नागपुर. ऐसा लगता है कि देवेंद्र फडणवीस सरकार का पहला कैबिनेट विस्तार महायुति के मुसीबत बनकर आया है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि 15 दिसंबर को जिस दिन विधायक मंत्री पद की शपथ ले रहे थे, उस रोज एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना गुट के विधायक नरेंद्र भोंडेकर ने मंत्री पद ना मिलने से नाराजगी जाहिर करते हुए पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया. इसके अगले दिन अजित पवार की एनसीपी के वरिष्ठ नेता और विधायक छगन भुजबल भी कैबिनेट विस्तार में जगह ना मिलने से खफा हो गए.
अब बीजेपी के एक विधायक ने दावा किया है कि उनका नाम एक दिन पहले शपथ लेने वाले मंत्रियों की सूची में था, लेकिन बाद में इसे हटा दिया गया. महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंटीवार ने सोमवार को यह दावा किया है. देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली विस्तारित मंत्रिपरिषद में जगह नहीं मिलने के एक दिन बाद मुनगंटीवार ने कहा कि वह न तो परेशान हैं और न ही निराश. उन्होंने कहा कि वह संगठन के व्यक्ति हैं.
पूर्व वन मंत्री ने नागपुर में संवाददाताओं से कहा, “मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के लिए काम करना जारी रखूंगा और विधानसभा में उनके कल्याण से जुड़े मुद्दों को उठाऊंगा.” मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने संकेत दिया है कि भाजपा नेतृत्व मुनगंटीवार को कोई अन्य भूमिका सौंप सकता है. मुख्यमंत्री ने कहा, “मैंने मुनगंटीवार से बात की है. वह वरिष्ठ नेता हैं और नेतृत्व उन्हें कोई अन्य जिम्मेदारी सौंप सकता है.”
फडणवीस नीत मंत्रिपरिषद के पहले विस्तार के तहत रविवार को नागपुर स्थित राजभवन में महायुति के सहयोगी दलों के कुल 39 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली, जिनमें 33 कैबिनेट स्तर के और छह अन्य राज्य मंत्री हैं. भाजपा को 19 मंत्री पद मिले, जबकि एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना को 11 और अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को नौ मंत्री पद मिले.
मुनगंटीवार ने दावा किया कि उन्हें पहले बताया गया था कि उनका नाम मंत्रियों की सूची में शामिल है. सात बार के भाजपा विधायक ने नागपुर में संवाददाताओं से कहा, “मेरे लिए परेशान होने का कोई कारण नहीं है, क्योंकि पार्टी मुझे जो भी भूमिका सौंपती है, मैं उसे निभाता हूं. एकमात्र मुद्दा यह है कि मुझे बताया गया था कि मेरा नाम वहां (मंत्रियों की सूची में) था. लेकिन कल यह वहां नहीं था. मुझे नहीं पता कि मेरा नाम क्यों हटा दिया गया.”
मुनगंटीवार सोमवार को पहले दिन विधानमंडल सत्र में शामिल नहीं हुए, हालांकि वह नागपुर में थे. यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा नेतृत्व उनसे नाराज है, मुनगंटीवार ने कहा कि ऐसे मुद्दे मंत्री पद न मिलने से व्यक्त नहीं होते. उन्होंने कहा कि यदि ऐसा है तो वे उन्हें फोन करके बात करेंगे. उन्होंने कहा, “हो सकता है कि भाजपा ने मेरे लिए कोई अन्य जिम्मेदारी तय कर रखी हो.”
मुनगंटीवार ने सोमवार को केंद्रीय मंत्री और नागपुर से सांसद नितिन गडकरी से नागपुर में उनके आवास पर मुलाकात की. उन्होंने गडकरी के साथ अपनी मुलाकात को बड़े भाई और छोटे भाई के बीच की मुलाकात बताया. मुनगंटीवार ने कहा, “जब ऐसी चीजें सामने आती हैं तो मैं उनका मार्गदर्शन लेता हूं.”
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FIRST PUBLISHED :
December 17, 2024, 01:34 IST