आगरा में लगातार हुई भारी बारिश ने किसानों की फसलें तबाह कर दी हैं। इससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। जिससे आक्रोशित किसानों ने भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेतृत्व में मुआवजे की मांग उठाई है। भाकियू ने एक ज्ञापन के माध्यम से इन जिलों को आपदाग्रस
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मंडलायुक्त को सौंपा गया ज्ञापन
भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के पदाधिकारियों ने मंडलायुक्त आगरा, ऋतु माहेश्वरी के नाम ज्ञापन सौंपते हुए फसल बर्बादी की समस्या को उठाया। ज्ञापन में मांग की गई है कि सरकार जल्द से जल्द प्रभावित जिलों में राहत कार्य शुरू करे और किसानों को मुआवजा प्रदान करे।
भाकियू के मंडल अध्यक्ष रणवीर सिंह चाहर के नेतृत्व में आयोजित इस बैठक में चारों जिलों के जिलाध्यक्षों ने अपने-अपने जनपदों की समस्याओं को लिखित रूप से मंडलायुक्त के समक्ष रखा।
किसान नेताओं ने बताया कि इस वर्ष हुई अत्यधिक बारिश के कारण खरीफ की फसलें, विशेष रूप से धान, गन्ना, बाजरा और सब्जियां, पूरी तरह से नष्ट हो गई हैं। इस नुकसान से किसान आर्थिक संकट में फंस गए हैं, और उनकी मदद के लिए सरकार से त्वरित राहत की आवश्यकता है।
मुआवजे की मांग और आपदा राहत की अपील
बैठक में किसान नेताओं ने मांग की कि आगरा मंडल के चारों जिलों आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद और मैनपुरी को आपदाग्रस्त घोषित किया जाए। प्रभावित किसानों को तत्काल मुआवजा दिया जाए। इसके साथ ही सरकार से अनुरोध किया गया कि फसल बीमा योजना के तहत भी किसानों को राहत प्रदान की जाए।
ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि यदि सरकार जल्द कदम नहीं उठाती है, तो किसानों की स्थिति और खराब हो सकती है, और उन्हें अपनी आजीविका को बचाने के लिए कर्ज लेना पड़ सकता है।