नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को नए इनकम टैक्स बिल को मंजूरी दे दी। नया बिल छह दशक पुराने इनकम टैक्स एक्ट की जगह लेगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह विधेयक अगले सप्ताह संसद में पेश किया जाएगा। इसके बाद वित्त संबंधी स्थायी समिति को भेजा जाएगा। नए बिल का उद्देश्य प्रत्यक्ष कर कानून को समझना आसान बनाना है और कोई नया कर बोझ नहीं डालना है।
वित्त मंत्री ने बजट के दौरान की थी घोषणा
नए बिल में प्रावधान और स्पष्टीकरण या लंबे वाक्य नहीं होंगे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025-26 में घोषणा की थी कि नया टैक्स बिल संसद के मौजूदा सेशन में पेश किया जाएगा। वित्त मंत्री ने सबसे पहले जुलाई 2024 के अपने बजट में आयकर अधिनियम, 1961 की व्यापक समीक्षा की घोषणा की थी।
सीबीडीटी ने गठित की थी समिति
रिपोर्ट के अनुसार सीबीडीटी ने समीक्षा की निगरानी करने और अधिनियम को संक्षिप्त, स्पष्ट और समझने में आसान बनाने के लिए एक आंतरिक समिति का गठन किया था, जिससे विवाद, मुकदमेबाजी कम होगी और करदाताओं को अधिक कर निश्चितता मिलेगी। इसके अलावा, आयकर अधिनियम के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा के लिए 22 विशेष उप-समितियां बनाई गई हैं।
चार कैटेगरी में जनता से मांगे सुझाव
चार कैटेगरी में पब्लिक से इनपुट और सुझाव आमंत्रित किए गए हैं। इन चार कैटेगरी में भाषा का सरलीकरण, मुकदमेबाजी में कमी, अनुपालन में कमी के साथ ही अनावश्यक/अप्रचलित प्रावधान शामिल है। आयकर विभाग को आयकर अधिनियम की समीक्षा पर हितधारकों से 6,500 सुझाव प्राप्त हुए हैं।