नई दिल्ली (IAS Pooja Khedkar News). आईएएस, आईपीएस आदि सिविल सर्विस अधिकारियों का विवादों से गहरा नाता होता है. कभी किसी मामले की जांच करते हुए फंस जाते हैं तो कभी खुद ही जांच का विषय बन जाते हैं. आईएएस पूजा खेडकर चर्चा में हैं. वह महाराष्ट्र कैडर की प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी हैं. आईएएस ट्रेनिंग खत्म होने से पहले ही सरकारी क्वॉर्टर व गाड़ी की मांग करने की वजह से वह सुर्खियों में आईं थीं.
मामले की जांच हुई तो परत-दर-परत कई खुलासे हुए. वह अपनी निजी ऑडी कार पर सरकारी लाल-नीली बत्ती और महाराष्ट्र सरकार का चिह्न लेकर घूमती थीं. सिर्फ यही नहीं, उन्होंने खुद को गरीब और दृष्टिहीन भी बताया था. आईएएस पूजा खेडकर के पिता दिलीप खेडकर भी प्रशासनिक सेवा में रहे हैं (Dilip Khedkar IAS). इस पूरे मामले में अब दिलीप खेडकर ने भी अपना स्टेटमेंट दिया है. उनका कहना है कि इस तरह के मामलों की जांच करते समय हर पहलु पर ध्यान देना चाहिए.
सब कुछ लीगल तरीके से हुआ- दिलीप खेडकर
ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर के पिता दिलीप खेडकर से पूछा गया कि पूजा ने यूपीएससी परीक्षा के लिए क्रीमी लेयर से अप्लाई किया था या नॉन क्रीमी लेयर से. इस पर IAS के पिता ने कुछ भी स्पष्ट तौर पर कहने से मना कर दिया. उनका कहना है कि इसके लिए कमेटी बैठाई की गई है और वह अपनी बात कमेटी के सामने ही रखेंगे. उन्होंने यह भी बताया कि लीगल प्रोसीजर जारी है इसलिए फिल्हाल इस पर कुछ भी बोलना ठीक नहीं रहेगा. उनका कहना है कि उन्होंने सबकुछ नियम के हिसाब से किया है.
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वीडियो रिकॉर्डिंग का दिया हवाला
रिटायर्ड सिविल सर्वेंट दिलीप खेडकर ने यह भी कहा कि पुणे कलेक्टर ऑफिस में क्या हुआ और क्या नहीं, उसकी जानकारी सिर्फ उन्हीं लोगों को है, जो उस वक्त वहां मौजूद थे. ऐसे में किसी और को उस पर कुछ नहीं कहना चाहिए. अपनी बेटी का पक्ष लेते हुए उन्होंने कहा कि उसे बेकार में परेशान किया जा रहा है. अगर एक महिला ने ऑफिस में बैठने के लिए जगह मांगी तो उसमें कुछ भी गलत नहीं है. उनका कहना है कि उनकी बात की पुष्टि करने के लिए वीडियो रिकॉर्डिंग चेक की जा सकती है.
जबरन कर रहे हैं परेशान
आईएएस पूजा खेडकर के पिता दिलीप खेडकर ने मीडिया इंटरव्यू में बताया कि उनकी बेटी और परिवार को बेकार में परेशान किया जा रहा है (Puja Khedkar IAS). ऐसे मामलों पर उंगली उठाई जा रही है, जिनकी तह तक जाने पर किसी को कुछ नहीं मिलेगा. एम्स में मेडिकल जांच नहीं करवाने पर उन्होंने कहा कि यह आधा सच है. यूपीएससी दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है. वहां मेडिकल बोर्ड में 20-25 लोग होते हैं. ऐसे में कहीं से भी लाया हुआ कोई भी सर्टिफिकेट यूंही मान्य नहीं हो सकता है.
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आईएएस पूजा खेडकर चर्चा में क्यों हैं?
पूजा खेडकर ने 2021 में यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा पास की थी. उनकी ऑल इंडिया रैंक 821 थी (Pooja Khedkar IAS Rank). उन्होंने खुद को दिव्यांग बताया है. मीडिया रिपोट्स के मुताबिक, यूपीएससी को दिए गए अपने हलफनामे में पूजा खेडकर ने दावा किया कि वह दृष्टिबाधित और मानसिक रूप से बीमार हैं. जानकारी के लिए बता दें, यूपीएससी परीक्षा में कम अंकों के बावजूद वंचित उम्मीदवारों को दी जाने वाली रियायतों की वजह से पूजा खेडकर IAS बन पाई हैं.
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FIRST PUBLISHED :
July 14, 2024, 13:09 IST