हिंदी न्यूज़न्यूज़इंडिया‘ऑनलाइन कंटेंट के नियमन पर ड्राफ्ट सुझाव तैयार करे सरकार’, रणवीर इलाहबादिया मामले में बोला SC
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि उन्होंने इस विवादित शो को देखा और वह यही कह सकते हैं कि एक होता है हास्य और एक होती है अश्लीलता.
By : निपुण सहगल | Edited By: नीलम राजपूत | Updated at : 03 Mar 2025 03:56 PM (IST)
रणवीर इलाहबादिया की याचिका पर हुई सुनवाई
अश्लील कॉमेडी के आरोपी रणवीर इलाहाबादिया को सुप्रीम कोर्ट ने शर्तों के साथ अपना शो प्रसारित करने की अनुमति दे दी है. कोर्ट ने कहा है कि रणवीर जो भी सामग्री प्रस्तुत करे, वह सामाजिक मर्यादा के दायरे में हो. उसे हर आयु वर्ग के लोग देख सकें. सुप्रीम कोर्ट ने अपनी सुनवाई का दायरा बढ़ाते यह भी कहा कि वह अश्लील और आपत्तिजनक सामग्री की रोकथाम को लेकर आदेश देगा.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि वह ऑनलाइन सामग्री के नियमन को लेकर सुझाव का ड्राफ्ट तैयार करे. इस पर आम नागरिकों और सभी संबंधित लोगों से सुझाव लिया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह इस विषय को तार्किक परिणाम तक पहुंचाना चाहता है. कोर्ट ने यह साफ किया कि ऑनलाइन सामग्री के नियमन का मतलब सेंसरशिप नहीं हो सकता. संविधान में अभिव्यक्ति को मौलिक अधिकार कहा गया है, लेकिन उसके कुछ दायरे हैं. उन सीमाओं के भीतर ही हंसी-मजाक सही कहलाएगा.
जस्टिस सूर्य कांत और एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने विवादित ‘इंडिया गॉट लेटेंट’ शो में शामिल लोगों पर टिप्पणी करते हुए कहा, ‘हास्य एक कला है. उसे प्रस्तुत करना और लिखना एक हुनर का काम है. हास्य के नाम पर कुछ भी कह देने की आजादी नहीं है. आपने फिल्मी दुनिया में देखा होगा. एक से एक कॉमेडियन और ऐसे लेखक हैं जो लोगों को हंसाने वाली बातें लिखते हैं. इस कला को सीखिए.’
असम सरकार की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि उन्होंने उत्सुकता वश इस विवादित शो को देखा. वह यही कह सकते हैं कि एक होता है हास्य और एक होती है अश्लीलता. इस शो में जो बातें कही गई हैं, उन्हें अश्लीलता से भी आगे की विकृति कहा जा सकता है. इस तरह की विकृत बातों को कहने वाले को कोई रियायत नहीं मिलनी चाहिए.
रणवीर इलाहाबादिया के लिए पेश वकील अभिनव चंद्रचूड़ ने जजों से कहा, ‘आपने मेरे किसी भी शो को प्रस्तुत करने पर पाबंदी लगा दी है, लेकिन मुझसे 280 लोग जुड़े हैं. उनकी भी जीविका का सवाल है. मैं इस तरह के कॉमेडी शो के अलावा भी बहुत से कार्यक्रम करता हूं. मुझे उनकी अनुमति दी जाए.’ इस पर जजों ने कहा, ‘आपको यह अनुमति दी जा रही है, लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि हर सामग्री मर्यादा के दायरे में ही होनी चाहिए.
बेंच के अध्यक्ष जस्टिस सूर्य कांत ने यह शर्त भी रखी कि रणवीर कोई ऐसी सामग्री प्रस्तुत न करे, जिससे केस पर असर पड़ता है. इस दौरान जस्टिस सूर्य कांत ने बिना नाम लिया रणवीर के साथ शो में शामिल रहे समय रैना पर टिप्पणी की. उन्होंने कहा, ‘हमने देखा है कि कनाडा जाकर शो का एक प्रतिभागी अदालती कार्रवाई का मजाक बनाने वाली बात कह रहा है. युवा पीढ़ी समझती है कि हम पुराने जमाने के लोग हो गए हैं. हमें कुछ समझ में नहीं आता. हम सिर्फ यही कह सकते हैं कि आपकी कम उम्र का सोच कर हम नरम रवैया रखते हैं. लेकिन अगर जरूरत पड़े, तो हमें पता है कि इस पर किस तरह की कार्रवाई करनी है. आपको सुप्रीम कोर्ट के शक्तियों के बारे में नहीं पता.’
Published at : 03 Mar 2025 03:56 PM (IST)
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