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होमन्यूज़इंडियासंसद परिसर से क्यों हटाई गई महात्मा गांधी-अंबेडकर और छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति? लोकसभा सचिवालय ने दिया ये जवाब
संसद परिसर से क्यों हटाई गई महात्मा गांधी-अंबेडकर और छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति? लोकसभा सचिवालय ने दिया ये जवाब
Parliament: संसद परिसर में महात्मा गांधी, बाबासाहेब आंबेडकर और छत्रपति शिवाजी की प्रतिमाओं को हटाने पर अब लोकसभा सचिवालय का बयान आया है. उन्होंने मूर्ति हटाने के फैसले का बचाव किया है.
By : एबीपी लाइव | Edited By: Faisal Ali | Updated at : 06 Jun 2024 09:29 PM (IST)
संसद भवन ( Image Source :PTI )
Parliament House: संसद परिसर में महात्मा गांधी, बाबासाहेब आंबेडकर और छत्रपति शिवाजी की प्रतिमाओं को उनके मूल स्थानों से हटाकर दूसरी जगह स्थापित किए जाने को लेकर अब सियासत तेज हो गई है. कांग्रेस ने इस फैसले की कड़ी आलोचना की है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने इस फैसले को अनुचित कदम बताया है.
हालांकि, इस मामले पर लोकसभा सचिवालय ने प्रतिक्रिया दी है. लोकसभा सचिवालय ने एक बयान जारी कहा, ”नए संसद भवन के निर्माण के बाद संसद परिसर के सौंदर्यीकरण के लिए कार्ययोजना बनाई गई है. संसद परिसर में देश के महान नेताओं और स्वतंत्रता सेनानियों की प्रतिमाएं परिसर के अलग-अलग हिस्सों में स्थापित की गई थीं. संसद परिसर में अलग-अलग स्थानों पर स्थित होने के कारण विजिटर को इन प्रतिमाओं का दर्शन करने में दिक्कतें आ रही थी. इस कारण इन सभी प्रतिमाओं को संसद भवन परिसर में ही एक भव्य प्रेरणा स्थल में सम्मानपूर्वक स्थापित किया जा रहा है.”
लोकसभा सचिवालय ने जारी किया बयान
लोकसभा सचिवालय ने आगे कहा कि इस प्रेरणा स्थल को इस तरह से विकसित किया जा रहा है कि संसद परिसर में आने वाले विजिटर इन महान नेताओं की मूर्तियों को आसानी से देख सकते हैं और उनके जीवन और दर्शन से प्रेरणा ले सकते हैं.
बदला नजर आएगा संसद परिसर
दरअसल, आदिवासी नेता बिरसा मुंडा और महाराणा प्रताप की प्रतिमाएं भी पुराने संसद भवन और संसद पुस्तकालय के बीच लॉन में लगाई गई हैं. अब सभी प्रतिमाएं एक ही जगह पर हैं. इस महीने जब 18वीं लोकसभा का पहला सत्र शुरू होगा तो संसद परिसर नये स्वरूप में नजर आएगा. संसद परिसर के अंदर चार इमारतों को मिलाकर एकीकरण का काम जारी है. बाहरी क्षेत्र के पुनर्विकास के तहत, महात्मा गांधी, शिवाजी और महात्मा ज्योतिबा फुले सहित राष्ट्रीय महापुरुषों की प्रतिमाओं को पुराने संसद भवन के गेट नंबर 5 के पास एक लॉन में स्थानांतरित करने की योजना है, जिसे संविधान सदन नाम दिया गया है.
इससे नए संसद भवन के गजद्वार के सामने एक विशाल लॉन के निर्माण का मार्ग प्रशस्त होगा, जिसका उपयोग राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री द्वारा नए भवन में प्रवेश करने के लिए किया जाएगा. इस लॉन का इस्तेमाल बजट सत्र के दौरान संसद के संयुक्त अधिवेशन में राष्ट्रपति के अभिभाषण जैसे आधिकारिक समारोहों के लिए भी किया जा सकता है.
कांग्रेस ने उठाए थे सवाल
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर लिखा, ‘‘छत्रपति शिवाजी महाराज, महात्मा गांधी और डॉ बाबासाहेब आंबेडकर की प्रतिमाओं को हाल में संसद भवन के सामने स्थित उनके विशिष्ट स्थानों से हटा दिया गया है, यह अनुचित है.” वहीं, प्रमुख पवन खेड़ा ने बीजेपी पर निशाना साधा और कहा कि महाराष्ट्र के मतदाताओं ने भाजपा के लिए वोट नहीं डाला तो शिवाजी और आंबेडकर की प्रतिमाएं संसद में उनके मूल स्थान से हटा दी गईं.
Published at : 06 Jun 2024 09:29 PM (IST)
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