Saturday, January 11, 2025
Saturday, January 11, 2025
Home सपा के दो विधायक भी नहीं दिला पाए जीत:अपनों से दूरी और दूसरों की आवभगत बनी स्मृति की हार का बड़ा कारण

सपा के दो विधायक भी नहीं दिला पाए जीत:अपनों से दूरी और दूसरों की आवभगत बनी स्मृति की हार का बड़ा कारण

by
0 comment

2019 में राहुल गांधी को चुनाव हराने वाली केंद्रीय मंत्री और भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी 2024 के चुनाव में गांधी परिवार के एक करीबी के हाथों बुरी तरह से पराजित हुई हैं। कांग्रेस प्रत्याशी किशोरी लाल शर्मा ने स्मृति ईरानी को 167196 वोटों से हराकर अमेठ

.

अपने विधानसभा में दबदबा रखने वाले जिले के भाजपा विधायक और मंत्री अपनी विधानसभा में स्मृति ईरानी को जीत नहीं दिलवा सके। यहां तक कि भाजपा के लिये प्रचार करने वाले सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह और महाराजी देवी के विधानसभा क्षेत्र से भी भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा।

भाजपा के जिला पंचायत अध्यक्ष राजेश अग्रहरि के जिला पंचायत क्षेत्र से भी भाजपा को करारी हार मिली। चुनाव में अपने विधानसभा में भाजपा के लिए लगातार कैम्पेन करने वाले तिलोई विधायक और प्रदेश के स्वास्थ्य राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह की विधानसभा में भाजपा 18818 वोटों से पराजित हुई। सलोन विधानसभा में भाजपा विधायक अशोक कोरी ने भी कड़ी मेहनत की, लेकिन इस विधानसभा में भी भाजपा को सबसे बड़ी हार 52318 वोटों से मिली।

सलोन और अमेठी विधानसभा में बड़ी हार
जगदीशपुर विधानसभा में मौजूदा विधायक सुरेश पासी भी कोई कमाल नहीं कर सके और इस विधानसभा में स्मृति ईरानी को 15425 वोटों से मात खानी पड़ी। गौरीगंज विधानसभा में सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह का जादू नहीं चला और यहां स्मृति ईरानी की 30318 वोटों से हार मिली। भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी को सबसे बड़ी हार अमेठी में मिली जहां चुनाव के पहले भाजपा का प्रचार करने वाली सपा विधायक महाराजी प्रजापति और उनके परिवार के बड़ा रिएक्शन देखने को मिला, जहां स्मृति ईरानी को 46689 वोटों से बड़ी हार मिली। स्मृति ईरानी को सबसे बड़ी हार सलोन और अमेठी विधानसभा में मिली।

अपराधियों ने भी सेफ जोन में ज्वाइन की भाजपा
पूरे चुनाव में भाजपा के लिए सबसे ज्यादा मेहनत करने वाले जिला पंचायत अध्यक्ष राजेश अग्रहरि का भी जादू नहीं चला। उनके जिला पंचायत क्षेत्र में भी भाजपा को बड़ी हार मिली। भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी को मिली हार पूरे लोकसभा में चर्चा का विषय बना हुआ है। राजनीतिक पंडित बताते है कि स्मृति ईरानी के लिए अपने मन के व्यक्ति को रखकर जिले की कमान देना दुर्भाग्यपूर्ण रहा। इसके साथ जिले के अपराधी सेफ जोन की तलाश में भाजपा में शामिल हो गए, जिन्हें बढ़ावा मिला।

पुराने कार्यकर्ताओं पर नहीं जताया भरोसा
पार्टी के जो पुराने कार्यकर्ता थे उसको नजरअंदाज करके उनका मानमर्दन करना और पुराने भाजपा कार्यकर्ताओं को भरी सभा कुछ भी कहकर बेइज्जत करना हार का प्रमुख कारण रहा। स्मृति ईरानी ने अपनों पर भरोसा नहीं किया नए आने वालों की खूब आवभगत की और चुनाव में अपनों को भूल गईं। इसी कारण पुराने और निष्ठावान कार्यकर्ता पार्टी से दूर होते गए। पार्टी ने इन कार्यकर्ताओं को एक जुट करने के बजाय बाहर से आये नेताओं को ज्यादा तवज्जो दिया जो स्मृति ईरानी की हार का मुख्य कारण रहा।

दो सपा विधायकों को अपने पाले में लाना स्मृति की सबसे बड़ी भूल
राजनीतिक जानकर बताते है कि चुनाव के पहले गौरीगंज सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह और अमेठी विधायक महाराजी प्रजापति को अपने पाले में लाना स्मृति ईरानी की सबसे बड़ी भूल साबित हुई।राकेश समेत उनका पूरा परिवार भाजपा का प्रचार और वोट देने की अपील करता रहा लेकिन लोगों ने पूरी तरह से उन्हें नकार दिया। ऐसा ही कुछ अमेठी विधानसभा में भी नहीं देखने को मिला, जहां जेल में बंद गायत्री प्रजापति की विधायक पत्नी महाराजी देवी और उनका पूरा परिवार भाजपा को वोट देने की अपील करता रहा, लेकिन जनता ने उन्हें नकार दिया और अमेठी विधानसभा में स्मृति ईरानी को बड़ी हार मिली। इन दोनों विधानसभाओं में भाजपा की बड़ी हार के बाद कही न कहीं इन दोनों विधायकों के सियासी सफर पर भी खतरे के बादल मंडराने लगे हैं।

Leave a Comment

About Us

Welcome to janashakti.news/hi, your trusted source for breaking news, insightful analysis, and captivating stories from around the globe. Whether you’re seeking updates on politics, technology, sports, entertainment, or beyond, we deliver timely and reliable coverage to keep you informed and engaged.

@2024 – All Right Reserved – janashakti.news/hi

Adblock Detected

Please support us by disabling your AdBlocker extension from your browsers for our website.