नई दिल्ली. लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने हाल ही में सेना में भर्ती की अग्निपथ योजना पर सवाल खड़ा किया था, जिसके बाद यह मुद्दा फिर से चर्चा में है. केंद्र एक तरफ इसे युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए सही योजना करार दे रहा है, तो वहीं विपक्ष लगातार सरकार पर हमला बोल रही है कि और योजना को वापस लेने की मांग कर रही है. विपक्ष का कहना है कि ‘अग्निवीर योजना’ में शामिल युवाओं को कई तरह की सुविधाओं से वंचित किया जा रहा है, जो उन्हें सेना में जाने पर मिलता था.
इसी मुद्दे पर लद्दाख के उप-राज्यपाल बी.डी. मिश्रा ने खुलकर बात की और कहा कि सरकार की यह योजना काफी सोच-समझकर लाई गई है, जिसमें युवाओं के हित को सर्वोपरि रखा गया है. उन्होंने इस योजना की आलोचना करने वालों पर परोक्ष रूप से हमला बोला और कहा कि उन्हें किसी भी विष्य पर बात करने से पहले उसके बारे में विस्तार से पता कर लेना चाहिए. अग्निवीर योजना को लेकर उप-राज्यपाल ने चार अहम बिंदुओं पर अपनी बात रखी.
सवाल: आपका सेना में लंबा अनुभव रहा है, अग्निवीर योजना को आप कैसे देखते हैं?
जवाब: मैं अग्निवीर योजना को एक कारगर योजना के तरीके से देखता हूं और इस योजना के कई पहलू हैं और हर पहलू पर मैं समझता हूं यह योजना खरी उतर रही है. पहली बात तो यह है कि जब देश की सुरक्षा का सवाल आता है तो उसमें कई सर्विस तमाम तरह के सुधार लाती है. उनमें अग्निवीर एक सुधार है. बड़ी व्हील में कॉक होते हैं वैसे ही अग्निवीर एक कॉक है. इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि हम अपनी आर्मी को जवान रख सकते हैं. अगर आर्मी जवान रहेगी तो उनकी क्षमता किसी भी युद्ध क्षेत्र में बहुत कारगर रहेगी.
दूसरी बता, जहां तक अग्निवीर लोगों का सवाल है. उसमें इनके लिए जो प्रावधान हैं, उसमें इनका फ्यूचर है 25 आकर आर्मी में आएं या 75 प्रतिशत होकर सिविल में आएं. इनका फ्यूचर बहुत ही ब्राइट है. इनका भविष्य सुरक्षित है. किसी भी हालत में चाहे वह नौकरी कर रहे हो या युद्ध में… इनके साथ कुछ हो जाए सेना उनके साथ है. सरकार का जो रुख है वह अग्निवीर के लिए ही नहीं, बल्कि सेना के हर क्षेत्र के लिए बेस्ट सर्विस कंडीशन प्रदान की जाए. अग्निवीर के खिलाफ झूठा प्रचार हो रहा है. जो जिम्मेदार लोग हैं, उनको यह बातें समझनी चाहिए और उन्हें अध्ययन करना चाहिए कि वह ऐसे बयान क्यों दे रहे हैं.
सवाल: अग्निवीर योजना देश के लिए और एक युवा के लिए कितनी प्रभावी?
जवाब: अग्निवीर चार साल के लिए आते हैं और इनकी ट्रेनिंग का जो पीरियड है, नौकरी को देखते हुए उसे छोटा किया जा सकता है. अग्निवीर की ट्रेनिंग को कंप्रेस कर दिया गया है. जब वह नौकरी पर आता है तो प्रेयर ग्रुप के साथ ट्रेनिंग करता है. फिर सीनियर से गाइडेंस मिलता है. इनको और तरह की डिग्री मिलती है. जब नौकरी छोड़ते हैं तो पैसे मिलते हैं. इसके बाद इन्हें कई जगह रिजर्वेशन मिलता है. अलग-अलग जगह रिर्जेवेशन है. आप यह सोचो चार साल तक इंटरमीडिएट पास करके गया उसे सुबह पीटी करवाई गई, फिर आर्म्स ट्रेनिंग करवाई गई. पढ़ाई की गई, अफसर ने गाइड किया. इससे उसके जीवन में कितना फर्क पड़ेगा.
सवाल: अग्निवीर योजना से ट्रेनिंग लेकर बाहर आये युवा के लिए समाज में कितना अवसर है?
जवाब: लड़का 18 साल की उम्र में भर्ती होता है और 22 साल के बाद सेना से रिटायर हो जाता है. उसके बाद अगर वह किसी कंपनी में नौकरी के लिए इंटरव्यू देने जाता है, तो उसे प्राथमिकता दी जाएगी क्योंकि वह अपनी उम्र वालों से कहीं आगे होगा. कंपनियां अपने यहां फिर अग्निवीरों को ही लेंगे. इनका फ्यूचर काफी ब्राइट होगा. विदेशों में भी कई जगह इस तरह सेना में युवाओं को रखा जाता है. वहां युवा जाते हैं, ताकि वह और निखर सकें. सरकार को जब भी लगता है तो वह इसमें सुधार करती रहती है. इसी के साथ-साथ सरकार को इससे जो बचत होती है, उसका इस्तेमाल हथियार खरीदने के लिए किया जा सकता है. हर चीज प्रफेकट नहीं होती है. उसमें सुधार होता रहा है. अगर किसी चीज में कमी होती तो सेना, जल और वायु प्रमुख इस योजना को स्वीकार नहीं करते.
सवाल: अग्निवीर योजना पर जो राजनीति हो रही है, उस पर आपकी क्या राय है?
जवाब: पॉलिटिक्स को लेकर मैं कमेंट नहीं कर सकता हूं, पर मैं यह कह सकता हूं कोई भी मुद्दा कोई भी उठाए. वो सोच समझकर, उसकी पूरी डिटेल लेकर उठाना चाहिए. हम सिर्फ विपक्ष होने के नाते कोई सवाल नहीं उठाना चाहिए. ऐसे में यह उन लोगों पर सवाल है जो यह कहते हैं कि हम देश के लिए लड़ना चाहते हैं. जो इस योजना के जरिए सेना में जाना चाहते हैं, वो कहते हैं कि हम तैयार हैं और बाहर वाले कहते हैं कि हम तैयार नहीं हैं. ऐसे में अग्निवीर के लोगों को हतोत्साहित करने की जरूरत नहीं है.
अग्निपथ योजना की घोषणा 14 जून, 2022 को की गई थी. इसमें 17 से 21 वर्ष की आयु वर्ग के युवाओं को केवल चार साल के लिए सेना में भर्ती करने का प्रावधान किया गया था, जिनमें से 25 प्रतिशत को आगे 15 और वर्षों के लिए बनाए रखने का प्रावधान है. सरकार ने बाद में ऊपरी आयु सीमा को बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया.
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FIRST PUBLISHED :
July 8, 2024, 21:52 IST