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अपराजिता बिल: पुलिस या सरकारी कर्मचारियों के लिए यमराज, 5 मामलों में फांसी

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Aparajita Bill: पुलिस या सरकारी कर्मचारियों के लिए साक्षात यमराज, बंगाल में रेप के इन 5 मामलों में सीधे फांसी

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Aparajita Bill: पुलिस या सरकारी कर्मचारियों के लिए साक्षात यमराज, बंगाल में रेप के इन 5 मामलों में सीधे फांसी

Aparajita Bill: पुलिस या सरकारी कर्मचारियों के लिए साक्षात यमराज, बंगाल में रेप के इन 5 मामलों में सीधे फांसी

नई दिल्‍ली/कोलकाता. पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्‍पताल में एक ट्रेनी डॉक्‍टर की रेप के बाद हत्‍या मामले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया. प्रदेश की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी पर लगातार जघन्‍य कांड के दोषियों को न्‍याय के कठघरे तक लाने और सख्‍त से सख्‍त सजा दिलाने का दबाव लगातार बढ़ने लगा. कोलकाता समेत बंगाल के अनेक जिलों में शुरू हुआ विरोध-प्रदर्शन का सिलसिला शुरू हो गया. देश के अन्‍य हिस्‍सों में भी लोग सड़क पर उतरकर रोष प्रकट करने लगे. आखिरकार यह मामला सुप्रीम कोर्ट में गया और देश की शीर्ष अदालत के हस्‍तक्षेप के बाद आंदोलनरत डॉक्‍टर काम पर लौटे. दिल्‍ली के निर्भया कांड के बाद एक बार फिर से महिलाओं की सुरक्षा और रेप के बाद हत्‍या जैसे वीभत्‍स अपराध के दोषियों के खिलाफ सख्‍त सजा के प्रावधान का मुद्दा गरमा गया. मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी ने लोगों की भावनाओं को भांपते हुए विधानसभा से अपराजिता विधेयक को ध्‍वनिमत से पारित करवाया है. विधेयक में रेप मामले को लेकर काफी सख्‍त प्रावधान किया गया है. बिल में 5 प्रावधान ऐसे किए गए हैं, जिनमें सीधे फांसी की व्‍यवस्‍था की गई है.

RG कर मेडिकल कॉलेज अस्‍पताल में ट्रेनी डॉक्‍टर की रेप के बाद निर्मम तरीके से हत्‍या कर दी गई. इसके बाद पश्चिम बंगाल विधानसभा में ममता सरकार अपराजिता वूमेन एंड चाइल्‍ड (वेस्‍ट बंगाल क्रिमिनल लॉज अमेंडमेंट) बिल-2024 लेकर आई. विधानसभा ने विधेयक को ध्‍वनिमत से पारित कर दिया. इसके बाद स्‍वीकृति के लिए विधेयक को गवर्नर के पास भेज दिया. पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने बलात्कार रोधी विधेयक को शुक्रवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास भेज दिया है. राष्‍ट्रपति की स्‍वीकृति मिलते ही यह कानून बन जाएगा. पश्चिम बंगाल के अधिकार वाले क्षेत्र में इस कानून के प्रावधानों को लागू किया जा सकेगा. उन्होंने बताया कि चीफ सेक्रटरी मनोज पंत ने दिन में ही राज्‍यपाल आनंद बोस को बिल की टेक्निकल रिपोर्ट सौंपी थी. राज्यपाल ने विधेयक का अध्ययन करने के बाद इसे राष्‍ट्रपति मुर्मू के पास भेज दिया.

अपराजिता विधेयक: इन 5 मामलों में मौत की सजा

  • महिला से रेप.
  • पुलिस अधिकारी या सरकारी कर्मचारियों द्वारा रेप.
  • रेप से पीड़िता की मौत या उनका कोमा में जाना.
  • महिला से गैंगरेप.
  • रेप मामले में आदतन अपराधी.

रेप और मौत की सजा
महिलाओं के खिलाफ रेप और अन्‍य तरह के जघन्‍य अपराध को रोकने के लिए कानूनी प्रावधान बनाने को लेकर जस्टिस जेएस वर्मा कमेटी गठित की गई थी. वर्मा कमेटी ने रेप या रेप और हत्‍या जैसे मामलों में मौत की सजा का प्रावधान करने के समर्थन में राय व्‍यक्‍त नहीं की थी. बता दें कि निर्भया कांड के बाद महिला सुरक्षा से जुड़े कानून को और सख्‍त कर दिया गया था. 12 साल से कम उम्र की बच्‍ची से रेप या फिर 18 साल से कम उम्र की किशोरी से गैंगरेप के मामले में मौत की सजा का प्रावधान किया गया है. दिलचस्‍प बात यह है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा की ओर से पारित विधेयक को स्‍वीकृति के लिए राष्‍ट्रपति के पास भेजा गया है. राष्‍ट्रपति की मंजूरी के बाद ही यह विधेयक कानून का रूप ले सकेगी. राष्‍ट्रपति की अनुमति मिलने के बाद यह कानून पश्चिम बंगाल में लागू हो जाएगा.

3 सितंबर को अपराजिता बिल को किया गया था पास
राज्‍यपाल आनंद बोस ने बिल को मंजूरी देने के लिए जरूरी टेक्निकल रिपोर्ट इसके साथ भेजने में नाकाम रहने को लेकर गुरुवार को ममता बनर्जी सरकार की आलोचना की थी. पश्चिम बंगाल विधानसभा ने 3 सितंबर को सर्वसम्मति से अपराजिता महिला एवं बाल (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून संशोधन) विधेयक 2024 पारित किया था. प्रस्तावित कानून में पीड़िता की मौत होने या उसके कोमा जैसी स्थिति में जाने पर दोषियों के लिए मौत की सजा का प्रावधान किया गया है. बिल का उद्देश्य रेप और यौन अपराधों से संबंधित नए प्रावधानों के जरिये महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा मजबूत करना है. कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में 9 अगस्त को डॉक्‍टर से रेप और हत्‍या की घटना के बाद जारी व्यापक प्रदर्शनों के मद्देनजर यह विधेयक पेश और पारित करने के लिए विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र बुलाया गया था.

Tags: CM Mamata Banerjee, National News, West bengal news

FIRST PUBLISHED :

September 6, 2024, 23:35 IST

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