अयोध्या में एक बड़ा घोटाला सामने आया है। जहां निराश्रित महिलाएं अपने दिवंगत पतियों के नाम पर राशन उठा रही हैं। शासन द्वारा भेजी गई सूची में 3826 नामों की जांच के बाद 2670 मामलों में अपात्रता की पुष्टि हुई है। जांच में पाया गया कि ये महिलाएं निराश्रित
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आपूर्ति विभाग ने तत्काल प्रभाव से इन यूनिटों को निरस्त कर दिया है। यह मामला सरकार की व्यवस्था की कमजोरी को दर्शाता है। जहां गरीबों को राशन वितरित करने की योजना का लाभ अपात्र लोग उठा रहे हैं। जांच अभी जारी है। इसके और भी अधिक मामले सामने आ सकते हैं।
जिले भर में सभी विकासखंडों नगर पंचायत में विधवा महिलाएं सरकारी दुकान से अपने दिवंगत पतियों के नाम पर राशन ले रही हैं। इसे शासन ने जांच के दौरान पकड़ लिया। सूची जिला आपूर्ति विभाग को भेजी। तो सब भौचक्के रह गए। जांच में ऐसे 2670 मामले सामने आए हैं।
अधिकारियों ने तत्काल प्रभाव से ये यूनिटें निरस्त करा दी हैं। इनमें अधिकांश पात्र गृहस्थी कार्ड वाले हैं। सरकार की व्यवस्था के मुताबिक हर महीने गरीबों को राशन वितरित करने की योजना है।
गलत यूनिट मिलने पर कैंसिल किए जाएंगे कार्ड इसी योजना का लाभ जिले के लोग भी उठा रहे हैं। कुछ दिन पहले शासन ने 3826 नामों की सूची विभाग को भेजी। इसमें साफ लिखा है कि ये महिलाएं निराश्रित पेंशन ले रही हैं। इनकी जांच कराई जाए कि कहीं वे पतियों के नाम राशन भी तो नहीं ले रही हैं। जांच में ऐसे मामले सामने आए।
आपूर्ति विभाग ने अब तक 2685 मामलों की जांच की है। जिसमें 15 कार्ड सही मिले, जबकि 2670 अपात्र घोषित कर दिए गए। इसमें जिले के सभी ब्लॉक से महिलाएं शामिल हैं। जिन कार्डों की यूनिटें समाप्त की गई हैं।
उनमें अभी यह नहीं पता चल पाया है कि वे महिलाएं कितने सालों से राशन उठा रहीं थीं। लेकिन दो किलो गेहूं और तीन किलो चावल हर महीने ले रही थीं। अब तक अपात्र मिली यूनिट 2670 से पांच का गुणा किया जाए तो साढ़े 13 टन से अधिक के राशन का चूना लगाने की बात सामने आ रही है।
जिला आपूर्ति अधिकारी अयोध्या बृजेश मिश्रा ने बताया कि अभी जांच पूरी नहीं हुई है। 1156 यूनिटों की जांच चल रही है। टीम लगी हुई है। अगर उनमें भी यूनिटें गलत मिली तो निश्चित ही कार्ड कैंसिल कर दिया जाएगा।