हिंदी न्यूज़न्यूज़इंडियाआयुष्मान भारत में 3 लाख 42 हजार से ज्यादा फर्जीवाड़े के मामले, 56 हजार फर्जी सर्जरी
Fake Surgeries Cases: आयुष्मान भारत योजना में पिछले 5 वर्षों में 3.42 लाख से ज्याद फर्जीवाड़े के मामले सामने आए हैं जिनमें गैरजरूरी सर्जरी और उपचार भी शामिल हैं.
By : शिवांक मिश्रा | Edited By: Pooja Kumari | Updated at : 14 Dec 2024 02:54 PM (IST)
आयुष्मान भारत में फर्जीवाड़ा, 3.42 लाख मामले
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Ayushman Bharat: भारत सरकार की प्रमुख योजनाओं में से एक आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) में पिछले 5 वर्षो में जम कर फर्जीवाड़ा किया गया है. लोकसभा में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने जानकारी दी कि आयुष्मान भारत योजना में इस साल 11 दिसंबर तक 3 लाख 42 हजार 988 फर्जीवाड़े के मामले सामने आए हैं जिसमें गैरजरूरी या फिर फर्जी सर्जरी भी शामिल है.
दौसा से सांसद मुरारीलाल मीणा के सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि 11 दिसंबर 2024 तक योजना के तहत दर्ज किए कुल फर्जीवाड़े के मामलों में 2 लाख 86 हजार 771 फर्जीवाड़े के मामले मेडिकल ट्रीटमेंट से जुड़े हैं जबकि 56 हजार 217 मामले सर्जरी से संबंधित हैं जिसमें या तो मरीज की गैरजरूरी सर्जरी की गई या फिर बिना सर्जरी किए कागजों पर अस्पताल की ओर से सर्जरी दिखा दी गई और फर्जीवाड़ा किया गया.
आयुष्मान योजना से बाहर किए गए अस्पताल और डॉक्टर
कांग्रेस सांसद ने अपने सवाल में ये भी पूछा कि क्या सरकार को योजना के तहत गैरजरूरी एंजियोप्लास्टी और अन्य सर्जरी के कारण होने वाली मौतों की जानकारी है? जिसके जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने लिखा कि ऐसे मामले के अस्पताल और डॉक्टरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई हैं. साथ ही अस्पताल और डॉक्टरों को आयुष्मान योजना से भी बाहर किया गया है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी बताया कि योजना में फर्जीवाड़े को रोकने के लिए नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के तहत नेशनल एंटी-फ्रॉड यूनिट (NAFU) बनाई गई है. यह यूनिट राज्य स्तरीय एंटी-फ्रॉड यूनिट्स के साथ मिलकर फर्जीवाड़े की जांच करती है और कार्रवाई सुनिश्चित करती है. इसके तहत फर्जी अस्पतालों को इंपैनल सूची से हटाने, ई-कार्ड्स को निष्क्रिय करने, जुर्माना लगाने और जरूरत पड़ने पर एफआईआर दर्ज कराने जैसे कदम उठाए जाते हैं.
स्वास्थ्य मंत्रालय का बड़ा कदम
स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी बताया कि योजना के तहत लेन-देन के डेटा पर हर समय नजर रखी जाती है. इसके लिए एक खास ट्रैकिंग सिस्टम तैयार किया गया है जो संदिग्ध मामलों की रिपोर्टिंग से लेकर उन पर कार्रवाई तक की निगरानी करता है. बता दे कि भारत में अब तक योजना के तहत 29,929 अस्पतालों को इंपैनल किया गया है जिनमें 13,222 प्राइवेट अस्पताल शामिल हैं.
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Published at : 14 Dec 2024 02:54 PM (IST)
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