कब तक बचेगा? मुंबई दहलाने वाला आतंकी तहव्वुर राणा अब आएगा भारत, अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट से लगा झटका
वाशिंगटन: मुंबई को दहलाने वाले आतंकी तहव्वुर राणा के भारत आने के दिन करीब आ गए हैं. निचली अदालतों में मात खाने के बाद तहव्वुर राणा ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई थी. वह चाहता था कि अमेरिका से भारत प्रत्यर्पण की मांग को खारिज कर दिया जाए. लेकिन अमेरिकी सरकार सुप्रीम कोर्ट में भारत के पक्ष में आकर खड़ी हो गई. इसके बाद तहव्वुर राणा की अपील को कोर्ट ने झटके में खारिज कर दिया. इसके बाद उसे भारत लाए जाने के आसार बढ़ गए हैं.
भारत तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण की मांग कर रहा है क्योंकि वह मुंबई आतंकवादी हमले के मामले में आरोपी है. सैन फ्रांसिस्को में अमेरिकी अपील न्यायालय समेत निचली अदालतों और कई संघीय अदालतों से राहत नहीं मिलने के बाद राणा ने 13 नवंबर को अमेरिकी उच्चतम न्यायालय के समक्ष याचिका दायर की थी. भारत प्रत्यर्पित किए जाने से बचने के लिए राणा के पास यही आखिरी मौका है.
अमेरिका ने दिया भारत का साथ
अमेरिकी सॉलिसिटर जनरल एलिजाबेथ बी. प्रीलोगर ने 16 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में कहा, तहव्वुर राणा की याचिका को खारिज कर दिया जाना चाहिए. उन्होंने 20 पृष्ठ के हलफनामे में दलील दी कि राणा इस मामले में भारत प्रत्यर्पित किए जाने के काबिल है. उसे बिल्कुल भी राहत नहीं मिलनी चाहिए. राणा दलील देता रहा है कि शिकागो की अदालत उसे उन सब आरोपों से बरी कर चुकी है, जो अब उस पर लगाए जा रहे हैं. हालांकि, फर्जी दस्तावेजों का मामला उस पर नहीं चला था. राणा ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर ही भारत में अपना दफ़्तर खोला था.
भारत के पास पुख्ता सबूत
भारत के पास इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि राणा ने अपने दोस्त और अमेरिकी नागरिक डेविड हेडली के साथ मिलकर लश्कर-ए-तैयबा और हरकत-उल-मुजाहिदीन के लिए आतंकी हमले की साजिश रची थी. उसके भारत प्रत्यर्पण के लिए लंबी लड़ाई अब एक निर्णायक मोड़ पर पहुंचती दिख रही है, क्योंकि भारत के हवाले किए जाने के मामले में उसके पास यही आखिरी मौका था. अगर वह भारत लाया जाता है तो यह हमारी बड़ी कूटनीतिक जीत होगी.
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FIRST PUBLISHED :
December 21, 2024, 01:31 IST