सीतापुर के एक गांव में चौड़ी सड़क बनाने को लेकर जब जनप्रतिनिधियों ने ग्रामीणों की नहीं सुनी तो उन्होंने श्रमदान कर 500 मीटर की कच्ची सड़क निर्माण कर गांव तक रास्ता बना लिया। हर साल गोमती नदी में पानी बढ़ते ही ग्रामीणों की सड़क पानी में बह जाती है। ग्रा
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मामला विकासखंड सिधौली इलाके का है। यहां तहसील के ग्राम रायपुर देवसिंह गांव जाने के लिए कई सालों से सड़क का निर्माण नहीं हुआ। सड़क नहीं बनने का मुख्य कारण जमाबंदी जमीन था। बताया जाता है कि ग्रामीण इसके लिए अपनी जमीन दान देने को भी तैयार थे। लेकिन किसी भी अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि ने उनकी पीड़ा को नहीं समझा।
चार पहिया वाहन नहीं पहुंचते गांव में यदि कोई बीमार हो जाए तो उसे खाट में टांग कर मुख्य सड़क पर लाया जाता है। चकमार्ग होने से गांव में चार पहिया वाहन नहीं पहुंचने के कारण ग्रामीणों को काफी परेशानी हो रही थी। गांव में बैठक कर निर्णय लिया कि अब प्रशासन एवं जनप्रतिनिधि के पास फरियाद नहीं लगाई जाएगी। रायपुरदेव सिंह गांव के निवासी संजय त्रिपाठी ने बताया है कि गांव के सभी घरों से चंदा इकट्ठा कर स्वयं श्रमदान करके सड़क बनाने का निर्णय लिया गया। इसी प्रकार ग्रामीणों ने गांव से सीमा तक लगभग 500 मीटर मिट्टी डालकर सड़क का निर्माण कर दिया।
ग्रामीणों ने श्रमदान करके खुद से सड़क बना डाली।