्ट तो कानून से ऊपर नहीं ना.. तो हम कानून कहां तोड़ रहे हैं. क्या हमें सच जानने का भी कोई हक नहीं?’ बंटोगे तो कटोगे सरीखे नारों को उन्होंने एकदम सही बताया.
न्यूज 18 के अमृत रत्न सम्मान समारोह में पहुंचे गिरिराज सिंह ने कहा कि ‘अपनी बात की शुरुआत करते हुए कहा कि ‘मैं एक सनातनी हूं और मुझे गर्व है. मुझे गर्व है अपने महादेव की टॉपी और रुद्राक्ष पहनने पर’.
उन्होंने कहा कि ‘सनातन पर प्रहार होगा और कष्ट होगा तो वहां बचाने के लिए परिवार वाले तो जाएंगे ना. जहां भी बांग्लादेशी और रोहिंया की आबादी बढ़ जाती है. मैं बताता हूं कि जहां भी 99 प्रतिशत सनातनी हैं, वहां अगर एक प्रतिशत भी गैर सनातनी या दूसरे लोग रहते हैं तो वो वहां बड़ी समरस्ता से रहते हैं, क्योंकि हमारा धर्म बहुत लिबरल है. लेकिन जहां हमारी आबादी गिरी होती है तो वहां कैराना बनता है’.
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत द्वारा जनसंख्या वृद्धि दर को लेकर दिए गए बयान पर सिंह ने कहा कि मोहन भागवत एक सांस्कृतिक संगठन के राष्ट्रवादी व्यक्ति हैं. उन्होंने जो भी कहा होगा, सही कहा होगा. उन्होंने आगे कहा कि भारत के अंदर क्या यीसीसी लाने की जरूरत है.. क्या 370 को हटाने की जरूरत थी? हम कुछ भी करें तो पहाड़ टूटने लगता है वो भी सड़क से लेकर सदन तक. अभी देखिए संभल जाने को बैठे हैं, क्या वहां कुंभ मेला लगा है? ये कांग्रेस या टुकड़े टुकड़े गैंग के लोग जा रहे हैं. क्या बांग्लादेश में जो रहा है अगर आप इसके लिए बॉर्डर पर जाते तो भारत के लोग भी आपको याद करते. गोली चलाएं आप, गोली लगी आपको और हंगामा भी आप कर रहे हैं. ये तो उनका पॉलिटिक्ल टूरिज्म है’.
मस्जिदों के सर्वे के आदेश को लेकर उन्होंने कहा कि ‘कोर्ट संविधान के तहत है या कोर्ट संविधान के बाहर है. कोर्ट ने सर्वे का आदेश दिया है. कल को लाल किले के अंदर किसी देवी-देवता को साक्ष्य मिलेगा, तो कोर्ट जाएंगे. क्या देश के सनातनियों को ये जानने का हक भी नहीं कि कहां पूजा होती थी और वह जगह क्यों बंद हो गई. मंदिरों को तोड़कर आक्रांताओं ने मस्जिदें बनाईं. जो खुद को बाबर-औरंगजेब की औलाद कहना पसंद करेंगे तो क्या हमारी आस्था क्या रहेगी?
उन्होंने समारोह में आगे कहा कि ‘अगर नेहरू जी ने तुष्टिकरण की राजनीति न की होती तो आज भातर के अंदर ये सामाजिक विषमता न होती. हम सब लोग बाबा साहेब आंबेडकर का सम्मान करते हैं. भारत विभाजन के वक्त उन्होंने नेहरु सेकहा था कि सारी मुसिलम आबादी को वहां भेज दो और वहां से सारे हिंदुओं को यहां ले आओ.. अगर उन्होंने ऐसा किया होता तो आज ये हालात नहीं होते. मुझे तो लगता है जो मुसलमान यहां रह गए, वो योजना के तहत रह गए हैं’.
मोहन भागवत के उस बयान, जिसमें उन्होंने कहा था कि हर मस्जिद के अंदर शिवलिंग नहीं ढूंढना चाहिए, इस सवाल पर कहा कि ‘अगर मस्जिद के अंदर साक्ष्य मिल रहा है तो देखें तो सही. हम तो कभी आक्रामक नहीं हुए. आप देख लें दंगों में एग्रेसिव कौन हुआ’.
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FIRST PUBLISHED :
December 2, 2024, 16:22 IST