ऑटो एक्सपो 2025
लॉन्च कारों में 90% ईवी, ये सभी प्रीमियम:कारें सेफ ड्राइविंग में मदद करेंगी, ऑटो मोड ड्राइवर को फ्री रखेगा
मुंबई28 मिनट पहले
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देश की ऑटोमेटिव इंडस्ट्री में नई जंग शुरू हो रही है। इलेक्ट्रिक व्हीकल का मार्केट हथियाने के लिए परंपरागत मोटर इंजन कंपनियों और न्यू एनर्जी व्हीकल कंपनियों के बीच होड़ शुरू हो गई है। इसकी झलक भारत मंडपम में चल रहे भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो में मिल रही है। यहां मारुति, ह्युंडई मोटर्स, किआ मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा जैसी परंपरागत मोटर कंपनियों ने भी ईवी लॉन्च की है।
खास ट्रेंड यह दिखता है कि असल लड़ाई प्रीमियम सेगमेंट पर कब्जे की है। एक्सपो में कुल लॉन्च 20 कारों में 90% से अधिक ईवी हैं। इस सेगमेंट में भी 80% एसयूवी हैं। इसकी वजह प्रीमियमाइजेशन है। प्रीमियम प्रोडक्ट्स की बिक्री से कंपनियों की बैलेंस शीट भी सुधर रही है। 2024 में देश में गाड़ियों की बिक्री 4% ही बढ़ी, लेकिन ऑटो कंपनियों की आय 7% बढ़ी। 7 बड़ी कंपनियों की आय में प्रीमियम सेगमेंट खासकर एसयूवी की बिक्री के चलते 10% से अधिक की तेजी रही।
7 ट्रेंड : कारें सेफ ड्राइविंग में मदद करेंगी, ऑटो मोड ड्राइवर को फ्री रखेगा
- क्विक चार्जिंग : ज्यादातर कंपनियां ऑफर कर रही हैं। यानी 20 मिनट की चार्जिंग में 50-80 किमी की रेंज। मर्सिडीज बेंज की कॉन्सेप्ट कार 25 मिनट में फुल चार्ज हो जाती है।
- लॉन्ग रेंज : करीब 15 कारें ऐसी लॉन्च हुई हैं, जो 500 से 700 किमी की रेंज दे रही हैं। देश में अभी 42% हिस्सेदारी 400 से 500 किमी रेंज वाली ईवी की है।
- एआई बेस्ड कारें : कारें ड्राइवर के बर्ताव के हिसाब से खुद को ढालेंगी। यानी ड्राइविंग रफ है तो कार को पता रहेगा कि बैटरी या फ्यूल कितनी देर चलेगा। नजदीकी चार्जिंग स्टेशन भी बताएगी। तय दूरी तक पहुंचने के गाड़ी तक म्यूजिक, लाइट्स व अन्य फीचर्स रोक देगी।
- सेफ्टी फीचर्स : ड्राइवर के झपकी आने या सुस्त पड़ने पर कारें खुद को नियंत्रित कर सकेंगी। दुर्घटना की स्थिति में सीधे परिजनों को अलर्ट मिलेगा। तमाम कंपनियों ने 11 से अधिक एयरबैग वाली कारें लॉन्च की हैं।
- गाड़ी ड्राइवर की जगह लेंगी : एडॉक सिस्टम ड्राइवर को फ्री रखेंगे, ताकि वे एन्जॉय कर सकें। ऑटोनॉमस सिस्टम का इस्तेमाल बढ़ेगा। इमरजेंसी में भी गाड़ी खुद डिसीजन लेगी।
- सॉफ्टवेयर ही असल ताकत : एडवांस चिप सेट कनेक्टेड गाड़ियां बढ़ेंगी। सॉफ्टवेयर ही मार्केट को ड्राइव करेंगे। गाड़ी में जरूरत के जितने अधिक फीचर्स होंगे, उनकी प्रीमियम होंगी। यानी हार्डवेयर की अहमियत कई मायनों तक सीमित हो जाएगी।
- ईवी इंफ्रा मजबूत होगा : ट्रेडिशनल कार कंपनियों और ऑटो इंडस्ट्री में दबदबा रखने वाली कंपनियों के उतरने से चॉर्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर तेजी से बढ़ेगा, क्योंकि इनके पास विशाल व मजबूत बुनियादी ढांचा पहले से है।
ईवी मैन्युफैक्चरिंग का ट्रेंड बढ़ने जा रहा
बीवाईडी इलेक्ट्रिक व्हीकल बिजनेस के वाइस प्रेसीडेंट राजीव चौहान कहते हैं- ‘भारत में ईवी मैन्युफैक्चरिंग का ट्रेंड तेजी से बढ़ने जा रहा है। बीते साल में भारत में एक लाख से ज्यादा इलेक्ट्रिक पैसेंजर कारें बिकीं। यह इंडस्ट्री का टर्निंग प्वाइंट हैं और आने वाले दिनों में ईवी की हिस्सेदारी तेजी से बढ़ने जा रही है।’