एक शख्स का पीछा करते हुए गांव में पहुंची CBI, मगर वहां दिखा जो नजारा, फटी रह गई आंखें
सीबीआई को सबसे ताकतवर एजेंसियों में से एक माना जाता है, लेकिन एक महाठग ने उसे भी पानी पिला दिया. 20 साल तक वह सीबीआई को चकमा देता रहा है. बाद में क्लू मिलने पर जब सीबीआई की टीम उसे तलाशते हुए एक गांव में पहुंची, तो जो नजारा दिखा, उसकी आंखें फटी की फटी रह गईं.
सीबीआई के मुताबिक, महाठग वी चलपति राव को तमिलनाडु के एक गांव से दबोचा गया. बीते 20 साल से यह पुलिस और अन्य एजेंसियों को मात दे रहा था. बार-बार अपने नाम बदल लेता था. अलग-अलग रूप में सामने आ जाता था. इतना ही नहीं, इसने कई फर्जी पहचान भी बनाई. कई नए आधार कार्ड तक बनवा लिए. लोगों को अलग-अलग नाम से ठगता रहता था, ताकि कोई इसे पहचान न पाए.
महाठग वी चलपति राव कई राज्यों में घूमता रहा. कंप्यूटर ऑपरेटर और ऋण वसूली एजेंट के रूप में नौकरी की. वह हर बार जांच एजेंसी को चकमा दे देता था. लेकिन इस बार सीबीआई को मजबूत सुराग मिले थे. जब सीबीआई की टीम उसकी तलाश में तमिलनाडु के नरसिंहनल्लूर गांव पहुंची, तो देखकर हैरान रह गई. यहां वह एक आध्यात्मिक गुरु के रूप में रह रहा था. भगवा कपड़े पहन रखे थे, ताकि कोई उसे पहचान न सके.
सीबीआई ने बताया कि वह विदेश भागने की फिराक में था. सीबीआई ने एक मई, 2002 को राव के खिलाफ मामला दर्ज किया था, जो उस समय हैदराबाद में भारतीय स्टेट बैंक की चंदूलाल बिरादरी शाखा में कंप्यूटर ऑपरेटर के रूप में काम कर रहा था. इस दौरान उसने मनगढ़ंत कोटेशन और फर्जी वेतन प्रमाणपत्रों का इस्तेमाल किया और बैंक से 50 लाख रुपये निकाले. सात वर्ष तक लापता रहने के बाद, राव के परिवार ने उसे मृत घोषित कर दिया. इस बीच उसने एम विनीत कुमार के नाम से फर्जी आधार कार्ड तैयार किया और दोबारा शादी कर ली. तब से वह फरार चल रहा था.
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FIRST PUBLISHED :
August 6, 2024, 01:24 IST