हिंदी न्यूज़न्यूज़इंडिया‘कम से कम दो बच्चे करो तब इलेक्शन लड़ो’, आंध्र प्रदेश के स्थानीय चुनाव पर सीएम नायडू का फरमान
‘कम से कम दो बच्चे करो तब इलेक्शन लड़ो’, आंध्र प्रदेश के स्थानीय चुनाव पर सीएम नायडू का फरमान
Chandrababu Naidu on Election: “आपके माता-पिता ने चार-पांच बच्चों को जन्म दिया था, लेकिन आपने इसे घटाकर एक कर दिया. अब तो और भी समझदार लोग कह रहे हैं कि डबल इनकम नो किड्स.”
By : एबीपी लाइव | Edited By: Chandan Singh Rajput | Updated at : 16 Jan 2025 11:44 PM (IST)
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू
Chandrababu Naidu on Population: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने हाल ही में एक कार्यक्रम में घोषणा की कि राज्य सरकार स्थानीय निकाय चुनावों में केवल उन्हीं व्यक्तियों को भाग लेने की इजाजत देगी जिनके पास दो से अधिक बच्चे हों. सीएम नायडू ने कहा कि यह नीति राज्य में घटती जनसंख्या वृद्धि को ध्यान में रखते हुए बनाई जा रही है. उन्होंने कहा कि इस कदम से परिवारों को अधिक बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, ताकि जन्म दर में गिरावट को रोका जा सके.
नायडू ने आगे कहा, “एक समय था जब ज्यादा बच्चों वाले लोगों को पंचायत चुनावों या स्थानीय निकाय चुनावों में हिस्सा नहीं लेने दिया जाता था. अब मैं कह रहा हूं कि कम बच्चों वाले लोग चुनाव नहीं लड़ सकते. आप तब ही सरपंच, नगर निगम के काउंसलर, निगम अध्यक्ष या मेयर बन सकते हैं जब आपके पास दो से अधिक बच्चे हों.”
जनसंख्या संकट पर चिंता
मुख्यमंत्री नायडू ने देश में घटती जन्म दर को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की. उन्होंने विशेष रूप से उत्तर भारत के बारे में चेतावनी दी और कहा कि आने वाले 15 वर्षों में इस क्षेत्र को अपने जनसांख्यिकीय लाभ को खोने का खतरा हो सकता है. उनका कहना था कि पहले के समय में लोग अधिक बच्चों के साथ परिवारों को बढ़ाते थे, लेकिन अब परिवारों के पास कम बच्चे हो रहे हैं और कुछ तो “डबल इनकम, नो किड्स” की जीवनशैली अपना रहे हैं.
उन्होंने यह भी कहा, “आपके माता-पिता ने चार-पांच बच्चों को जन्म दिया था, लेकिन आपने इसे घटाकर एक कर दिया. अब तो और भी समझदार लोग कह रहे हैं कि डबल इनकम नो किड्स, हमें इसका मजा लेना है. अगर उनके माता-पिता ने भी ऐसा सोचा होता, तो वे इस दुनिया में नहीं आते.”
विकसित देशों से सीखने की आवश्यकता
सीएम नायडू ने यह भी बताया कि कई देशों ने जनसंख्या गिरावट को पहचानने में विफलता दिखाई और सिर्फ आर्थिक समृद्धि और धन सृजन पर ध्यान केंद्रित किया. अब, उन देशों को अपनी उम्रदराज जनसंख्या का समर्थन करने के लिए नए लोगों की आवश्यकता है. उन्होंने कहा, “अब वे लोग चाहिए, हमें वहां भेजना पड़ेगा. हम भी उसी स्थिति में पहुँचने जा रहे हैं.”
नायडू ने दक्षिण कोरिया, जापान और कई यूरोपीय देशों की मिसाल देते हुए यह चेतावनी दी कि अगर इन देशों ने समय रहते अपनी घटती जनसंख्या पर ध्यान नहीं दिया होता, तो उन्हें आज यह समस्या नहीं झेलनी पड़ती.
भारत में जनसंख्या प्रबंधन की आवश्यकता
नायडू ने जनवरी के पहले सप्ताह में भी भारत में गिरती जन्म दर पर चिंता जाहिर की थी. उनका कहना था कि आजकल कई जोड़े बच्चों को नहीं जन्म देते क्योंकि वे अपने संपत्ति और जीवनशैली का आनंद लेना चाहते हैं. उन्होंने यह भी कहा, “कुछ जोड़े अब बच्चों के लिए तैयार नहीं हैं क्योंकि वे अपने कमाए गए संपत्ति को खुद पर खर्च करना चाहते हैं.”
नायडू ने कहा कि जनसंख्या प्रबंधन आंध्र प्रदेश के भविष्य के लिए बेहद अहम है. उन्होंने कहा कि यदि महिलाएं औसतन दो से कम बच्चे पैदा करती हैं, तो जनसंख्या घटेगी, जबकि अगर हर महिला दो से अधिक बच्चे पैदा करती है, तो जनसंख्या में वृद्धि होगी. अक्टूबर में नायडू ने यह भी कहा था कि भारत को 2047 तक एक जनसंख्या लाभ मिल सकता है, जब तक कि युवा वर्ग प्रमुख होगा. इसके बाद बुजुर्गों की संख्या बढ़ेगी और यह एक चुनौती बन सकती है.
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Published at : 16 Jan 2025 11:44 PM (IST)
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