जौनपुर निवासी आरोपी मंगेश यादव की पुलिस मुठभेड़ में मौत पर संदेह जताते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील डॉ. गजेंद्र सिंह यादव ने मामले को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में दर्ज कराया है। पुलिस विभाग के अतिरिक्त किसी उच्चस्तरीय जांच संस्था से जांच कराने की मा
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ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में भरत ज्वैलर्स के यहां दिन दहाड़े डकैती का आरोपी पुलिस मुठभेड़ में मारा गया है। ये मुठभेड़ देहात कोतवाली थाना के बाईपास स्थित मिश्रपुर पुरैना के पास बदमाश और एसटीएफ के बीच हुई। सुल्तानपुर के कोतवाली देहात के मिसिरपुर पुरैना इलाके में मुठभेड़ हुई। बाईपास पर एसटीएफ के जवानों का जमावड़ा है। चौक घंटाघर डकैती कांड में बदमाश पर एक लाख का इनाम घोषित किया गया था।
पुलिस का कहना है कि मुखबिर की सूचना पर मंगेश यादव मोटरसाइकिल से हनुमानगंज के पास पहुंचा था। तभी एसटीएफ ने उसे घेर लिया। मंगेश ने पुलिस टीम पर फायर किया। इस दौरान जवाबी कार्रवाई में एसटीएफ ने भी मंगेश के ऊपर फायरिंग किया। जिसमें मंगेश को गोली लगी। जिससे मंगेश घायल हो गया। पुलिस उसे अस्पताल लेकर पहुंची, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
अखिलेश यादव ने बताया फर्जी
वहीं एनकाउंटर पर सियासत शुरू हो गयी। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एनकाउंटर को फेक बताया। कहा जाति देखकर गोली मारी गयी। कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने अखिलेश के बयान पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि पुलिस आत्मरक्षा के लिए क्या फूल बरसाएगी।
वहीं इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील गजेंद्र सिंह यादव ने एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में मामला दर्ज कराया है। पुलिस विभाग के अतिरिक्त किसी उच्चस्तरीय संस्था से जांच कराने की मांग की है