नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नेटवर्क18 को एक्सक्लूसिव इंटरव्यू दिया है. दिल्ली शराब घोटाला केस में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी की टाइमिंग को लेकर उठ रहे सवालों के बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जवाब दिया है. अमित शाह ने कहा कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है और ईडी अदालत के सामने अपना जवाब देगी. वहीं, अरविंद केजरीवाल को मारने की साजिश के आरोप पर अमित शाह ने कहा कि तिहाड़ जेल दिल्ली सरकार के अंतर्गत आती है. ऐसे में हम पर कोई सवाल ही पैदा नहीं होता.
दरअसल, नेटवर्क18 के ग्रुप एडिटर इन चीफ राहुल जोशी ने सवाल किया, ‘अमित जी, एक सवाल है कि इस चुनाव के पहले दो सीएम गिरफ्तार हुए. केजरीवाल जी अरेस्ट हुए, वह तो अभी भी मुख्यमंत्री हैं. हेमंत सोरेन जी भी अंदर हैं. तो आज सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से गिरफ्तारी की टाइमिंग पर सवाल उठाया है. तो इसको आप कैसे देखते हैं?’ इस पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, ‘नहीं, देखिए… ईडी सुप्रीम कोर्ट के सामने एक्सप्लेन करेगी. मगर मैं बताना चाहता हूं कि ये 9 समन के बाद भी हाजिर नहीं हुए. पहले समन में अगर गए होते तो लोकसभा चुनाव के 6 महीने पहले ही अरेस्ट हो जाते. 9 बार समन दिया गया, मगर वह आए ही नहीं.
सुनीता केजरीवाल के आरोप, ‘अरविंद केजरीवाल को इंसुलिन नहीं दिया जा रहा है. वहां पर उनको ठीक से रखा नहीं जा रहा है. यह उनको मारने की साजिश है.’ पर अमित शाह ने कहा कि देखो भैया… तिहाड़ जेल दिल्ली सरकार के अंतर्गत आती है, जिसके मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी हैं. तो क्या खुद को मारने की साजिश वह स्वंय कर रहे हैं. इस आरोप पर कि तिहाड़ जेल डीजी दिल्ली पुलिस को रिपोर्ट करता है, इस पर उन्होंने कहा कि ऐसा जरा भी नहीं है. डीजी प्रिजन सीधा दिल्ली सरकार को रिपोर्ट करता है.
वहीं, ईवीएम पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले और विपक्ष के आरोपों पर अमित शाह ने कहा, ‘मैं पहले एक बात स्पष्ट कर दूं. राहुल गांधी जी जो बोलते हैं, वह सोच-विचार कर नहीं बोलते हैं. अगर हम ईवीएम के कारण जीतते हैं तो तेलंगाना में क्यों हारे? तमिलनाडु में क्यों हारे, केरल में सालों से क्यों हार रहे हैं? हिमाचल में क्यों हारे? बंगाल में क्यों हारे? या तो राहुल गांधी को स्पष्ट करना चाहिए कि ईवीए से आए नतीजों में हम जीतते हैं तो भी शपथ नहीं लेंगे. जीतते हैं तो नए कपड़े पहनकर शपथ ले लेते हैं और हारते हैं तो ईवीएम पर ठीकरा फोड़ते हैं. किस प्रकार की राजनीति है भई ये. जब आप जीतते हो तब ईवीएम सही है, जब हारते हो तो ईवीएम नकारा है. क्या देश की जनता ये सब नहीं समझती क्या? देश की जनता इसको समझती है. मगर मुझे तो आश्चर्य हो रहा है कि इतनी बड़ी पार्टी अपने नेता के सलाहकार को क्यों नहीं बदलती. मैं दूर से देखता हूं मुझे आश्चर्य होता है. खैर छोड़िये, ये उनकी पार्टी का सवाल है.’
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FIRST PUBLISHED :
May 2, 2024, 13:12 IST