नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी केरल की वायनाड लोकसभा सीट छोड़ेंगे और रायबरेली का प्रतिनिधित्व करेंगे। वायनाड लोकसभा सीट से कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी चुनाव लड़ेंगी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, ‘राहुल गांधी दो लोकसभा सीटों से जीते हैं, लेकिन कानून के अनुसार उन्हें एक सीट छोड़नी होगी। राहुल गांधी रायबरेली सीट अपने पास रखेंगे और हमने फैसला किया है कि प्रियंका वायनाड से चुनाव लड़ेंगी।’ इस फैसले के बाद प्रियंका गांधी ने वायनाड के लोगों को राहुल की कमी महसूस नहीं होने देने का आश्वासन दिया है। उधर राहुल गांधी ने न्यूज चैनल ‘न्यूज नेशन’ को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘वायनाड और रायबरली सीट छोड़ने का फैसला बहुत ही मुश्किल था, क्योंकि उनका रायबरेली और वायनाड दोनों ही जगहों से इमोशनल रिश्ता है।’ राहुल ने कहा कि रायबरेली से हमारा पुराना रिश्ता है। उन्होंने देश की राजनीति के लिए उत्तर प्रदेश को अहम बताया है।
वायनाड की जनता से बहुत प्यार मिला: राहुल
राहुल गांधी ने कहा कि वह पिछले पांच सालों से वायनाड लोकसभा सीट से सांसद हैं। यहां से सांसद रहने का अनुभव अच्छा रहा। वायनाड की जनता से उनको बहुत प्यार मिला। मगर कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मुझे रायबरेली से सांसद रहना चाहिए। राहुल गांधी ने कहा, ‘मुझे खुशी है कि प्रियंका गांधी वायनाड से चुनाव लड़ेंगी। मैं भी प्रियंका के सपोर्ट के लिए वायनाड जाऊंगा। वायनाड के लोगों से हमने जो वादे किए हैं, हम उनको जरूर पूरा करेंगे। मुझे गर्व है कि मेरी बहन प्रियंका वायनाड से चुनाव लड़ेगी।’ राहुल गांधी ने कहा कि उनको वायनाड के लोगों से बहुत प्यारा मिला है। वायनाड उनके लिए हमेशा से ही दूसरा घर है।’
यूपी के नतीजों ने देश की राजनीति बदली: राहुल
यूपी में कांग्रेस के अच्छे प्रदर्शन को लेकर राहुल गांधी ने कहा कि यूपी के नतीजों ने देश की राजनीति बदली है। नफरत की राजनीति का जवाब यूपी की जनता ने दिया है। बीजेपी का अयोध्या में हारना एक सीधा संदेश है कि बीजेपी ने जो नफरत की राजनीति फैलाई है, उसे स्वीकारा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा, ‘यूपी में चुनाव आ रहे हैं, ऐसे में अब लड़ाई उत्तर प्रदेश में होगी। उन्होंने आगामी यूपी विधानसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद जताई।’ राहुल गांधी ने केरल की वायनाड और उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट से जीत दर्ज की थी। नियमों के अनुसार, राहुल गांधी सिर्फ एक ही सीट से सांसद रह सकते हैं। ऐसे में उन्होंने वायनाड लोकसभी सीट को छोड़ने का फैसला लिया है।