धर्म की नगरी काशी में आज विजय दशमी (दशहरे) की धूम है। वहीं पंडालों से माता की विदाई को लेकर पूजा-अनुष्ठान चल रहे हैं। काशी में बरेका (BLW) मैदान और मलदहिया पर रावण दहन की तैयारी है। दोनों ही जगह का रावण वाराणसी के शमशाद ने बनाया है। BLW का रावण जहां
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काशी का बरेका ग्राउंड का रावण पूर्वांचल का सब ऊंचा रावण का पुतला माना जाता है। इसे देखने के लिए हजारों लोगों की भीड़ बरेका ग्राउंड में उमड़ती है। वहीं मलदहिया चौराहे पर पिछले 75 वर्षों से समाज संघ की तरफ से रावण दहन का आयोजन किया जा रहा है। दोनों ही लीलाओं में हजारों लोग उमड़ते हैं।
सबसे पहले जानिए BLW के रावण दहन के बारे में…
पूर्वांचल का सबसे बड़ा रावण बनाने का दावा BLW में पूर्वांचल का सबसे बड़ा रावण जलाने का दावा किया जा रहा है। वाराणसी शमशाद खान सिर्फ BLW ही नहीं। कई अन्य रामलीलाओं में पुतला बनाते हैं। बरेका का रावण सबसे अलग और सबसे बड़ा होता है। शमशाद खान ने बताया हर बार की तरह इस बार भी यह पूर्वांचल का सबसे बड़ा रावण का पुतला है। इससे बड़ा पुतला कहीं नहीं बन रहा है।
क्रेन से किया जाता है खड़ा बरेका मैदान पर शाम 5 बजे तक रावण को खड़ा नहीं किया जा सका था। करें मैदान में मौजूद था और रावण, कुम्भकरण और मेघनाद के साथ आराम कर रहा था। शमशाद खां ने बताया। धूप बहुत तेज है इसलिए इसे दिन में खड़ा नहीं किया जा सका। लेकिन रात में ओस पड़ रही है। इसलिए इसे हर हाल में रात 8 बजे तक खड़ा करा लिया जाएगा।
मोनो एक्टिंग पर बरेका के बच्चे करेंगे रामलीला निदेशक विजय दशमी समिति बीएलडब्ल्यू एसडी सिंह ने बताया – यहां दशहरे के दिन रामलीला मैदान में होने वाली रामलीला अपने आप में खास है। यहां बीएलडब्ल्यू के रहने वाले लोगों के बच्चे रूपक पर रामलीला का मंचन मोनो एक्टिंग के थ्रू करेंगे। इसमें रावण जन्म से लेकर रावण वध तक की लीला का मंचन दो घंटे में किया जाएगा।
पुरुष का रोल पुरुष और महिला का रोल महिला ही निभाती हैं एसडी सिंह ने बताया- यहां दो प्रकार की रामलीला होती है। बरेका की रंगशाला में दस दिन अलग रामलीला होती है। इसके बाद दशहरे के दिन रामचरित मानस के रूपक पर पात्र मैदान में मोनो एक्टिंग करते हैं। इसके अलावा इसमें एक खासियत ये है कि महिलाओं का पात्र महिला और पुरुषों का पात्र पुरुष ही निभाते हैं। जिसमें कुल 65 बच्चे होते हैं।
अब बात मलदहिया के रावण दहन की…
समाज संघ पिछले 75 वर्षों से कर रहा है आयोजित मलदहिया पर समाज संघ समिति के द्वारा रावण दहन का आयोजन किया जाता है। समिति के अध्यक्ष मंगल सोनी ने बताया – पहले यह रावण दहन का कार्यक्रम काशी विद्यापीठ के मैदान में होता था। विश्वविद्यालय ने 75 वर्ष पहले इसकी मनाही कर दी और कहा कि अब यहां मेले का आयोजन नहीं होगा। इसपर समिति ने नगर निगम में दरखास्त डालकर एक दिन के लिए यह स्थान रावण दहन के लिए सुरक्षित कराया। तब से अनवरत यहां हर साला रावण का दहन हो रहा है।
55 फीट का रावण का पुतला उन्होंने बताया- हर बार की तरह इस बार भी 55 फीट का रावण का पुतला तैयार कराया गया है। जिसमें श्रीराम बाण से आग लगाएंगे। साथ में हमारे मुख्य अतिथि भी मौजूद रहेंगे। उन्होंने बताया इस बार आतिशबाजी खास होगी। जिसके लिए बिहार के नालंदा से विशेषज्ञ बुलाये गए हैं। यहां भी सूर्यास्त के बाद ही रावण को जलाया जाएगा।
रामनगर की रामलीला में रावण का होगा विधि-विधान से अंतिम संस्कार…
रावण का भाई विभीषण लगाएगा पुतले में आग रामनगर की विश्व प्रसिद्ध रामलीला में रावण का विधि-विधान से अंतिम संस्कार होगा। राम जी के कहने पर विभीषण रावण के अंतिम संस्कार की क्रिया को पूरा करेंगे और फिर उनके ही कहने पर पुतले में आग लगाएंगे। इसके पहले सुबह महाराज बनारस किले में शस्त्र पूजन करेंगे और हाथी पर सवार होकर शाम में लीला स्थल पहुंचेंगे।
देर रात लगेगी रावण के पुतले में आग रामनगर रामलीला से जुड़े लोगों ने बताया- इस वर्ष रामनगर में पुतला दहन शनिवार की रात 10 बजकर 25 मिनट पर लंका मैदान में होगा। जब विभीषण पुतले में आगे लगाएंगे।