2007 और 2011 की टी-20 और वनडे वर्ल्ड कप चैंपियन भारतीय टीम के सदस्य रहे पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर भारतीय क्रिकेट टीम के नए हेड कोच बन गए हैं। बीसीसीआई ने मंगलवार को उन्हें राहुल द्रविड़ का उत्तराधिकारी नियुक्त किया। भारत की 2011 एकदिवसीय विश्व कप जीत में अहम भूमिका निभाने वाले 42 वर्षीय बाएं हाथ के बल्लेबाज गंभीर द्रविड़ की जगह लेने की दौड़ में सबसे आगे थे। द्रविड़ का कार्यकाल पिछले महीने बारबाडोस में टी-20 विश्व कप में भारत की जीत के साथ खत्म हुआ था। नवंबर 2021 में रवि शास्त्री की जगह लेने वाले द्रविड़ के बाद वीवीएस लक्ष्मण के मुख्य कोच का पद संभालने से इनकार करने के बाद गंभीर ही बीसीसीआई की पहली पसंद बन गए। ऐसे में चलिए आपको वो पांच वजह बताते हैं, जो गौतम गंभीर को इस पोजिशन के लिए परफेक्ट चॉइस बनाते हैं।
युवा टैलेंट खोजने में माहिर: गौतम गंभीर को उनके खिलाड़ी और फैंस द्वारा एक विश्वसनीय और प्रभावशाली व्यक्ति माना जाता है। नवदीप सैनी, हर्षित राणा, मयंक यादव, मोहसिन खान सरीखे कई प्लेयर्स गंभीर को अपना गॉडफादर मानते हैं। पुराने खिलाड़ियों की जगब अब नए हेड कोच रियान पराग, अभिषेक शर्मा जैसे युवा चेहरों पर दांव लगाते नजर आ सकते हैं।
खेल की बेहतर समझ: गौतम गंभीर एक अनुभवी और सफल क्रिकेट खिलाड़ी रहे हैं। उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम में बड़ी सफलताएं हासिल की। उनके पास खेल की गहरी समझ है। साल 2003 में भारतीय नेशनल टीम के लिए डेब्यू करने वाले गंभीर ने सलामी बल्लेबाज के रूप में अपनी दृढ़ता और कौशल से जल्द ही छाप छोड़ी। गंभीर के करियर ने सही मायने में 2007 में उड़ान भरी।
एग्रेसिव माइंडसेट:गौतम गंभीर के खेल में सौरव गांगुली की झलक दिखती है। वह ऑस्ट्रेलियाई माइंडसेट से खेलते हैं। एग्रेसिव प्लानिंग करते हैं। मैदान पर उनके बिहेवियर से लेकर फैसलों में इसकी झलक मिल जाती है। उनके खुद के खेलने का अनुभव और टीम इंडिया में भावनाओं, दबावों और जरूरतों को समझने की ताकत से गंभीर काफी आगे जा सकते हैं।
लीडरशिप क्वालिटी: गौतम गंभीर को उनकी लीडरशिप क्षमता के लिए पहचाना जाता है। वे फील्ड पर बेहद आक्रामकता के साथ टीम लीड करते हैं। गंभीर को नेशनल टीम के साथ कप्तान के तौर पर अपनी नेतृत्व क्षमता दिखाने का मौका नहीं मिला, लेकिन उन्होंने अपनी कप्तानी का लोहा तब मनवाया जब उन्होंने आईपीएल में केकेआर को दो-दो बार चैंपियन बनाया। पहली बार लखनऊ सुपर जायंट्स के लिए कोचिंग में हाथ आजमाया और लगातार दो सीजन टीम प्लेऑफ में पहुंची। केकेआर का मेंटॉर बनकर टीम को तीसरा खिताब दिलाया।
ट्रॉफी जीतने का अनुभव: भारतीय टीम भले ही 2024 का टी-20 वर्ल्ड कप जीत गई हो, लेकिन 2013 के बाद से कई आईसीसी ट्रॉफी के फाइनल और सेमीफाइनल में हारकर टूर्नामेंट से बाहर भी हो चुकी है। गौतम गंभीर को टूर्नामेंट जीतना आता है। गंभीर नॉकआउट मैच के दबाव से निपटना जानते हैं। उन्होंने 2007 टी-20 विश्व कप, 2011 वनडे वर्ल्ड कप, 2012 आईपीएल, 2014 आईपीएल और 2024 का आईपीएल बतौर मेंटॉर जीता है।