आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत अनुबंधित अस्पतालों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए शुरू की गई स्टार रेटिंग व्यवस्था पिछले दो वर्षों से बंद है। यह रेटिंग मरीजों के फीडबैक और अस्पतालों में मिलने वाली सुविधाओं के आधार पर की जाती थी, जिससे अस्पतालों में
.
अच्छी रेटिंग वाले अस्पतालों को सरकार की ओर से खास प्रोत्साहन मिलता था, जैसे कि क्लेम की राशि दो दिन के भीतर जारी करना। बजट के आभाव में अधिकारियों ने इंट्रेस्ट नहीं लिया। इसलिए दो साल से यह योजना ठंडे बस्ते में थी। हालांकि, अब दोबारा अस्पतालों की ग्रेडिंग और रेटिंग की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। इसमें विभिन्न बिंदुओं पर अस्पतालों का मूल्यांकन किया जाएगा और उन्हें एक से पांच स्टार तक की रेटिंग दी जाएगी। जिन अस्पतालों को पांच स्टार रेटिंग मिलेगी, उन्हें सबसे अच्छा माना जाएगा और मरीजों को वहां बेहतर सुविधाएं मिलने की उम्मीद होगी।
बेहतर अस्पतालों को मिलेगा प्रोत्साहन
इस नई व्यवस्था का उद्देश्य न केवल बेहतर अस्पतालों को प्रोत्साहित करना है, बल्कि उन अस्पतालों में सुधार लाना है जो अपेक्षाकृत कम गुणवत्ता वाली सेवाएं प्रदान करते हैं। अस्पतालों में उपलब्ध सुविधाओं, रोगी फीडबैक और शिकायतों के आधार पर अस्पतालों की रेटिंग तय की जाएगी। सरकार की इस पहल से मरीजों और उनके परिवारजनों को सही अस्पताल चुनने में आसानी होगी, खासकर तब जब उन्हें कई अस्पतालों के विकल्पों के बीच दुविधा का सामना करना पड़ता है।
अस्पतालों को मिलने वाले पैकेज पर असर नहीं स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि रेटिंग का अस्पतालों को मिलने वाले पैकेज पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। रेटिंग का उद्देश्य सिर्फ अस्पतालों को बेहतर सेवाएं देने के लिए प्रोत्साहित करना और सुधार की आवश्यकता वाले अस्पतालों को सुधार के लिए प्रेरित करना है। इस मामले में आयुष्मान भारत मप्र के नए सीईओ डॉ योगेश भरसट का कहना है कि यह योजना दोबार शुरू करने की तैयारियां चल रही है। योजना के तहत इस प्रकार की स्टार रेटिंग प्रणाली लागू की जा रही है, जिससे न केवल मरीजों को बल्कि अस्पताल प्रबंधन को भी कई स्तर पर लाभ होगा।
निरामय योजना
अस्पतालों में प्रवेश द्वार पर प्रदर्शित होगी जानकारी
आयुष्मान भारत निरामयम योजना के तहत सूचीबद्ध अस्पतालों और नर्सिंग होम्स में अब से रोगियों को उनकी चिकित्सकीय प्रक्रियाओं की जानकारी आसानी से मिलेगी। योजना के अंतर्गत सभी चिह्नित अस्पतालों के प्रवेश द्वार पर बड़े अक्षरों में प्रदर्शित किया जाएगा कि वे किन-किन चिकित्सकीय प्रक्रियाओं के लिए सूचीबद्ध हैं और आयुष्मान हितग्राहियों को निःशुल्क उपचार उपलब्ध कराएंगे। सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि यह जानकारी जनसामान्य के लिए आवश्यक है, ताकि वे सही तरीके से स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा सकें।