हाथरस सत्संग के दौरान हुए हादसे में जान गंवाने वालों में 11 महिलाएं मथुरा की हैं। किसी ने अपनी मां को खोया, किसी ने बहन-पत्नी को। भगदड़ के बाद सही सलामत मथुरा पहुंचने वाली 15 साल की निशा गई मां के साथ थी, मगर भगदड़ में एक बार हाथ छूटने के बाद निशा को म
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निशा थाना हाइवे इलाके के गांव नगला माना की किशन देवी की बेटी है। वह अपनी मां के साथ सत्संग सुनने गई थी।
परिवार के लोगों के मुताबिक, किशन देवी मंगलवार की सुबह 7 बजे घर से निकलीं। हाईवे से सत्संगियों के साथ बस में सवार होकर हाथरस पहुंची थीं। सत्संग खत्म होने के बाद किशन देवी अपनी बेटी निशा के साथ वापस लौट रही थीं। उसी समय भीड़ का सैलाब आया और मां के हाथ से निशा छूट गई।
निशा जब तक संभलती तब तक भीड़ के सैलाब में उसकी मां गुम हो गई। बदहवास हुई निशा को कुछ समझ नहीं आया। वह कभी भीड़ को देख रही थी तो कभी उस भीड़ में अपनी मां को तलाश करती। वहां मौजूद लोगों से पूछ रही थी कि किसी ने उसकी मां को देखा है? लेकिन उसे कोई जवाब नहीं मिला। 2 घंटे तक निशा अपनी मां को तलाशती रही।
यह उसी भगदड़ का एक दृश्य है, जिसमें मथुरा से गईं 11 महिलाओं ने जान गंवा दी।
निशा खुद ही ट्रेन में बैठकर वापस पहुंची
निशा ने बताया- जब उसकी मां नहीं मिली तो किसी ने उसे बस में बैठाकर सिकंदराराऊ रेलवे स्टेशन भेजा। उसके पास पैसे नहीं थे, लेकिन सत्संग में आई भीड़ वहां से मथुरा की तरफ आ रही एक ट्रेन में सवार हो गई। रास्ते में से किसी व्यक्ति के फोन से निशा ने अपने भाई से बात की। जिसके बाद वह अपने घर पहुंची।
6 बहनों में सबसे छोटी है निशा
निशा के पिता प्रभाती का 2008 में बीमारी के चलते निधन हो गया था। मां और उसके इकलौते भाई योगेंद्र मजदूरी करके अपने परिवार का पालन-पोषण करते थे। 7 भाई-बहन में सबसे छोटी निशा की 5 बहनों और एक भाई की शादी हो चुकी है। 11वीं में पढ़ने वाली निशा को मां पढ़ा-लिखाकर उसके हाथ पीले करना चाहती थी। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था।
वॉट्सऐप से मिली जानकारी
निशा के भाई योगेंद्र ने बताया- शाम 5 बजे वॉट्सऐप पर मैसेज आया कि सत्संग में हादसा हो गया है। जिसके बाद उसने अपनी मां को फोन लगाया। फोन किसी अज्ञात व्यक्ति ने उठाया जिस पर बताया कि उसकी मां की मौत हो गई है। इसके बाद बहन के बारे में जानकारी की तो कुछ पता नहीं चला। सूचना मिलने के बाद मां के शव को लेने हाथरस चले गए।
पुलिस की मौजूदगी में हुए अंतिम संस्कार
हादसे में मथुरा की 11 महिलाओं की मौत हुई थी। बुधवार को जब अलग अलग गांव की रहने वाली महिलाओं के शव उनके घर पहुंचे तो कोहराम मच गया। दोपहर बाद गमगीन माहौल में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में परिजनों ने अंतिम संस्कार किया।
इनकी हुई मौत
हाथरस में हुए हादसे में मथुरा के थाना हाईवे इलाके की रहने वाली 50 वर्षीय सुमन, 45 वर्षीय किशन देवी, 65 वर्षीय भगवान देवी और 70 वर्षीय जयवंती देवी हैं। इसके अलावा मगोर्रा के गांव डोमपुरा की 65 वर्षीय बासो, 70 वर्षीय मुद्रा, नगला हरजू की रहने वाली 60 वर्षीय श्याम वती, थाना यमुनापार के लोहवन की रहने वाली यशोदा, लक्ष्मी नगर की पुष्पा देवी, फरह की त्रिवेणी देवी और मांट की कमलेश की मौत हुई थी।
हादसे में मथुरा की 11 महिलाओं की मौत हुई थी