होमन्यूज़इंडियालोकसभा में डिप्टी स्पीकर के पद को लेकर कांग्रेस की क्या है रणनीति! आखिर क्या है राहुल का गेम प्लान?
लोकसभा में डिप्टी स्पीकर के पद को लेकर कांग्रेस की क्या है रणनीति! आखिर क्या है राहुल का गेम प्लान?
Parliament Session: देश की 18वीं लोकसभा के गठन के बीच डिप्टी स्पीकर का मुद्दा उठ रहा है. दरअसल, 17वीं लोकसभा के पूरे कार्यकाल में डिप्टी स्पीकर का पद खाली था.
By : एबीपी लाइव | Edited By: Mayank Tiwari | Updated at : 28 Jun 2024 08:41 PM (IST)
कांग्रेस पार्टी के सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (फाइल फोटो) ( Image Source :PTI )
Parliament Session: 18वीं लोकसभा स्पीकर के पद को लेकर जहां काफी बवाल मचा हुआ था. इन सब के बीच एनडीए ने ओम बिरला को ध्वनिमत से स्पीकर चुना. मगर डिप्टी स्पीकर पर अब भी संशय कायम है. दरअसल, अभी डिप्टी स्पीकर का चुनाव नहीं हुआ है और कांग्रेस ने इस लोकसभा चुनाव में काफी अच्छा प्रदर्शन किया है. ऐसे में कांग्रेस ये चाहती है कि विपक्ष के सांसद को ये पद दिया जाए.
17वीं लोकसभा में मोदी सरकार ने डिप्टी स्पीकर का पद ख़ाली रखा था, लेकिन इस बार कांग्रेस अपने किसी नेता को डिप्टी स्पीकर को बनाने में अड़ी हुई है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि कांग्रेस इस पद के लिए क्यों अड़ गई है. हालांकि, 16वीं लोकसभा में यह पद एआईएडीएमके के एम थंबीदुरई को मिला था.
16वीं लोकसभा तक डिप्टी स्पीकर का पद रहा विपक्ष के पास
गौरतलब है कि कांग्रेस बुधवार सुबह तक कहती रही कि अगर बीजेपी डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष को देने के लिए तैयार है तो वह लोकसभा अध्यक्ष के लिए अपने उम्मीदवार का नामांकन वापस ले लेगी, लेकिन बीजेपी की तरफ से ऐसा कोई ऑफर नहीं आया. जबकि, छठी लोकसभा से लेकर 16वीं लोकसभा तक डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष के पास रहा है.
जानिए डिप्टी स्पीकर के पास क्या होते हैं अधिकार?
लोकसभा स्पीकर की गैरमौजूदगी में पद संभालते वक्त डिप्टी स्पीकर के पास वही अधिकार होते हैं, जो स्पीकर के पास होते हैं. ऐसे में अगर स्पीकर अपने पद से हटना चाहते हैं तो उन्हें अपना इस्तीफा डिप्टी स्पीकर को सौंपना पड़ता है. इसके अलावा संविधान के आर्टिकल 95 के तहत, स्पीकर का पद खाली होने पर या स्पीकर के सदन में मौजूद न होने पर डिप्टी स्पीकर ही सदन के अध्यक्ष की जिम्मेदारियों को पूरा करता है.
उस समय डिप्टी स्पीकर के पास वो सभी शक्तियां होती हैं जो एक स्पीकर के पास होती है. इसमें सदन में अनुशासन और मर्यादा बनाए रखना और गलत व्यवहार के लिए किसी सदस्य को निलंबित करने के बाद दंडित करने की ताकत भी शामिल है.
कैसे चुना जाता है डिप्टी स्पीकर?
डिप्टी स्पीकर के चुनाव की तारीख स्पीकर की ओर से तय की जाती है. इस पद का चुनाव आमतौर पर दूसरे सत्र में होता है. हालांकि, नई लोकसभा के पहले सत्र में भी चुनाव कराने पर कोई रोक नहीं है. डिप्टी स्पीकर का चुनाव स्पीकर की तरह ही होता है. यानी कि पार्टी को अपने उम्मीदवार को डिप्टी स्पीकर बनाने के लिए बहुमत की जरूरत होती है. मगर, लोकसभा के डिप्टी स्पीकर को विपक्ष से चुने जाने की परंपरा बनी हुई है. साल 2009 में गठित हुई लोकसभा में कांग्रेस बहुमत में थी. फिर भी बीजेपी सांसद करिया मुंडा डिप्टी स्पीकर बने थे.
Published at : 28 Jun 2024 08:41 PM (IST)
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